माजिद खोज यात्रा पुलिस ने रद की

तारीख 19/7/2018 को भुज मे रहने वाले माजिद आदम थेबा ओर उनकी पत्नी आशियाना बहन को पुलिस द्वारा मारा गया ओर माजिद को पुलिस ले कर गई तब से माजिद गायब है। उसके बाद तारीख 10/8/2018 को माजिद खोज यात्रा लड़त समिति का गठन किया गया था और तारीख 26/8/2018 को अहमदाबाद से भुज यात्रा का आयोजन किया गया था।*

*आज अहमदाबाद से भुज की माजिद खोज यात्रा का आयोजन किया गया था मगर देर रातको पुलिसने परमिशन केंसल कर दी गई जिस कै बाद से रखियाल में सभा की अनुमति नही मिलने पर जगह बदल के शाहपुर हौज प्राइवेट जगह पर मीटिंग का आयोजन किया गया।*

कार्यक्रम की शुरुआत नेशनल पीस ग्रुप द्वारा संघर्ष गीत के साथ शुरू की गई।

*नदीम भाई दिल्ही-* यह लड़ाई सिर्फ नजीब, या मजीद की नही है यह लड़ाई सभी अल्पसंख्यक, दलित, वंचित तबक्के के अधिकारों की लड़ाई है। यह तमाम इंसाफ पसंद लोगोकी लड़ाई है। अगर हमे पुलिस ने आगे परमिशन नही दी तो हम दिल्ही गृह मंत्रालय के सामने बैठ जाएंगे।
जब तक यह मजीद के बारेमे सही मामला नही हो तो हम पूरे गुजरातमे यह मामला ले कर जाएंगे। पुलिस , गृह मंत्रालय को घेरेंगे।

*एडवोकेट शमशाद पठान-* कल शाम तक परमिशन ग्रांट हो गई मगर अचानक देर रात अचानक सरकार के दबाव के चलते परमिशन केंसल कर दी गई।
अहमदाबाद में 144 साल भर लगी रहती है। आम जनता में पुलिस द्वारा 144 का डर बैठाया गया है। 2017 में मैने 17 बार 144 का भंग किया गया है। इस से डरने की जरूरत नही है।
यह उन तमाम आवाजो को दबाने की कोशिश है जो अपने समुदायों के अधिकारों के लिए रास्ते पर आती है उन्हें दबाने के लिए सरकार दबाव बनाने का प्रयास हो रहा है। यात्रा तो निकालेंगे ओर सवाल भी पुछेंगे की मजीद कहाँ है? यह सवाल उस डर के खिलाफ का सवाल है जो हम लोगो मे कूट कूट कर भरा गया है।
2002 के बाद पोटा जैसे कानून में निर्दोषों को जेल में डाला गया।
फर्जी एनकाउंटर की राजनीति की गई। सादिक जमाल, समीर खान, इशरत जहां, जावेद , तुलसी राम, सोहराबुद्दीन इन सभी के सामने गुनाह दर्ज हुए थे मगर हमने उनकी भी लड़ाई लड़ी है। यह मानव अधिकार की लड़ाई है। हमारे देश का संविधान हमे अधिकार देता है। संविधान और मानव अधिकार हमे हक्क देते है कि सवाल पूछे.
कौन से आईपीसी, पुलिस मैन्युअल में लिखा है कि आप किसी को गायब कर दोगे ओर सवाल भी नही पूछ सकते?
शंभूलाल रेगर जेसे अपराधियो के समर्थनमे आये कितने लोगों के खिलाफ केस दर्ज किए।
हम यात्रा निकालेंगे ओर संविधान के दायरे में राह कर यात्रा निकालेंगे। इस यात्रामें सिर्फ मुसलमान नही दलित, पाटीदार, DNT, OBC तमाम समुदयो का समर्थन है। आपके गुजरात मॉडल के सामने हम मॉडल देंगे जो तमाम वंचित, शोषित समुदायों के अधिकारों की रक्षा करे, बेरोजगारी की बात करे कोमी एकता की बात करे।
हम हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाएंगे ओर इसी रूट पर यात्रा निकालेंगे ओर तारीख भी सभी साथियोको बताएंगे।

