फेसबुक के करोड़ों यूजर्स का अकाउंट हैक हुआ है..

सावधान! कल फेसबुक के करोड़ों लोगों का अकाउंट हैक हुआ है। मेरा भी हुआ। कल अचानक वेब और मोबाइल एप्प से मैं फेसबुक से logout हो गया। मुझे लगा कि फेसबुक सिक्योरिटी फीचर के तहत नई कोडिंग डालकर अपने सर्वर को रिफ्रेश कर रहा होगा, शायद इसलिए ऐसा हुआ। हालांकि मैं चौंका ज़रूर। पर बात आई गयी हो गयी।

लेकिन आज सुबह फेसबुक ने खुद मुझे बताया कि मेरी प्राइवेसी और एकाउंट से संभवतः छेड़छाड़ हुई है। मुझ जैसे करोड़ों यूज़र्स के साथ ये खेल हुआ है। फेसबुक इसका पता लगा रही है। उन्होंने अमरीका में पुलिस को भी इसकी सूचना दे दी है।

दरअसल फेसबुक का एक फीचर है- view as. इसी से सम्बंधित कोडिंग में कुछ लूपहोल्स का फायदा उठाकर हैकर्स ने एकाउंट लॉगिन का सिक्योरिटी दरवाजा तोड़ दिया। पहले तो फेसबुक को कुछ समझ में ही नहीं आया पर तुरन्त उनके engineers में हड़कंप मच गया। आनन-फानन में फेसबुक ने उन सभी प्रोफाइल्स को log out कर दिया, जो हैकर्स के कब्जे में हो सकते थे। फेसबुक ने एक्स्ट्रा सावधानी बरतते हुए view as फीचर को भी कुछ समय के लिए डीएक्टिवेट कर दिया। ये अभी पता चलना बाकी है कि किस तरह के प्रोफाइल्स में सेंध लगी? क्या ये कोई पैटर्न था या random? जैसे भारत में मेरे प्रोफाइल की हैकिंग हुई तो ये पता चलना चाहिए कि पत्रकारों के अलावा कॉरपोरेट्स या किस तरह के प्रोफाइल्स को कब्जे में लिया गया। या फिर ये एकदम रैंडम था और उस घड़ी जो भी उनके कोडिंग सीरीज में आया, हैकर्स ने सबको दबा दिया।

एक बात और। डेटा से छेड़छाड़ पे फेसबुक के मार्क जुकरबर्ग की अमेरिकी संसद क्लास लगा चुकी है। सो अबकी बार फेसबुक बहुत पारदर्शिता से यूज़र्स को सबकुछ बता रहा है। उसे क़ानून का डर है। जबकि भारत में खुला खेल फर्रुखाबादी है। आधार के डाटा में सेंध लगाने की अभी खबर छपी थी। सरकार और आधार वाले चुप्पी मार गए। लीपापोती की गई। अव्वल तो इससे इनकार ही कर दिया गया। एयरटेल वालों ने अपने मोबाइल फोन उपभोक्ताओं से बिना पूछे उनके डाटा का इस्तेमाल कर अपने बैंक में उनका एकाउंट खोल दिया। सरकार और संसद खामोश रही। जनता को इतनी टेक्निकल चीज़ें बुझाती नहीं हैं, इसलिए वो फ्री डेटा और फेसबुक इंस्टाग्राम पे फ़ोटो लगाकर मस्त है। पर डाटा का खेल बड़ा हो गया है। उसे समझना होगा।

जब फेसबुक जैसी दुनिया की highly protected वेबसाइट हैक हो सकती है तो अपने यहां का आधार डाटा तो उनके सामने बच्चा है। फिर भी सरकार आधार पे अड़ी हुई है। अब तो सुप्रीम कोर्ट ने भी कुछ शर्तों के साथ मुहर लगा दी। ये ठीक वैसा ही है कि आपको बिना हेलमेट पहनाए आपके सिर पे हथौड़ी से वार किया जाए। जब सिक्योरिटी के इंतज़ाम नहीं हैं तो नागरिकों की निजी जानकारियां वेब पे इस तरह तैरती नहीं छोड़ी जानी चाहिए।

नीचे दो स्क्रीन शॉट लगा रहा हूँ, जो संदेश आज सुबह सुबह फेसबुक से मिले। खेल तो हो गया। फेसबुक वाले क्या बोलेंगे। data breach हो गया। हैकर्स ने अपना काम कर लिया। अब उनका मकसद क्या था, ये पता लगाने की चीज़ है। Written by Nadim S. Akhter | Published on: September 29, 2018