कंपनियों ने 80 परसेंट पैसा BJP को, 20 परसेंट दूसरी पार्टियों को दिया
दिल्ली 23 दिसंबर, 2025
20 दिसंबर, 2025 तक के डेटा के मुताबिक, 19 में से 13 इलेक्टोरल ट्रस्ट की रिपोर्ट मौजूद है। जिसमें से 2024-2025 में नौ ट्रस्ट ने पॉलिटिकल पार्टियों को कुल 3,811 करोड़ रुपये दिए हैं। जिसमें केंद्र में सत्ताधारी पार्टी भारतीय जनता पार्टी (BJP) को 3,112 करोड़ रुपये मिले हैं, जो ट्रस्ट द्वारा दिए गए कुल फंड का 82 परसेंट से ज़्यादा है।
सुप्रीम कोर्ट ने इलेक्टोरल बॉन्ड के ज़रिए सरकार की सीक्रेट पॉलिटिकल फंडिंग स्कीम को खत्म कर दिया है। इलेक्टोरल बॉन्ड बंद होने से इलेक्टोरल ट्रस्ट पॉलिटिकल पार्टियों पर पैसों की बारिश कर रहे हैं।
कांग्रेस को कुल रकम का 8 परसेंट यानी 299 करोड़ रुपये मिले हैं। बाकी सभी पार्टियों को मिलाकर बाकी 10 परसेंट या करीब 400 करोड़ रुपये मिले।
यह 2023-2024 में ट्रस्टों द्वारा दिए गए 1,218 करोड़ रुपये की तुलना में 200% ज़्यादा है। इसलिए, चार ट्रस्ट (जनहित, परिवर्तन, जय हिंद और जय भारत) पार्टियों को कोई पैसा नहीं देंगे।
प्रूडेंट इलेक्टोरल ट्रस्ट ने BJP को कुल 2,180 करोड़ रुपये दिए हैं। ट्रस्ट को मुख्य रूप से जिंदल स्टील एंड पावर, मेघा इंजीनियरिंग, भारती एयरटेल, अरबिंदो फार्मा और टोरेंट फार्मास्युटिकल्स जैसी कंपनियों से फंड मिला। प्रूडेंट ने कांग्रेस, TMC, आम आदमी पार्टी और TDP को भी डोनेशन दिया, लेकिन इसके कुल 2,668 करोड़ रुपये के फंड का लगभग 82% अकेले BJP को गया।
प्रोग्रेसिव इलेक्टोरल ट्रस्ट ने फाइनेंशियल ईयर 2024-25 के दौरान अलग-अलग कंपनियों से 917 करोड़ रुपये इकट्ठा किए, जिसमें से 914.97 करोड़ रुपये दिए गए। इस रकम का 80.82 प्रतिशत भी BJP को गया। इस ट्रस्ट में टाटा ग्रुप की कंपनियां जैसे टाटा संस, TCS, टाटा स्टील, टाटा मोटर्स और टाटा पावर शामिल हैं।
प्रूडेंट इलेक्ट्रोल ट्रस्ट ने कांग्रेस, TMC, AAP, TDP और दूसरी पॉलिटिकल पार्टियों को फंड दिया है, लेकिन 2024-2025 में इसके कुल 2,668 करोड़ रुपये का एक बड़ा हिस्सा BJP को गया।
मुंबई की KEC इंटरनेशनल लिमिटेड अकेली कंपनी थी जिसने ‘जनप्रगति इलेक्टोरल ट्रस्ट’ को दिया। ट्रस्ट को मिले कुल 1.02 करोड़ रुपये में से 1 करोड़ रुपये शिवसेना (UBT) को दिए गए। ‘हार्मनी इलेक्टोरल ट्रस्ट’ को 35.65 करोड़ रुपये मिले, जिसमें से 30.15 करोड़ रुपये BJP को दिए गए। भारत फोर्ज (22 करोड़ रुपये) और कल्याणी स्टील जैसी कंपनियों ने इसमें बड़ा योगदान दिया।
‘न्यू डेमोक्रेटिक इलेक्टोरल ट्रस्ट’ को महिंद्रा ग्रुप ऑफ़ कंपनीज़ से कुल 160 करोड़ रुपये मिले, जिसमें से 150 करोड़ रुपये BJP को दिए गए। ‘ट्रायम्फ इलेक्टोरल ट्रस्ट’ को मिले 25 करोड़ रुपये में से 21 करोड़ रुपये BJP को मिले, जिसमें CG पावर का सबसे बड़ा योगदान रहा। वहीं, ‘जन कल्याण ट्रस्ट’ को मिले कुल 19 लाख रुपये BJP और कांग्रेस के बीच बराबर (9.5 लाख) बांटे गए।
पिछले फाइनेंशियल ईयर (2023-24) में BJP को कुल 3,967.14 करोड़ रुपये मिले। इसमें से 43% इलेक्टोरल बॉन्ड से मिले। सुप्रीम कोर्ट के बॉन्ड स्कीम को गैर-कानूनी घोषित करने के बाद, अब कंपनियां सीधे या इलेक्टोरल ट्रस्ट के ज़रिए चेक, DD या UPI ट्रांसफर के ज़रिए दान करती हैं, जिसकी जानकारी चुनाव आयोग को देना ज़रूरी है।
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