राजस्थान में राजनीतिक संकट हर दिन एक नया मोड़ लेता है। शुक्रवार को मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने अपने विधायकों को जयपुर से जैसलमेर स्थानांतरित कर दिया ताकि भाजपा उन्हें न खरीदे। प्रवास के दौरान ग्यारह सदस्य लापता हो गए हैं, जिनमें छह मंत्री और पांच विधायक शामिल हैं, जो अभी तक जैसलमेर नहीं पहुंचे हैं।
अमित शाह जी का नाम मैं बार-बार इसलिए लेता हूं कि फोरफ्रंट पर वो ही आते हैं, कर्नाटक के लिए भी, MP के लिए भी, गोवा हो,मणिपुर हो,अरुणाचलप्रदेश हो,तो मजबूरी में कहना पड़ता है कि अमित शाह जी आपको क्या हो गया है? आप रात-दिन, जागते-सोते हर वक्त सोचते हो किस तरह मैं गवर्नमेंट को गिराऊं। pic.twitter.com/82cx9GcwM7
— Ashok Gehlot (@ashokgehlot51) July 31, 2020
परिवहन मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास, चिकित्सा मंत्री डॉ। रघु शर्मा, खेल मंत्री चंदना, कृषि मंत्री लालचंद कटारिया, चिकित्सा राज्य मंत्री सुभाष गर्ग, सहकारिता मंत्री उदयलाल अंजना, विधायक जगदीश जांगिड़, विधायक अमित चाकन, विधायक परसराम मोरदिया, विधायक बाबलवान और विधायक बाबा धवन। , जो अभी तक जैसलमेर नहीं पहुंचा है। गहलोत ने प्रवास के बारे में कहा – विधायकों पर बाहरी दबाव है। लोकतंत्र को बचाना सभी का कर्तव्य है।
हम सबकी ड्यूटी है, हर नागरिक की ड्यूटी है…ज्यूडिशियरी हो, विधायिका हो, कार्यपालिका हो या मीडिया हो, सबकी ड्यूटी है, पहला काम है कि हम डेमोक्रेसी को बचाएं। हर नागरिक का कर्त्तव्य बनता है डेमोक्रेसी को बचाने के लिए वो आगे आएं, ये मैं अपील करना चाहता हूं। pic.twitter.com/fmtGRGREtr
— Ashok Gehlot (@ashokgehlot51) July 31, 2020
गहलोत खेमे के पास 109, कभी 104 और कभी 101 से ज्यादा विधायक थे। जैसलमेर प्रवास के दौरान केवल 97 विधायकों को देखा गया था। पहली फ्लाइट में 54 विधायक और दूसरी फ्लाइट में 6 और तीसरी में जयपुर से जैसलमेर तक की यात्रा के दौरान 37 विधायक थे। जो 97 विधायक हैं।