गांधीनगर, 9 फरवरी 2021
गुजरात में, स्थानीय निकाय चुनावों में गैर-भाजपा और गैर-कांग्रेस उम्मीदवारों का 75 प्रतिशत कांग्रेस के लिए एक बड़ा नुकसान हो सकता है। भाजपा की बी टीम स्थानीय चुनावों में सक्रिय हो रही है। कांग्रेस के पास कोई बी टीम नहीं है, क्योंकि गुजरात के लोग कहते हैं कि भाजपा की बी टीम कांग्रेस है।
गुजरात में स्थानीय निकाय चुनावों में भाजपा और कांग्रेस के अलावा अन्य पार्टियां कांग्रेस के लिए बहुत अच्छा काम करेंगी। शहरी इलाकों में बीजेपी जीतेगी लेकिन आरोप हैं कि ग्रामीण इलाकों में हार की आशंका के चलते अन्य दल आगे बढ़ रहे हैं।
वह पार्टियों को प्रोत्साहित करके जीतने की संभावनाओं को बढ़ाना चाहता है। इनमें आम आदमी पार्टी, बसपा, सपा, शिवसेना, राकांपा या ओवैसी प्रमुख हैं। जिससे भाजपा को नहीं बल्कि कांग्रेस को नुकसान होगा। निर्दलीय भी कांग्रेस के लिए एक बड़ी चुनौती हैं।
दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने गुजरात के विभिन्न शहरों में रोड शो किया। केजरीवाल गुजरात भी जा सकते हैं। इस प्रकार आम आदमी पार्टी ने राज्य निगम में अपने उम्मीदवार उतारे। एनसीपी ने भी अपने उम्मीदवार उतारे हैं। समाजवादी पार्टी और बसपा के उम्मीदवार खड़े हैं।
भरूच के विधायक छोटू वसावा ने ओवैसी की पार्टी के साथ गठबंधन करके कुछ निकाय चुनावों में अपने उम्मीदवार उतारे हैं जो कांग्रेस उम्मीदवारों को पूरी तरह से हरा सकते हैं। उनकी ऑल इंडिया मजलिस ने इत्तिहादुल मुस्लिमीन यानी एआईएमआईएम पार्टी से उम्मीदवार उतारे हैं।
भाजपा और कांग्रेस के बागी इन दलों से चुनाव लड़ रहे हैं। शिवसेना सभी सीटों पर नहीं बल्कि कुछ खास जगहों पर चुनाव लड़ रही है।
पार्टी के कुछ नेता भाजपा के संपर्क में हैं, जिन्होंने कांग्रेस के गढ़ों के लिए उम्मीदवार खड़े किए हैं।