अहमदाबाद आग लगने के बाद 21 फैक्ट्रियां सील, PM का ट्वीट फीर भी 17,000 अवैध औद्योगिक इकाइयों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं

Ahmedabad fire
Ahmedabad fire

गांधीनगर, 12 नवंबर 2020

पिछले हफ्ते गुजरात के अहमदाबाद के पिराना-पिपलाज रोड पर एक केमिकल फैक्ट्री में विस्फोट के बाद कपड़ा गोदाम में आग लग गई, जिसमें 12 लोगों की मौत हो गई। फिर 12 नवंबर, 2020 को 21 कारखानों को मंजूरी के साथ सील कर दिया गया। यहाँ नारोल, पिराना, पिपलाज, लम्भ, स्वेज फार्म क्षेत्र में 600 रासायनिक कारखाने या कपड़ा प्रसंस्करण इकाइयाँ हैं। जिनके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की गई।

ज्यादातर फैक्ट्रियां अवैध रूप से चलती हैं। आरक्षित भूखंड पर चलती है। फायर एनओसी वाले 10 प्रतिशत कारखानों के साथ नारोल और उसके आसपास के 3 किमी के दायरे में सैकड़ों कारखाने हैं। इस क्षेत्र में हर साल 25 से 30 आग लगने की घटनाएं होती हैं। अहमदाबाद शहर में 18 हजार औद्योगिक इकाइयाँ हैं। जिनमें से 6 फीसदी यानी 1085 औद्योगिक इकाइयों में फायर एनओसी है। हालांकि 17,000 औद्योगिक इकाइयों के पास एनओसी नहीं है, लेकिन उनके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की गई है। क्योंकि यहां भाजपा शासन में, अधिकारी और राजनेता बहुत भ्रष्टाचार कर रहे हैं।

सैंपल की बोतलें पिघल गईं

धमाके का कारण बना केमिकल, उस केमिकल के कारण होता है, जो FSL को बोतलों को पिघलाने के लिए बनाता है, जिसमें सैंपल लिए गए थे।

प्रधानमंत्री के ट्वीट के बावजूद आग पर पर्दा

आग लगने के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ट्वीट के बाद अहमदाबाद की व्यवस्था हिल गई थी। राज्य सरकार ने घटना में मरने वालों को चार लाख रुपये की सहायता की घोषणा की थी। रासायनिक कंपनी की जांच अग्नि सुरक्षा उपकरण और एनओसी के लिए की गई थी। लाम्बा, शाहवाड़ी, नारोल और रामोल-हाथीजन में 21 कारखानों को मंजूरी के साथ सील कर दिया गया।

कौन सी फैक्ट्रियां सील

सील फैक्ट्री में हनुमान कॉटन, जगदम्बा टेक्सटाइल, रूपाली डाइंग और प्रिंट 1, रूपाली डाइंग एंड प्रिंट 2, लाइफस्टाइल फैब्रिक्स, एचएच रोडवेज, स्वस्तिक ट्रांसपोर्ट, न्यू एचएच रोडवेज, विकास ट्रांसपोर्ट कंपनी, शार्लेट क्रेट कैरियर, शामिल हैं। रोडलाइन्स, शाहिल क्रेट कैरियर, केदार सेल्स एंड वत्सल ट्रेडर्स, अम्बिका केमिकल, दीपक पटेल, मिलियन असिडेंस केमिकल और गणेश केमिकल। रामोल-हाथीजन के अंबा एस्टेट, पंचरत्न, फॉर्च्यून एस्टेट के अवैध निर्माण को भी सील कर दिया गया है।

आग लगने पर रूपानी कुआं खोदते हैं

पिराना-पिपलाज मार्ग पर आग की घटना के बाद राज्य सरकार द्वारा सख्त कदम उठाने के लिए मुनिसिपल आयुक्त को आदेश दिया गया है। राज्य के अतिरिक्त मुख्य सचिव विपुल मित्रा ने अहमदाबाद नगर आयुक्त को पत्र लिखकर क्षेत्र में निर्माणों की वैधता की जांच करने और अनधिकृत निर्माणों को हटाने का निर्देश दिया है। मुख्य सचिव ने सिटी पुलिस कमिश्नर और जीपीसीबी से कहा। तत्काल कार्रवाई करने के लिए पत्र भी लिखा है। इसलिए अब नगर निगम आयुक्त ने अवैध निर्माणों को हटाने का आदेश दिया है।

आग लगने के बाद, भाजपा की विफल रूपानी सरकार ने आग लगने के बाद कुआं खोदने का काम किया है। भाजपा ने 30 साल तक अहमदाबाद पर शासन किया। भाजपा के 15 महापौरों की विफलताओं के कारण आपदाएं हो रही हैं। दुखद घटना होने पर भाजपा सरकार आदेश देती है। मगर बाद में कुछ नहीं होता है। भ्रष्टाचार के हप्ते बढ जाते है। अनमान है की अहमदाबाद में 18 हजार कारखाने से हर साल, एक के पास से रू.50 हजार से रू.2 लाख का हप्ता निकलतां है।

