हैदराबादम की हात्मा गांधी के 150वीं जयंती वर्ष के अवसर पर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित करने के लिए इंडियन पॉलिटिकल एक्शन कमिटी (I-PAC) ने नेशनल एजेंडा फोरम (NAF) लॉन्च किया है। यह एक जन-केंद्रित पहल है जिसका मकसद आम चुनाव 2019 के लिए कार्यान्वित होने योग्य एजेंडा तैयार करना है।
गांधीजी के 18-सूत्रीय संरचनात्मक कार्यक्रम से प्रेरित होकर 29 जून 2018 को NAF लॉन्च किया गया। गांधीजी ने 1945 में इस संरचनात्मक कार्यक्रम के माध्यम से स्वतंत्र भारत की मुख्य प्राथमिकताओं को निर्धारित किया था। भारत के 530 जिलों के 1788 कॉलेजों के 25,000 से अधिक युवाओं ने मिलकर इस प्लेटफॉर्म को लॉन्च किया।
NAF का मकसद गांधीजी के सोच के इर्द-गिर्द बातचीत की शुरुआत कर भारत की प्राथमिकताओं को पुर्नकल्पित और सहनिर्मित करते हुए समकालीन भारत के लिए कार्यान्वित करने योग्य एजेंडा तैयार करना है। इसके लिए देशभर से एक करोड़ नागरिकों को एकजुट किया जाएगा, जो मिलकर एक ऐसे नेता का चुनाव करेंगे जो इस एजेंडे को अमल में लाए।
इंडियन पॉलिटिकल एक्शन कमिटी (I-PAC) द्वारा शुरू किए गए NAF के 4 कार्य बिंदु हैं –
1. सोच को आगे बढ़ाएं: गांधी जी के 18 सूत्रीय संरचनात्मक कार्यक्रम को देश के लोगों के साथ साझा करें।
2. एजेंडा तय करें: भारत की प्राथमिकताओं को पुर्नकल्पित और सह-निर्मित करें एवं समकालीन भारत के लिए अमल में लाए जाने लायक एजेंडा तैयार करने में मदद करें।
3. नेता चुनें: इस एजेंडा को अपनाने और अमल में लाने योग्य नेता को नामित करें।
4. भारत के लिए अभियान करें: चुने गये नेता की लोकसभा चुनाव 2019 जीतने में मदद करें।
नागरिक www.indianpac.com/naf/ पर लॉगइन कर एनएएफ का हिस्सा बन सकते हैं और 11 जुलाई 2018 से 14 अगस्त 2018 के बीच वोट देकर नेता और एजेंडा तय कर सकते हैं।
15 अगस्त को परिणाम घोषित किए जाएंगे। इसके बाद सितम्बर से अक्टूबर में चुने गए नेता के साथ युवा वॉलेंटियर्स की मीटिंग कराई जाएंगी। जहां चुना गया नेता वालंटियर्स के बीच अधिकारिक तौर पर यह सुनिश्चित करेगा कि तय किये गए एजेंडा को वह जनवरी 2019 में अपनी पार्टी के घोषणापत्र में शामिल करेंगा।
I-PAC के बारे में जानेंइं
डियन पॉलिटिकल एक्शन कमिटी (IPAC) शिक्षित युवाओं और युवा पेशेवरों का एक ऐसा प्रभावी मंच है, जहां भारतीय राजनीतिक व्यवस्था में हिस्सा लेने के इच्छुक युवाओं को बिना किसी राजनीतिक दल का हिस्सा बने आने वाली सरकारों के एजेंडा को स्थापित करने के लिए सार्थक रूप से मौका दिया जाता है।
I-PAC की शुरुआत 2013 में सिटिजन फॉर एकाउंटेबल गवर्नेंस (CAG) के तौर पर हुई। यह पिछले 5 सालों से सामाजिक-राजनीतिक क्षेत्र में काम कर रही है। इस ग्रुप की स्थापना देश के प्रतिष्ठित शिक्षण संस्थानों से पढ़े-लिखे युवा प्रोफेशनल्स के द्वारा की गई है। यह भारत की पहली पॉलिटिकल एक्शन कमिटी है। I-PAC ने चुनाव लड़ने और प्रचार करने के तरीकों में प्रोफेशनलिज्म और इनोवेशन के जरिए बदलाव लाने का काम किया है।
I-PAC का मकसद नागरिकों और आने वाली सरकार की प्राथमिकताओं के बीच के अंतर को कम करना है, ताकि एक दूरदर्शी और प्रगतिशील नेता का चयन हो सके और जो नागरिकों की आकांक्षाओं पर खरा उतर सके। I-PAC ने बिहार में ‘नीतीश के सात निश्चय’ और पंजाब में ‘कैप्टन दे नौ नुक्ते’ के जरिए सुनिश्चित किया है कि नागरिकों के एजेंडा कैंपेन का मुख्य आधार हो। यूपी में ‘किसान यात्रा’ के जरिए I-PAC ने किसान कर्ज माफी की मांग जोर-शोर से उठाई, जिसकी गूंज पूरे देश में सुनाई पड़ी।