रामदास आठवलेजी,
केंद्रीय सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता राज्यमंत्री,
न्यू दिल्ही.
आप ने मेरे लिया हंमेश अच्छा ही सोचा है. आपने अहमदाबाद में कहा है की, आप पाटीदार को आरक्षण के लिये और किसानो के लिये देश के प्रधान मंत्री के साथ बात करने के लिये तैयार है. ऐ जानकर मुजे खूशी हुंई है. ईस लिये आप को ऐ पत्र लिख रहा हुं.
2017में गुजरात के चूनाव के बारे में आपने पहले हीं बताया था की पाटीदार आरक्षण आंदोलन की अरस भाजपा को दिखती है. अगर आप पाटीदार आरक्षण देने की वात करने ले किये तैयार है, तो में वातचीत करने के लिये तैयार हुं. हमारे सन्माननिय प्रधान मंत्री नरेन्द्र मोदीजी पाटीदार समाज के गांव के लोगो की हातल अच्छी तरह जान ते है. पहेले जो माना जाता था ऐसी अच्छी हालत गांवो में पाटीदार समाज के लोगो की और किसानो की अब नहीं है. पाटीदार समाज के कंई लोको गरीब हे. उन के बच्चे को नौकरीया नहीं मील रही छे. पहले से उन के खेत छोटे हो गये है. लोक बेहालीमें जी रहे हे. ऊन पर काफी बडा बोज है.
अगर मोदी साहब पाटीदार समाज और किसान के हीत की वात करेंगे तो मैं वात चीत करने के लिये तैयार हुं. आप जानते है की पाटीदार के वडा समुदाई आज तक भाजपा के साथ रहा है. अब नहीं है. अगर जो आरक्षण मिलता है औप किसानो के लिये एनडीए सरकार कुछ करने के लिये तैयार हे. आरक्षण देने के लिये तैयार है ओर हमारी मांगे मानने के लिये तैयार है. तो में आप से और नरेन्द्र मोदी से वात करने के लिये तैयार हुं. 2019में फीर से कमल को खीलाने के लिये पुरा गुजरात तैयार है. य़ह करने के लिये मोदीजी और आप तैयार है तो में तैयार हुं. खूल कर आप आ सकते है. मैं कोई राजकारन करने के लिये नहीं आया हुं. में तो मेरे समाज ओर किसान को न्याय दिलाने के लिये अमरणांत अनसन पर बैठा हुं. और जब तक न्याय नहीं मिलता तव तक में अनसन जारी रखुंगा.
लि. हार्दिक पटेल, सत्याग्रही, अहमदाबाद, गुजरात.
03 सप्टेम्बर 2019
संदर्भ —-
रामदास बंडु आठवले भारत के वरिष्ठ सदन राज्यसभा के सदस्य हैं. वे रिपब्लिकन पार्टि ऑफ इंडाया के अध्यक्ष है. केंद्रीय सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता राज्यमंत्री रामदास है.
आपने कहा था
अहमदावाद में 3 सप्टेम्बर 2018ने दिन आठवले ने कहाकी …
में हार्दिक पटेल ओर प्रधान मंत्री नरेन्द्र मोदी के बीच वातचित करने के लिये तैयार हुं. में नरेन्द्र मोदी के साथे वात करने के लिये तैयार हुं. मेरी पार्टी गुजरात, महाराष्ट्र, राजस्थान और हरियाणामां आरक्षण के लिये आंदोलन कर रहे लोको को सपोर्ट करते है. पाटिदार को भी आरक्षण मिलना चाहीए. अगर हार्दिक पटेल आरक्षण चाहता है तो वो नरेन्द्र मोदी की एनडीए सरकार ही कर शकते है. 25% आरक्षण और लोको को मिलना चाहीए.
में मिडियेटर बनने के लिये तैयार हुं
सुरत में उन्होने कहा की ….
हार्दिक पटेल और में प्रफूल पटेल की सादी में मिले थे. मेंने हार्दिक पटेल साथे हाथ मीलाया है. मेंने मनमें कहा हैकी ऐसे हाथ मिलाने से कोई फायदा नहीं है. चूंनाव में हाथ मिलाना चाहिये, ईसीलीए में वात करने ली कौशिश करुंगा. में एक बार टेलिफोन पर बाक करनेकी कोशिष करूंगा. मैं मिडियेटर बनने के लिये तैयार हुं.
पाटीदार-पटेल को आरक्षण मिलना चाहीए ऐसा में मानता हुं. ओर हार्दिक पटेल को मैं जरूर समजाने का प्रयास करूंगा. उनकी डिमान्डका मैं सपोर्ट करतां हुं. मै तो पहेले से ही, जब हार्दिकने पटेल के किये आरक्षण की मांग नहीं की थी तबसे हमने पटेल – पाटीदार को मराठा को आरक्षण मिलना चाहीये ऐसी डिमान्ड मेरी पार्टीने की है.
जरूर हार्दिकजी की मैं सरकार से वात करते है. ईस्यु को सोल करना है तो सरकार के साथ वात होनी चाहीए. सरकार से वात करने के लिये में तैयार हुं. ईसमे से मार्ग निकलना चाहीए.
हैदराबाद में आपने कहाथा
केंद्रीय मंत्री रामदास आठवले ने अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति और ओबीसी के लिये मौजूदा आरक्षण में हस्तक्षेप किये बिना अन्य समुदायों के आर्थिक रूप से पिछड़े लोगों को आरक्षण देने का समर्थन किया. उन्होंने संवाददाताओं से कहा, ‘अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, ओबीसी के आरक्षण को छुए बिना शेष 50 फीसदी में से अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति और ओबीसी में नहीं आने वाली जातियों के लड़के और लड़कियों जिनकी वार्षिक आय 6 लाख रुपये से कम है उन्हें 25 फीसदी आरक्षण देने के लिये एक कानून बनाया जाना चाहिए.’ उन्होंने कहा कि दलितों से अन्याय के कारणों में से एक है कि दूसरे लोग यह महसूस करते हैं कि उस समुदाय को आरक्षण हासिल है.
1 अगस्त 2017में आठवलेने कहाथा
सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता राज्य मंत्री ने कहा कि उन्हें सत्तारूढ़ राजग की एक बैठक में एक प्रस्ताव रखा है. उन्होंने महाराष्ट्र में मराठों, गुजरात में पटेलों, हरियाणा में जाटों, उत्तर प्रदेश में ठाकुरों और राजपूतों, आंध्र प्रदेश और तेलंगाना में रेड्डियों का उदाहरण दिया जिन्हें उनके द्वारा प्रस्तावित आर्थिक रूप से पिछड़े वर्ग के लिये 25 फीसदी आरक्षण में शामिल किया जा सकता है.
उन्होंने कहा, ‘संविधान में एक संशोधन किया जाएगा और इसे 75 फीसदी आरक्षण किया जाएगा. सबको राहत और न्याय मिलेगा. यह मेरी मांग है और मैं उसके लिये प्रयास कर रहा हूं.’
टिप्पणियां मंत्री ने यह टिप्पणी अपने उस बयान के बारे में पूछे गए सवाल के जवाब में की जिसमें उन्होंने कहा था कि क्रिकेट टीम में भी आरक्षण होना चाहिए. आरपीआई (ए) नेता ने कहा कि वह इस बात को देखने के लिये प्रयास करेंगे कि राष्ट्रीय क्रिकेट टीम में आदिवासी और दलित समुदायों के खिलाड़ियों को शामिल किया जाए.