अहमदाबाद, 17 सितंबर 2025
लोक अदालतों के माध्यम से विवादों के समाधान का चलन बढ़ रहा है और लोक अदालत प्रणाली लोकप्रिय हो रही है। 13 सितंबर 2025 को गुजरात राज्य में वर्ष 2025 की तीसरी राष्ट्रीय लोक अदालत आयोजित की गई।
13 लाख 67 हज़ार 485 मामले निपटारे के लिए रखे गए। जिनमें से 8 लाख 28 हज़ार 556 मामलों का निपटारा किया गया। जिसमें 1626 करोड़ रुपये के पुरस्कार दिए गए।
राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण और गुजरात राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण मदद कर रहे हैं। दुर्घटना क्षतिपूर्ति, दीवानी दावे, चेक बाउंस के आपराधिक विवाद, जुर्माने से दंडनीय अपराध, वैवाहिक जीवन विवाद, औद्योगिक विवाद आदि मामलों की सुनवाई की गई।
राज्य के 4 लाख 25 हज़ार 754 मुकदमे-पूर्व मामलों का निपटारा किया गया।
81 करोड़ रुपये के पुरस्कार दिए गए।
ई-चालान के 3 लाख 80 हज़ार मामलों का निपटारा किया गया, जिससे 25 करोड़ रुपये की वसूली हो सकी।
राज्य भर की अदालतों में लंबित वैवाहिक जीवन से जुड़े 3471 विवादों का निपटारा किया गया।
लंबित मामलों में से 4 लाख 3 हज़ार मामलों का फैसला लोक अदालत और विशेष बैठक में हुआ। जिसमें 1545 करोड़ रुपये के पुरस्कार प्राप्त हुए।
सुलह प्रणाली के लाभ से 10 साल पुराने 790 मामलों का निपटारा किया गया।
गुजरात की सभी अदालतें पुराने मामलों को लक्षित कर उनके निपटारे के लिए अभियान चला रही हैं। जिसमें 5 हज़ार 638 मामले लोक अदालत में प्रस्तुत किए गए।
गुजरात राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण की मुख्य संरक्षक न्यायमूर्ति सुनीता अग्रवाल और गुजरात उच्च न्यायालय के वरिष्ठ न्यायाधीश न्यायमूर्ति ए. वाई. कोंगजे द्वारा सभी जिला और तालुका विधिक सेवा प्राधिकरणों को विस्तृत मार्गदर्शन दिया गया।
2024
2024 में 4 लोक अदालतों द्वारा 21 लाख मामलों का निपटारा किया गया। जिसमें 5162 करोड़ रुपये की राशि का निपटारा किया गया।
वर्ष 2024 की अंतिम राष्ट्रीय लोक अदालत में 3.30 लाख मामलों में से 2.46 लाख का निपटारा किया गया।
1270 करोड़ रुपये के पुरस्कार निकाले गए।
वर्ष 2024 में कितने मामलों का निपटारा किया गया?
वैवाहिक जीवन से संबंधित विवादों के 3304 मामले, राज्य में सबसे अधिक अहमदाबाद शहर के मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट न्यायालय में निपटाए गए।
मोटर वाहन दुर्घटना के एक मामले में, मृतक के उत्तराधिकारियों को बीमा कंपनी द्वारा 3 करोड़ रुपये के दावे के विरुद्ध 1 करोड़ 60 लाख करोड़ रुपये का भारी मुआवजा दिया गया। इसी प्रकार, अहमदाबाद ग्रामीण न्यायालय में, बीमा कंपनी ने ऐसे मृतक के उत्तराधिकारियों को 91 लाख रुपये का भारी मुआवजा दिया। महानगर न्यायालय में कुल 15 हजार 500 मामलों में से 11 हजार 938 मामलों का निपटारा लोक अदालत में किया गया।
लोक अदालत के माध्यम से राज्य में कुल 3 लाख 30 हज़ार 655 मुकदमे-पूर्व मामलों का भी निपटारा किया गया।
ई-चालान के कुल 2 लाख 85 हज़ार 837 मामलों का निपटारा किया गया और 17.15 करोड़ रुपये की वसूली की गई।
10 साल पुराने 1296 मामलों का निपटारा किया गया।
2023
2023 में 6 लाख 42 हज़ार 150 मामलों के निपटारे के साथ 157 करोड़ रुपये का निपटारा हुआ।
2022-2021 राष्ट्रीय न्यायालय
राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण 36 राज्यों में लोक अदालतों का आयोजन करता है। 2022 में एक ही दिन में 40 लाख मामलों का निपटारा किया गया। 2,706 करोड़ रुपये का मुआवजा भी दिया गया। 1.38 करोड़ मामलों में से 1.10 करोड़ मामले मुकदमे-पूर्व से संबंधित थे। 28.34 लाख मामले न्यायालय में लंबित थे। नालसा के तत्वावधान में अंतिम राष्ट्रव्यापी लोक अदालत 11 दिसंबर, 2021 को आयोजित की गई थी। उस दिन 29 लाख से अधिक मामलों का निपटारा किया गया था।
इतिहास
पहली राष्ट्रीय लोक अदालत 11 फरवरी, 2023 को गुजरात में आयोजित की गई थी। राष्ट्रीय स्तर की लोक अदालतें सर्वोच्च न्यायालय से लेकर तालुका स्तर तक, देश भर की सभी अदालतों में एक ही दिन आयोजित की जाती हैं। जिसमें बड़ी संख्या में मामलों का निपटारा किया जाता है।
2016
सभी प्रकार के मामलों के लिए 12-11-2016 को राष्ट्रीय लोक अदालत आयोजित की गई थी। देश में लोक अदालत में 51 लाख 46 हज़ार 084 मामले दायर किए गए थे। इसमें से मध्य प्रदेश में 6 लाख मामले निपटाए गए। गुजरात में 34 हज़ार 219 फैसले सुनाए गए। मध्य प्रदेश में 8 लाख मामले थे। (यह वेबसाईट से गुजराती से गूगल अनुवाद)