अहमदाबाद में 5.75 करोड़ रुपये से बैंच लगेंगे: बैंच स्कैम

चुनाव पास आते ही, 3 महिलाओं में 42 हज़ार बैंक लगेंगे

अहमदाबाद, 2 दिसंबर, 2025
अहमदाबाद म्युनिसिपल कॉर्पोरेशन चुनाव पास आते ही, कॉर्पोरेटर्स ने बेंच का इंतज़ाम करना शुरू कर दिया है। 3 महीने में 42 हज़ार बैंक लगेंगे। 2025 में टेंडर में कुछ वार्ड में बेंच के लिए करीब 9 करोड़ 86 लाख रुपये का कॉन्ट्रैक्ट साइन किया गया था।

कॉर्पोरेटर अपने सालाना बजट से बेंच के लिए ज़्यादा से ज़्यादा 3 लाख रुपये दे सकते हैं, जिसका अभी पूरा इस्तेमाल हो रहा है। अगर सभी कॉर्पोरेटर्स बेंच के लिए 3 लाख रुपये की रकम देते हैं, तो 5 करोड़ 75 लाख रुपये खर्च होंगे।

पार्षदों को टैक्स के पैसे के तौर पर जो बजट दिया जा रहा है, उससे पब्लिक के काम कम और नेमप्लेट वाले काम ज़्यादा हो रहे हैं। चुनाव में टिकट मिले या न मिले, वे तीन-चार साल तक नेमप्लेट रखने की प्लानिंग कर रहे हैं।

42 हज़ार बाड़ों के लिए टेंडर प्रोसेस शुरू हो गया है। जिसमें RCC, चाइना मोज़ेक और स्टेनलेस स्टील की बाड़ें हैं। इसके अलावा, इन बाड़ों पर कॉर्पोरेटर के नाम की पट्टिका लगाने के लिए 800 रुपये अलग से दिए जाएंगे।

कॉर्पोरेटर, MLA या MP ने बाड़ों को ही डेवलपमेंट मान लिया है। एक बाड़ की कीमत सिर्फ़ 1500 रुपये है, लेकिन 3500 रुपये से ज़्यादा के बिल लगाकर लाखों काटे गए हैं।

अमित शाह के वासना वार्ड में सबसे ज़्यादा 1300 बाड़ें लगाई जाएंगी। ईस्ट ज़ोन में 5200 बाड़ें लगाई जाएंगी। राणिप में 1 हज़ार और वटवा में 600 बाड़ें लगाई जाएंगी।

बांकड़ा स्कैम
तीन साल पहले भी इसी तरह से बैंक लगाए गए थे। लेकिन जब यह फ़र्ज़ी निकला तो विजिलेंस जांच हुई। विजिलेंस डिपार्टमेंट की तरफ़ से दोबारा बैंक न लगाने का ऑर्डर दिया गया। लगाए गए बेंच में भ्रष्टाचार का आरोप: अहमदाबाद की सोसाइटियों-फ्लैट्स ने बोर्ड से शिकायत की कि लगाए गए बैंक खराब क्वालिटी के हैं, शाहपुर में बैंक दो टुकड़ों में टूट रहे हैं। बेंच को लेकर पहले भी कई बार सर्कुलर जारी किए जा चुके हैं। जिसमें अक्सर बेंच की क्वालिटी खराब होती है। एक ही साल में बेंच के टूटने की शिकायत मिली थी। खाड़िया इलाके के नगरसेवकों ने चार साल में बेंच पर 20 लाख रुपये खर्च किए, लेकिन 20 लाख खर्च करने के बाद भी खाड़िया बोर्ड ऐसी स्थिति में है कि बैंक ढूंढने पड़ रहे हैं। इस बारे में फाइल की गई एक RTI में चौंकाने वाली बातें सामने आई हैं। 2021 में खाड़िया वार्ड के 4 नगरसेवकों मयूर दवे, कृष्णवदन ब्रह्मभट्ट, जयश्री पंड्या, भावना नायक ने बैंकड़ों पर पैसे खर्च किए। बैंकड़े नहीं मिले। उसके बाद कमिश्नर मुकेश कुमार ने आदेश दिया कि सोसाइटियों-फ्लैट्स में बैंकड़े न लगाए जाएं। नगर निगम कमिश्नर मुकेश कुमार ने मेयर, डिप्टी मेयर, स्टैंडिंग चेयरमैन, BJP नेता, दंडक, पार्षद, अलग-अलग कमेटियों के चेयरमैन और डिप्टी चेयरमैन से कहा था कि बजट से बैंकाड़ों का काम मंज़ूर न करें। शहरी इलाकों को पब्लिक के कामों के लिए हर साल 30 लाख रुपये दिए जाते थे। कमिश्नर ने कहा था कि बैंकाड़ों पर 10 परसेंट से ज़्यादा पैसा खर्च न हो, फिर भी कुछ पार्षदों ने इसका पालन नहीं किया। वे खुद ही पब्लिक के पैसे पर अपना नाम लिखकर नाम कमा रहे हैं। फाइनेंशियल ईयर 2019-20 में 176 पार्षदों ने बेंच (प्लस साइनबोर्ड) पर कुल 6 करोड़ 27 लाख रुपये खर्च किए। कंक्रीट बेंच पर 1800 रुपये और स्टील बेंच पर 9 हज़ार रुपये खर्च किए गए। बेंच पॉलिसी रोड कमेटी और खादी कमेटी ने 2022 में RCC बेंच लगाने का फ़ैसला किया था। एक पार्षद बेंच के लिए तीन लाख तक की ग्रांट दे सकेगा। 7 सितंबर 2018 से प्लानिंग डिपार्टमेंट ने सिर्फ़ सीमेंट बेंच के लिए पॉलिसी बनाई थी।

