गांधीनगर, 5 नवंबर 2020
गुजरात में हर दो साल में होने वाले वाइब्रेंट समिट में हुए समझौता ज्ञापनों से परियोजनाओं को हटा दिया जाता है। 2015 में, 21,304 कंपनियों ने सरकार से वादा किया कि हम गुजरात में 16.30 लाख करोड़ रुपये का निवेश करेंगे, जिसके खिलाफ 15095 औद्योगिक समूहों द्वारा 2.89 लाख करोड़ रुपये का निवेश किया गया था।
2015 में, 5464 परियोजनाएं निवेश से हट गईं। इसी तरह 24774 परियोजनाओं के लिए 2017 में एमओयू पर हस्ताक्षर किए गए थे। जिसमें से 15,425 परियोजनाओं में 3.08 लाख करोड़ रुपये का निवेश किया गया है। उद्योग विभाग ने एक दस्तावेज में दावा किया है कि शेष 2662 परियोजनाओं में अंडर-इम्प्लीमेंटेशन में 56,740 करोड़ रुपये का निवेश है। वर्ष 2017 के लिए 3938 परियोजनाएं गिराई गई हैं।
इसका मतलब है कि कुल 46,088 में से 9912 परियोजनाएं पिछले दो जीवंत वर्षों से बाहर हो गई हैं। उद्योग के एक अधिकारी ने कहा कि राज्य को दो वाइब्रेंट समिट के लिए शुरू की गई परियोजनाओं में 5.97 लाख करोड़ रुपये का निवेश प्राप्त हुआ है।