*वासिफ हुसेन भाई-* हमे लोग पहेले सवाल करते थे कि मजीद तो गुन्हेगार था। जो कल रात के पुलिस का रवैया रहा उसके बाद हमने प्लानिंग किया अफराजुल, छत्तीसगढ़ में आदिवासियों के साथ क्या हुआ?,अलवर में क्या हुआ, लिंचिंग, लव जिहाद,
यह यात्रा निकालने का उद्देश्य था कि समाजमे लोगो मे से भय का माहौल दूर करना है। समाज के लोगो को जागृत करना है। अब हम जहाँ पर नही जा पाए वहाँ भी जाएंगे और लोगो को जागृत करेंगे। ओर यात्रा तो निकलेगी की डंके की चोट पर यात्रा निकलेगी।

*एडवोकेट कोष्टी-* रूलिंग सरकार पुलिस के एक्शन द्वारा दबाने की कोशिश है। हमे घबराने की जरूरत नही है।
जो डर का माहौल बनाया जा रहा है। हम आज यहाँ इसलिए हे कि जब देश को दबाव किया जा रहा था तब हमने आवाज उठाई थी। हम हमारी आनेवाली पीढ़ी को बता पाएंगे।

*सुफियान राजपूत-* कुछ लोगोने हमारा मोरल तोड़ने का काम किया है। जो साजिद के नाम पर आप गए थे। कल कोई और मुसलमान या दलित को उठाया जाएगा इस के सामने आवाज उठानी पड़ेगी। में bjp को क्यो कोसु क्यों कि हमारे वोट तो कोंग्रेस को दिए है हमारे नेता क्यो हमारे सवाल उठाते नही है?

*अब्दुल अहद पठान-* में उन लोगो से कहना चाहता हु की अभी से फॉर्म में मत आओ अभी हमे और समय मिल गया है।
क्या हमारे देश को गांधीजी, सरदार पटेल, जवाहरलाल नेहरू ने इसलिए आज़ाद करवाया था की लिंचिंग, लव जिहाद के नाम पर निर्दोष लोगो को मारा जाएगा?

हर एक्शन का रिएक्शन होगा मगर संविधान के दायरे में होगा। हमारा लोकतांत्रिक अधिकार है कि पुछेंगे के मजीद कहा है?
गुजरात के CM रूपानी से कहना चाहता हु हम संविधान को मानने वाले लोग है और आप सावरकर को मानते हो। यह देश कोई खाखी चड्डी वाले सावरकर की विचारधारा से नही मगर बाबा साहब अम्बेडकर के बनाए हुए भारत देश के संविधान पर चलेगा।
में कोंग्रेस के मुस्लिम विधायकोसे कहना चाहता हु की आप कॉम के नाम पर वोट मांगते हो मगर जब कोई इंसान गायब होता है तो क्यों नही बोल सकते? ओर उनकी आवाज क्यो उठाते नही हो?
VHP, RSS, बजरंग दल से कहना चाहता हु की आप माप में रहो, गाय के नाम पर इंसानों को मारोगे तो रिएक्शन होगा। मगर संविधान के दायरे में रिएक्शन होगा।
हम भुज पुलिस से कहना चाहते है कि आपकी छाती पर चढ़ कर बोलेंगे मजीद कहा है?

*कार्यक्रम के अंत मे निर्णय किया गया कि*

*तारीख 31/8/2018 को भुज में संमेलन होगा और वही पर यात्रा की नई तारीख का एलान करेंगे ओर आनेवाले दिनों में माजिद के आंदोलन को दिल्ही की सड़कों पर लेजाया जाएगा।