जज लोया मर्डर केस : अमित शाह जाएंगें जेल, सुप्रीम कोर्ट ने स्वीकारी याचिका, जानें पूरा मामला

जस्टिस लोया कथित हत्याकांड में एक बार फिर से भाजपा अध्यक्ष अमित शाह की मुश्किलें बढ़ने वाली है. जस्टिस लोया की मौत की जांच की याचिका खारिज होने के बाद दाखिल पुनर्विचार याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई करने का मन बनाया है. ये सुनवाई खुली अदालत में नहीं बल्कि जजों के चैंबर में होगी. जस्टिस लोया की मौत प्राकृतिक नहीं थी बल्कि मर्डर था.

इस मांग को लेकर दोबार बॉम्बे लायर्स एशोसिएशन में सुप्रीम कोर्ट्र का दरवाजा खटखटाया है. लायर्स ने कोर्ट के अपने उस फैसले पर पुनर्विचार करने की मांग की है जिसमें जज लोया की मौत को प्राकृतिक बताते हुए एसआईटी जांच कराने से इंकार कर दिया गया था.

1. जस्टिस लोया मर्डर केस की गुत्थी अनसुलझी
जस्टिस लोया की मौत की गुत्थी अभी तक सुलझ नहीं पाई है. देश के लोगों के सामने यह सवाल मुंह बाए खड़ा है कि आखिर उनकी मौत हुई कैसे ? लोया मर्डर केस सवाल राजनीतिक तौर पर भी बेहद संवेदनशील है क्योंकि इसमें देश पर शासन कर रही भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष पर शक की उंगली उठ रही है.

जस्टिस लोया सोहराबुद्दीन शेख फर्जी एनकाउंटर की जांच कर रहे थें. इस एनकाउंटर के मुख्य अभियुक्त भाजपा अध्यक्ष अमित शाह थें. अमित शाह को वह प्रथम दृष्टया दोषी मान रहे थें. अचानक से एक दिन उन्हें दिल का दौरा पड़ा और उनकी मौत हो गई थी.

2. अंग्रेजी पत्रिका ने किया था उजागर
अंग्रेजी मैगजिन द कैरेवन ने सबसे पहले इस मामले को उजागर किया था. कैरेवन की रिपोर्ट के अनुसार सीबीआई के स्पेशल जज ब्रजगोपाल लोया उर्फ जस्टिस लोया की मौत संदिग्ध है. इसमें राजनीतिक संलिप्तता है. उन्होंने ये रिपोर्ट मृतक जज के परिजनों से बातचीत के आधार पर तैयार की थी. बाद में जस्टिस लोया के बेटे अनुज मीडिया के सामने आए और उन्होंने किसी दबाव में कहा कि पिता की मौत को लेकर उन्हें किसी पर शक नहीं है.

3. बेटे ने पहले की थी जांच की मांग
इससे पहले जस्टिस लोया के बेटे अनुज ने पिता की मौत के बाद खत लिखकर अपने पिता की मौत की जांच की मांग की थी. खुद अनुज ने दूसरी चिट्ठी में सवाल खड़ा किया था कि दिल का दौरा पड़ने की हालत में उनके पिता की ईसीजी क्यों नहीं हुई ? वहीं जज लोया के सहपाठी रहे एडवोकेट उदय गवारे ने कहा कि मैं जस्टिस लोया के अंतिम संस्कार में गया था, वहीं परिवार के लोगों के बीच चर्चा थी कि ये मौत नहीं मर्डर है.

सोहराबुद्दीन एनकाउंटर अमित शाह के गले की फांस है. सोहराबुद्दीन की हत्या, उसकी पत्नी और मुख्य गवाह कौसर जहां की हत्या और उसके बाद सुनवाई कर रहे जज की हत्या. ये क्या किसी बड़ी साजिश की ओर ईशारा नहीं ! इसका निर्णय आप खुद करें.

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