ऊर्जा मंत्रालय के तहत केंद्रीय सार्वजनिक उपक्रम और भारत की अग्रणी एनबीएफसी ऊर्जा वित्त निगम (पीएफसी) ने आज यहां मध्य प्रदेश राज्य में 22,000 करोड़ रुपए की 225 मेगावाट क्षमता वाली पनबिजली परियोजनाओं और बहु-उद्देशीय परियोजनाओं के वित्त पोषण के लिए मध्य प्रदेश सरकार की संपूर्ण स्वामित्व वाली कंपनी नर्मदा बेसिन प्रोजेक्ट कंपनी लिमिटेड (एनबीपीसीएल) के साथ एक समझौता किया ।
मध्य प्रदेश में 225 मेगावाट क्षमता की पनबिजली परियोजनाओं और 12 प्रमुख बहु-उद्देशीय परियोजनाओं के ऊर्जा घटकों की स्थापना के लिए एनबीपीसीएल धन मुहैया कराएगी। समझौता ज्ञापन पर पीएफसी के सीएमडी राजीव शर्मा और एनबीपीसीएल के प्रबंध निदेशक आई सी पी केशारी ने वर्चुअल मंच पर हस्ताक्षर किए।
मध्य प्रदेश की सरकार ने इन परियोजनाओं का व्यवहार्यता-पूर्व अध्ययन कराया और उनके क्रियान्वयन को मंजूरी दी। धन की आपूर्ति परियोजना के क्रियान्वयन के साथ की जाती रहेगी।
इस समझौता ज्ञापन से पीएफसी को एनबीपीसीएल के साथ सक्रिय रूप से भागीदारी करने और 12 बड़ी बहु-उद्देशीय परियोजनाओं को लागू करने के राज्य सरकार के उद्यम के एक हिस्से के रूप में बहुद्देशीय परियोजनाओं के ऊर्जा घटकों के साथ ही 225 मेगावाट की क्षमता वाले पनबिजली संयंत्रों को धन मुहैया कराने में मदद मिलेगी।
इस समझौते के तहत बसानिया बहुद्देशीय परियोजना डिंडोरी, चिंकी बोरस बहुउद्देशीय परियोजना नरसिंहपुर रायसेन होशंगाबाद, सक्कर पेंच लिंक नरसिंहपुर छिंदवाड़ा, दुधी परियोजना छिंदवाड़ा होशंगाबाद इत्यादि जैसी कुछ बड़ी बहुउद्देशीय परियोजनाओं के लिए धन उपलब्ध कराया जाएगा।
पीएफसी उचित लगन और आपस में स्वीकार्य शर्तों के आधार पर एनबीपीसीएल को वित्तीय मदद देने पर विचार करेगी।