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देश के प्रथम होम मिनिस्टर और हम सब के लिये प्रेरणा, देश की एकता के अनमोल प्रतीक आदरणीय श्री सरदार वल्लभभाई पटेल का जितना भी उपकार माने इतना कम है ये बात कहते हुये वरिष्ठ समाजसेवी हार्दिक हुंडीया बताते है की देश की आज़ादी के लिये लड़ने वाले नेता श्री सरदार वल्लभभाई पटेल शायद आज ज़िंदा होते तो अपनी मूर्ति के लिये इतना रुपया ख़र्चा ना होने देते ? सरदार एक ऐसे नेता थे जो सरल, रचनात्मक, दाग़रहित रतन हमारे देश के थे । शायद आज उनकी आत्मा रोती होगी क्यूँकि उनको भी लगता होगा मेरे देश को आज़ाद कराने के लिये मैं अकेला नहीं था । कई देश के देशप्रेमीयोने अपने देश के लिये जान दे दी है । उनका उपकार हम सब कैसे भूले ? क्या भारतको आज़ाद कराने देश के शहीद जवानो का हाथ नहीं है ? कैसे भूले हम उनकी देश के लिये, हमारी ख़ुशी के लिये अपनी जान दे देना । देश के लिए अपनी जान देने वाले उन जवानो ने अपने माता पिता, पत्नी, बेटा, बेटी सब रिलेशन दूर रख के सिर्फ़ भारत मॉ के लिये अपनी जान दे दी , उनका भी ये देश को आज़ाद कराने में बड़ा हाथ है, क्या मोदीजी उन सभी के भी पुतले देश में विदेशीयो के हाथ से बनाके करोड़ों का ख़र्चा करके बनाएँगे ? ऐसा कह जा रहा है की सरदार के साथ कोंग्रेसने अन्याय किया, तदन झूठी बात है । जो सरदार देश की एकता और अखंडता के लिये कई रजवाड़ों को एक करने की ताक़त जिसमें है वो क्यू किसी से डरे ?
यदि उनके साथ अन्याय हुया होता तो वो कब का कोंग्रेस छोड़ देते ।
लेकिन जिस कोंग्रेस ने देश को आज़ाद कराया , वो कोंग्रेस के महान नेता सरदार वल्लभ भाई पटेल में एकता और भाईचारे की नीति की है और हमें सिखाई है । देश के कई अनमोल नेता लाल बहादुर शास्त्री, सुभाषचंद्रा बोज, भगतसिंग जैसे इतिहास देखोगे तो कई नेता हमें मिलेंगे । कोई भी काम बिना साथ नहीं होता, साथ सब देते है तब एक नेता लड़ सकता है । ३००० करोड़ में तो एक सरदार नगर बस जाता ।
देश के लिये शहीद होने वाले कई जवानो, जिनकी घर की परिस्थिति अछी नहीं है उन सभी को घर बनाके देते तो शायद उन परिवार के लिये हमें कुछ करने एक अच्छा मौक़ा मिलता जो सरकार ने अब गवा दिया । ३००० हज़ार करोड़ रक़म कितनी बड़ी रक़म है । सरदार वल्लभ भाई के नाम पे पूरा नगर बस जाता और नगर के शरु में अद्भुत प्रतिमा सरदार वल्लभ भाई की लगा के भी प्रोग्राम किया जाता था । एक नगर बन जाता तो वहा बसे हुये हमारे देश के लिये जान देने वाले परिवार की ये नगरी में सब कुछ नया होता और कईओ को रोज़ीरोटी मिल जाती । अब इस देश में नया दौर चालू होगा, जिस राज्य का प्रधानमंत्री होगा वो बोलेगा मेरे राज्य के ये महानुभाव ने देश के लिये ये किया वो किया तो उनका सब से बड़ा पुतला बनना चाहिये । क्या ये सही है ? आप ही सोचे, समजे और देश की एकता के लिये अनमोल कार्य करने वाले उन महान आत्मा को हर रोज़ नमन करते है जिन्होंने हमारे देश को आज़ाद कराया, आज हम सब हमारा जीवन ख़ुशी से बिता रहे है वो हमारा ख़ुशी का जीवन उन सभी का हम उपकार मानते है जिन्होंने अपने देश के लिया बलिदान दिया । समाज सेवी हार्दिक हुंडीया वे कहा की जो अंग्रेज़ ने हमें ग़ुलाम बना के आज मान सम्मान दे रहे है तो उसमें ख़ुशी की बात नहीं है, ये ही अंग्रेजो के कारण हमारे अंगिनित जवानो ने अपनी जान दे दी है । सच्चा देश प्रेमी तो उनकी ज़मीन पर पैर भी ना रखे । आदरणीय सरदार वल्लभ भाई को आदर्श मानते हो तो देश की एकताके लिए अनमोल कार्य कर के देश का विकाश करे ये ही ऊँच भावनाओं के साथ हार्दिक हुँड़िया का आप सभी को वन्दे मातरम् ।