अटल टिंकरिंग लैब्स में 12 लाख इनोवेशन प्रोजेक्ट्स

अटल टिंकरिंग लैब्स देश की इनोवेशन नर्सरी बन रही है। आज देश के 35 राज्यों और 700 जिलों में 10 हजार से ज्यादा अटल टिंकरिंग लैब स्थापित हो चुकी हैं। अटल टिंकरिंग लैब्स में 12 लाख इनोवेशन प्रोजेक्ट्स पर 75 लाख छात्र काम कर रहे हैं। यानी आने वाले समय में लाखों जूनियर वैज्ञानिक स्कूलों से निकलकर देश के कोने-कोने में पहुंचने वाले हैं। अटल इनोवेशन सेंटर्स में ऐसे सैकड़ों स्टार्टअप हैं जो उभर कर सामने आए हैं। अटल टिंकरिंग लैब्स की तरह अटल इनोवेशन सेंटर-एआईसी भारत की प्रयोगशालाओं के रूप में उभर रहे हैं। टिंकर-उद्यमी अग्रणी उद्यमी बनने के लिए नियत हैं।

भारत में 10 साल पहले एक साल में 4000 पेटेंट दिए जाते थे। अब यह संख्या बढ़कर 30 हजार सालाना हो गई है। 10 साल पहले भारत में सालाना 10,000 डिजाइनों का पंजीकरण होता था। आज भारत में सालाना 15 हजार से ज्यादा डिजाइन का रजिस्ट्रेशन हो रहा है। 10 साल पहले भारत में सालाना 70 हजार से कम ट्रेडमार्क पंजीकृत होते थे। आज, भारत में सालाना 2.5 लाख से अधिक ट्रेडमार्क पंजीकृत किए जा रहे हैं।

2014 में हमारे देश में लगभग 150 इन्क्यूबेशन सेंटर ही थे। आज भारत में ऊष्मायन केंद्रों की संख्या 650 को पार कर गई है। आज भारत ग्लोबल इनोवेशन इंडेक्स में 81वें स्थान पर था और 40वें स्थान पर पहुंच गया है।

स्वीकृत स्टार्ट-अप की संख्या भी लगभग एक लाख तक पहुंच गई है। भारत में दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा स्टार्ट-अप इकोसिस्टम है।

फेरीवाले से लेकर रिक्शा चालक तक, हर कोई डिजिटल भुगतान का उपयोग कर रहा है।
रक्षा मंत्रालय को iDEX से रु. 350 करोड़ से ज्यादा के 14 इनोवेशन हासिल किए।