गुजरात को ले जा रहे हैं ये लोग अंग्रेजो से भी खतरनाक साम्राज्य की ओर
पिछले कुछ समय पहले कोरेगांव भीमा की घटना के बाद समाजसेवियों को, प्रधानमंत्री मोदी जी और अमित शाह की हत्या के षड्यंत्र की बात करके नजर केद किए गए हैं। ऐसी ही घटना गुजरात में बन रही है। अपने समाज की मांग करके पिछले 3 साल से हम लोग आंदोलन कर रहे हैगांधी सरदार के गुजरात में अल्पेश कथिरिया को राजद्रोह के आरोप में गिरफ्तार किया गया है।अल्पेश कथीरिया जो पाटीदार आरक्षण आंदोलन में लड़ रहे हैं। राजद्रोह का आरोप उस पर करीबन दो ढाई साल पहले लगाया गया था ।अल्पेश पूरे 3 साल से आंदोलन में हर जगह लड़ रहा था । सरकार के सामने नही ज़ुका।अब फिर से आरक्षण आंदोलन में तेजी से गुजरात के युवा लोग जुड़ने लगे है। लोकसभा 2019 चुनाव से पहले हार से डरी बीजेपी ने अपनी गंदी राजनीति शुरू दी है।आज रूपाणि सरकार ने पुलिस के द्वारा पाटीदारो पर लाठिया बरसाई | अहिंसा परमो धर्म कहां गया रूपाणिजी | जैन धर्म में मानते हो तो ये सब बंध करो रूपाणिजी |अपना राजधर्म निभाओ|एक 25 सालका लड़का किसानों की मांग पे दम तोड़ता जा रहा है और आप इतने असंवेदनशील होते जा रहे हो रूपाणीजी??? सामाजिक लड़त लड़ रहे लोगों को अपनी आवाज दबा के यह सरकार डर का माहौल खड़ा कर रही हैं । हम लोग 31 अक्टूबर सरदार वल्लभभाई पटेल की जन्म जयंती तक यदि अल्पेश कथीरिया को रिहा नहीं किया, जेल मुक्त नहीं किया तो गांधीनगर में धरना करेंगे।
यदि अल्पेश कथीरिया को 30 अक्टूबर तक रिहा नहीं किया और गांधीनगर में हमे 31 अक्तूबर सरदार पटेल जयंतीपर धरना प्रदर्शन की परवानगी नहीं दी गई तो हम लोग दिल्ली जंतर मंतर पर धरना करेंगे।
दो साल पहले गुजरात में जब गांधी के मार्ग पर अनशन भी नहीं करने देते थे और आंदोलनकारियों को राजद्रोह के आरोप में जेल में डाल दिया था। तभी गांधी और सरदार की भूमि के सपूत नई दिल्ली जंतर मंतर पर पहुंचे थे और अपने हाथ की लड़ाई लड़े थे।
गांधी के गुजरात में धारा 144 लगाकर यह सरकार फिर अंग्रेज की याद दिला रही है । उस समय अंग्रेज सरकार के सामने आवाज उठाने वाले की आवाज दबा दी जाती थी।लेकिन अनशन पर बैठने देते थे। आज फिर से हिंदुस्तान गुलामी की जंजीरों में जी रहा है ऐसा लगता है।
सरदार के सपूत जंतर मंतर पर
ढाई साल पहले गुजरात में जब गांधी के मार्ग पर अनशन भी नहीं करने देते थे और आंदोलनकारियों को राज्यों में जेल में डाल दिया था तभी गांधी औरसरदार की भूमि के सपूत ११ मार्च २०१६ को नई दिल्ली जंतर मंतर पर पहुंचे थे और अपने हाथ की लड़ाई लड़े थे
आओ हम सब लड़े फिर से इस गुलामी की जंजीरों को तोड़कर आजादी की और कदम बढ़ाए।