अहमदाबाद बजट में प्रस्तावित 5501 करोड़ रुपये के 40% कार्य अधूरे

अहमदाबाद, 2025
नगर आयुक्त ने वर्ष 2024-25 के लिए 10801 करोड़ रुपये का मसौदा बजट प्रस्तुत किया।
नगर आयुक्त ने 5501 करोड़ रुपये के विकास कार्यों की घोषणा की थी। इसके सापेक्ष दिसंबर के अंत तक केवल 3300 करोड़ रुपये के कार्य ही पूरे हो पाए हैं। शहर के सभी सातों ज़ोन के लिए 650 करोड़ रुपये का बजट आवंटित किया गया था। इसके सापेक्ष नवंबर के अंत तक केवल 171.88 करोड़ रुपये ही खर्च किए जा सके। ज़ोन स्तर पर बुनियादी सुविधाओं के कार्य नहीं होने की बात सच साबित हुई है।

सभी सातों ज़ोन के लिए 650 करोड़ रुपये का बजट आवंटन

ऐसी स्थिति में, क्या शेष चालीस प्रतिशत कार्य वर्ष 2023-24 तक पूरे हो पाएँगे, इस पर विचार करते हुए नगर आयुक्त ने संशोधित बजट में 25 प्रतिशत तक की वृद्धि का सुझाव दिया था, जिसे वर्ष 2025-26 में कम करना होगा।

वर्ष 2023-24 में 7038 करोड़ रुपये की राजस्व आय के सापेक्ष 9508 करोड़ रुपये व्यय किए गए। वर्ष 2023-24 में 3783 करोड़ रुपये की पूंजीगत आय के सापेक्ष 4560 करोड़ रुपये पूंजीगत कार्यों पर व्यय किए गए। हालाँकि, 31 मार्च 2024 तक 876 करोड़ रुपये का राजस्व अधिशेष था। नगर पालिका के मुख्य लेखाकार अमीश शाह ने बताया कि इसका कारण यह है कि नगर निगम ने शहर के विभिन्न भूखंडों को बेच दिया है।

इसके अतिरिक्त, गुडा के अंतर्गत प्रभाव शुल्क के रूप में आय प्राप्त हुई। इस प्रकार, वर्ष 2023-24 में गैर-कर राजस्व में वृद्धि हुई। नगर आयुक्त ने अनुमान लगाया था कि मसौदा बजट में 7650 करोड़ रुपये राजस्व राजस्व के रूप में जमा होंगे। इसके विपरीत, नवंबर के अंत तक नगर निगम के खजाने में राजस्व राजस्व के रूप में केवल 4609 करोड़ रुपये जमा हुए। राजस्व में तीन हजार करोड़ रुपये की कमी है। तीन महीने के भीतर इसके जमा होने की संभावना कम है।

एएमटीएस, एसवीपी-बीआरटीएस को हर महीने 61 करोड़ रुपये गैप फंड के रूप में दिए जाते हैं।

अहमदाबाद नगर परिवहन सेवा को चलाने के लिए नगर निगम द्वारा हर महीने 32 करोड़ रुपये, एसवीपी अस्पताल को चलाने के लिए हर महीने 17 करोड़ रुपये और जनमार्ग (बीआरटीएस) को हर महीने 12 करोड़ रुपये गैप फंड के रूप में दिए जाते हैं।

मार्च से पहले राजस्व लक्ष्य के विरुद्ध नगर निगम प्रशासन के सामने चुनौतियाँ

(1) चुंगी के बदले सरकार से मिलने वाला अनुदान लगभग 400 करोड़ रुपये होने की संभावना है। (2) अब तक संपत्ति कर, व्यावसायिक कर और वाहन कर से 1619 करोड़ रुपये का राजस्व प्राप्त हुआ है। तीन महीनों में इस राजस्व में 500 से 600 करोड़ रुपये की वृद्धि होने की संभावना है। (3) नगर आयुक्त ने गैर-कर राजस्व के रूप में 2233 करोड़ रुपये का अनुमान लगाया था। नवंबर के अंत तक 1015 करोड़ रुपये की आय हुई थी।

परियोजना विभाग को 100 करोड़ रुपये प्राप्त हुए हैं। केवल 385 करोड़ रुपये के काम हुए

नगर आयुक्त के वर्ष 2024-25 के बजट में 5501 करोड़ रुपये के विकास कार्यों की घोषणा की गई थी। हालाँकि, नवंबर-24 के अंत तक नगर निगम के कोष से परियोजना विभाग में केवल 385.56 करोड़ रुपये के ही काम हो पाए। जबकि अभियांत्रिकी विभाग में केवल 557.44 करोड़ रुपये के ही काम पूरे हो पाए। स्वर्णिम जयंती योजना के तहत 1815 करोड़ रुपये के विकास कार्य होने थे। नवंबर के अंत तक केवल 853 करोड़ रुपये के ही काम पूरे हो पाए। स्वर्णिम जयंती योजना के तहत नगर निगम को अनुदान के रूप में 425 करोड़ रुपये का भुगतान किया गया है।