अहमदाबाद में 18 हजार औद्योगिक इकाइयाँ

फायर एनओसी वाले 10 प्रतिशत कारखानों के साथ नारोल और उसके आसपास के 3 किमी के दायरे में सैकड़ों कारखाने हैं। इस क्षेत्र में हर साल 25 से 30 आग लगने की घटनाएं होती हैं। अहमदाबाद शहर में 18 हजार औद्योगिक इकाइयाँ हैं। जिनमें से 6 फीसदी यानी 1085 औद्योगिक इकाइयों में फायर एनओसी है। 94 फीसदी के पास नहीं है। सभी औद्योगिक कारखाने फेक्टरी ईन्सपेक्टर, हेल्थ ईन्सपेक्टर, प्रदुषन नियंत्रक, एस्टेट आन्सपेक्टर मीलकर कुल 12 एजन्सी हर साल अहीं से रू.200 से 500 करोड का मुनाफा कमातें है।

अहमदाबाद में सबसे ज्यादा आग लगने की घटनाएं हुईं

वर्ष 2017-2018 में, राज्य में 7330 आग लगी थी। सबसे अधिक 31 प्रतिशत आग लगने की घटनाएं 2123 में अहमदाबाद शहर में हुई थीं। राज्य में हर दिन 21 आग लगने की घटनाएं होती हैं। अहमदाबाद में, पिछले तीन वर्षों में आग लगने की घटनाओं में 35 लोग मारे गए हैं। फायर ब्रिगेड ने 96 लोगों को बचाया और 83.77 करोड़ रुपये की संपत्ति बरामद की। 2020 में 6 घटनाओं में 38 लोग अपनी जान गंवा चुके हैं।

50 आग

हर साल अहमदाबाद के ईन्डस्ट्रीमें 50 दुर्घटनाएं होती हैं। नारोल, पिराना और स्वेज़ खेत क्षेत्र नरक में रह रहे हैं। अहां स्थिति ज्वालामुखी जैसी है।

150 रासायनिक कारखाने

इसनपुर से पिराना डंप साइट, लंभा त्रिकोण क्षेत्र में 150 रासायनिक प्रक्रिया कारखाने हैं। भ्रष्ट गुजरात प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अधिकारी सभी इकाइयों के बारे में जानते हैं। यहां एक यूनिट से सालाना एक लाख किस्त ली जाती है। इस क्षेत्र को प्रदूषण मुक्त घोषित किया गया है।

सीवर लाइनें अवैध

फैक्ट्री मालिक केमिकल से भरे पानी को ड्रेनेज लाइन और खारीकट उप नहर में डाल रहे हैं। अम्लीय और रासायनिक रूप से दूषित पानी के टैंकरों को खाली कर दिया जाता है।

200 कपड़ा प्रसंस्करण का कारखाना

नारोल से पिपलाज तक क्षेत्र में 200 कपड़ा प्रसंस्करण कारखाने हैं। कपड़ा इकाइयों में अवैध निर्माण हुआ है। स्वेज फार्म क्षेत्र में 300 कारखाने चल रहे हैं। दक्षिण क्षेत्र संपदा विभाग द्वारा सभी 200 इकाइयों को नोटिस जारी किए गए हैं। फिर भी अवैध निर्माण को ध्वस्त नहीं किया गया है। इसकी घोषणा कांग्रेस नेता राजेश सोनी ने की।

300 एकड़ जमीन पर कारखाने बांधकाम

स्वेज फार्म को 3000 एकड़ भूमि पर प्लॉटिंग करके बेचा जाता है। डंप साइट के कारण निर्माण संभव नहीं है। फिर भी निर्माण किया जाता है। जिसमें व्यापक भ्रष्टाचार होता है।

2 मिलियन वर्ग मीटर में दबाव

अधिकांश कारखाने नगर निगम के आरक्षित भूखंडों पर बनाए गए हैं। आरक्षित भूमि के 2 लाख वर्ग मीटर पर टाउन प्लानिंग स्कीम नंबर 55 और 56 का निर्माण किया गया है।

इससे पहले 8 मजदूरों की मौत

पांच दिन पहले जिंदल टेक्सटाइल में आग लग गई और कपड़ा जलकर राख हो गया। शेड का निर्माण भी अवैध था। फरवरी 2020 में पिराना-पिपलाज रोड पर नंदन डेनिम में आग लगने से पांच श्रमिकों की मौत हो गई। फरवरी 2020 में ओधव ​​फायर ऑफिस के सामने लोटस लेबल इंडस्ट्रीज में आग लगने से 3 श्रमिकों की दम घुटने से मौत हो गई।

चिरिपाल समूह की संदिग्ध आग

कपड़ा उद्योग और एक अन्य कारखाने के मालिक चिरिपाल समूह में आग लग गई, जिससे सात श्रमिक मारे गए। लगभग तीन से चार बड़े फायर कॉल हर साल चिरिपाल समूह के कारखानों में किए जाते हैं। आग लगने का सही कारण कभी नहीं निकलता है। अग्नि एक बड़ी पहेली है।

आग डिपार्टमेन्ट में खाली जगह

अहमदाबाद फायर सर्विस में 794 पदों में से 491 पद भरे गए हैं। 303 खाली है। स्टेशन फायर ऑफिसर के सभी 18 पद खाली हैं। सब फायर ऑफिसर के सभी 21 पद वर्षों से खाली हैं। चालक सह पंप ऑपरेटर के 159 पदों में से 112 पद आजादीन तक नहीं भरे गए हैं। लीडिंग फायरमैन के 54 में से 53 पद खाली हैं। गुजराती से अनुवादीत।