धमण की धमाल 12
गांधीनगर, 21 मई 2020
सरकार गुजरात के मुख्यमंत्री विजय रुपाणी के दोस्त ज्योति सीएनसी के पराक्रमसिंह जडेजा की कंपनी का बचाव कर रही है जो राजकोट में रहते हैं। सरकार मंजूरी देने वाले अधिकारियों का बचाव कर रही है। यदि नहीं, तो सरकार को इन सवालों का जवाब देना चाहिए।
1 – मशीन को आईएसओ 86101 और आईसी 60601 के लिए राष्ट्रीय प्रत्यायन प्रयोगशालाओं द्वारा अनुमोदित प्रयोगशाला में परीक्षण किया गया था। अहमदाबाद सिविल अस्पताल में आचार समिति के सामने एक मरीज पर परीक्षण किया गया था, भले ही दिशा-निर्देशों का पालन किया गया हो। फिर भी इसे कैसे मंजूर किया गया?
2 – एथिक्स कमेटी में क्रिटिकल केयर एक्सपर्ट नहीं बल्कि मेडिसिन के प्रोफेसर डॉ। कमलेश उपाध्याय एक और दुसरा डोक्टर थे। इतनी बड़ी गलती किसने की?
3 – अहमदाबाद के कोरोना अस्पताल के पास 230 मशीन होते हुए भी ब्लोअर क्यों लिया गया।
4 – सिविल अस्पताल में डॉक्टरों द्वारा अधिक वेंटिलेटर की मांग के बाद इस मशीन की अप्रभावीता सामने आई। तो क्यों न ब्लोअर को तुरंत हटा दिया गया ? किसके खिलाफ कार्रवाई की गई?
5 – स्वास्थ्य और परिवार कल्याण विभाग की प्रधान सचिव, जयंती रवि ने धमण -1 के बारे में खुलासा किया कि उस समय वेंटिलेटर की कमी थी। ज्योति सीएनसी ने पहल की और डिवाइस बनाया। सरकार को 1000 ब्लो वेंटिलेटर का दान मिला। गुजरात सरकार के इलेक्ट्रॉनिक्स और गुणवत्ता विकास केंद्र और नागरिक अस्पताल के डॉक्टरों द्वारा इसकी पुष्टि की गई थी। उन्हें तब स्थापित किया गया था। लेकिन किसे जिम्मेदार ठहराया जाएगा?