स्टेच्यु ओफ लीबर्टी का विरोध आदिवासी करेंगे

*आदिवासियों का विकास करने की नही लेकिन आदिवासियों को बर्बाद करने की नीति सरकार ने बनाई है।*

उद्योगपतियों को आदिवासी की जमीन आसानी से मिल जाए इसके लिए सरकार ने परिपत्र जारी कर दिया है। आज जिस तरह आदिवासीयो में जागृतता आ रही है और सालो बाद 73AA की जमीन का महत्व आदिवासी को पता चलने लगा है जिसकी वजह से अब आदिवासी की जमीन छीनना नामुमकिन हो गया था। उसके चलते सरकार ने फिर से आदिवासियों की जमीन छीनने के लिए दोगलेपन की नीति बनाई है।

सरकार बोल रही है के 73AA की वजह से आदिवासी विस्तार में बिज़नेस के लिए जमीन नही ले सकती है जिसकी वजह से आदिवासियों का विकास नही हो रहे है। इसीलिए आदिवासी की जमीन छीन कर आदिवासी का विकास करना चाहती है। लेकिन हम आदिवासियों को आपका ऐसा विकास नही चाहिए। हमारी जमीने है हम खुद अपना विकास कर लेंगे।

अगर आपको हमारा विकास ही करना है तो यह विस्तार संविधान की अनुसूची 5 में आता है उसकी अमलवारी कर दो। हमारी जमीन में से जो माईनस,मिनरल्स निकलते है उनपे हमारा अधिकार दे दो। खुद ही हमारा विकास हो जाएगा।

अनुसूचित विस्तार में यह परिपत्र गेर सविधानिक है।

इस परिपत्र के जरिये आप नर्मदा जिल्ले में स्टेच्यू ऑफ यूनिटी बनाकर आस पास के सभी विस्तारो की हमारी आदिवासीयो की जमीन छीन कर उद्योगपति को देना चाहते है, अहमदाबाद – दिल्ली नेशनल कॉरिडोर बनाकर हमारी जमीने आसानी से उद्योगपति को मिल सके इसीलिए सरकारने यह परिपत्र जारी किया है।

हमारे लोगो की जमीन उधोगपति को आसानी से मिल जाये इसके लिए बनाया हुवा यह industrial Entrepreneurs Memorandum का भीलीस्थान टाइगर सेना विरोध करते है।

भीलीस्थान टाइगर सेना के राष्ट्रीय अध्य्क्ष और डेडियापाड़ा के धारासभ्य श्री महेशभाई वसावा सहाब ने इसकी कड़ी निंदा करते हुवे आदिवासियों की जमीन छीनने के यह षड्यंत्र को नजरअंदाज नही किया जाएगा और सरकार इस industrial Entrepreneurs memorandum को वापस ले अगर ऐसा नही होता है तो इसका विरोध किया जाएगा और सभी आदिवासी समाज के संगठनों इकठ्ठा होकर सड़को पे आकर इसका विरोध करेगे।

भीलीस्थान टाइगर सेना इसका विरोध करता है और हम हमारी जमीने बचाने के लिए इसको हम हाइकोर्ट और सुप्रीम में भी चेलेन्ज करने के लिए तैयार है।
और साथ ही में हम हमारा जल ,जंगल, और जमीन बचाने के लिए जन आंदोलन करने के लिए भी तैयार है।

आदिवासी समाज के सभी लोग जागृत हो और हमारी जमीने बचाने के लिए अपना सहयोग दे।