3 हज़ार की बेंच के लिए ज़्यादा से ज़्यादा 100 बेंच लगाने की पॉलिसी थी।

पहले प्लास्टिक के अलावा चाइनामोज़ेक और स्टेनलेस स्टील की बेंच भी लगाई जाती थीं।

2023 में पॉलिसी बदली गई। सीमेंट बेंच पर वुडन टेक्सचर पेंट लगाया जाएगा। एक बेंच की कीमत बढ़ाकर साढ़े 5 हज़ार रुपये कर दी गई।

RCC प्री-कास्ट बांकड़ा 5490 रुपये का है।

2019-20 में घोटाला

अहमदाबाद में 2000 करोड़ रुपये का घोटाला हुआ।

ट्री गार्ड और बेंच पर 1 करोड़ 42 लाख खर्च किए गए।

अहमदाबाद के नॉर्थ-वेस्ट ज़ोन के गोटा, चांदलोडिया, घाटलोडिया, थलतेज और बोदकदेव के पार्षद। जिन्होंने डेवलपमेंट के नाम पर भारी करप्शन किया।

उन्होंने बेंच, ट्री गार्ड और पेवर ब्लॉक के नाम पर लूट की।

हर साल बजट का 20 से 40 परसेंट हिस्सा सिर्फ़ बेंच के लिए इस्तेमाल होता है।

2019-20 में गोटा के 4 पार्षदों ने 10 साल में ट्री गार्ड, बैंक और स्पोर्ट्स के सामान और पेवर ब्लॉक पर 2 हज़ार करोड़ रुपये का घोटाला किया होगा।

20 पार्षदों ने बेंच और ट्री गार्ड पर 88 लाख 20 हज़ार रुपये और पेवर ब्लॉक पर 2 करोड़ 14 लाख रुपये खर्च किए।

अहमदाबाद पार्षदों का बेंचों पर खर्च रुपये में
ज्योत्सना पी. पटेल, गोटा – 5,00,000
दिनेश एम. रबारी, गोटा – 4,50,000
पारुल ए. पटेल, गोटा – 2,00,000
सुरेश ए. पटेल, गोटा – 4,50,000
राजेश्वरी पंचाल, चांदलोडिया – 8,00,000
कुसुम जोशी, चांदलोडिया – 1,51,500
भरत के. पटेल, चांदलोडिया – 2,50,000
बृजेश पटेल, चांदलोडिया – 2,50,000
रेणुका पटेल, घाटलोडिया – 4,75,000
भावना पी. पटेल, घाटलोडिया – 4,00,000
जतिन जे. पटेल, घाटलोडिया – 1,00,000
धनजी प्रजापति, घाटलोडिया – 6,50,000
लक्ष्मी चौधरी, थलतेज – 3,00,000
भावना बी. पंड्या, थलतेज – 2,00,000
भारत बी. पटेल, थलतेज – 2,50,000
लाल आर. ठाकोर, थलतेज – 3,00,000
वसंती पटेल, बोदकदेव – 4,25,000
दीप्ति अमरकोटिया, बोदकदेव – 3,50,000
कांति ए. पटेल, बोदकदेव – 3,50,000
देवांग जे. दानी, बोदकदेव – 2,50,000

सूरत
सूरत में MLA-MP के 6 बैंकड सौराष्ट्र के जसदण के पिपलिया गांव भेजे गए। ये बैंकड कामरेज के BJP MLA पंसेरिया की ग्रांट से खरीदे गए थे।तारीख
सूरत में इनकी कीमत Rs. 6500 है। ये FRC मटीरियल (फाइबर) से बने हैं। अब सीमेंट की बाड़ लगाने का फैसला लिया गया है। जिसकी कीमत Rs. 4475 है। एक साल में 45 बाड़ लगाई जा सकती हैं। जो अहमदाबाद से ज़्यादा है।