25 दिसंबर 2020
वेलकम टेलीकॉम, हैप्पी न्यू ईयर ऑफर और प्राइम सेवाओं की पेशकश करने वाली दूरसंचार कंपनी जियो पर 2017 से सरकारी राजस्व को नुकसान पहुंचाने का आरोप लगाया गया है।
रिपोर्ट्स आईं कि Reliance Jio Infocomm ने 2015 तक लगातार तीन वित्तीय वर्षों में अपने राजस्व में कमी की थी। जिसके कारण सरकार ने लाइसेंस शुल्क लिया। ड्राफ्ट ऑडिट रिपोर्ट के अनुसार, कंपनी ने विदेशी मुद्रा पर अपनी कमाई छिपाकर कुल 63.77 करोड़ रुपये का राजस्व अर्जित किया था।
इकोनॉमिक टाइम्स की एक रिपोर्ट के मुताबिक, पोस्ट एंड टेलिकॉम के डायरेक्टर जनरल ऑफ ऑडिट ने 2017 में पांच पन्नों की रिपोर्ट तैयार की।
दूरसंचार कंपनियों को अपने समायोजित सकल राजस्व (AGR) का एक हिस्सा वार्षिक लाइसेंस शुल्क के रूप में सरकार को देना होता है। Reliance Jio ने कथित तौर पर अपने AGR को कम करके आंका, जिससे सरकार को कम लाइसेंस शुल्क का भुगतान करना पड़ा।
प्रचार प्रस्ताव के कारण सरकार को 800 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है।
हाल ही में टेलीकॉम सचिव जेएस दीपक ने ट्राई से टेलिकॉम कंपनियों द्वारा दिए जाने वाले प्रमोशनल ऑफर की अवधि कम करने को कहा था। सरकारी राजस्व से लगभग 800 करोड़ रुपये एकत्र किए गए हैं।
दूरसंचार लाइसेंस शुल्क जून में 3,975 करोड़ रुपये था, जबकि इस साल दिसंबर में 3,185 करोड़ रुपये था। दरअसल यह 4500 होना चाहिए था। इस प्रकार, सरकार को 1300 करोड़ का नुकसान हुआ।
दूरसंचार कंपनियों द्वारा पेश किए जाने वाले टैरिफ पर अंतिम निर्णय दूरसंचार मंत्रालय द्वारा नहीं बल्कि ट्राई द्वारा लिया जाता है। (गुजराती से अनुवादित)