कोरोना में मोदी सरकार की खराब नीति के कारण विदेशी कर्ज बढ़ाने वाली कंपनियां

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नई दिल्ली, 7 मे 2021: भारतीय व्यापार का वाणिज्यिक ऋण मार्च में 24 प्रतिशत से बढ़कर 9. 9.23 अरब हो गया। यह रिजर्व बैंक के आंकड़ों से स्पष्ट होता है। देश की कंपनियों ने एक साल पहले इसी अवधि में विदेशी बाजार से 7.44 बिलियन जुटाए थे।

मार्च 2021 में कुल उधार में से, 35 5.35 बिलियन विदेशी वाणिज्यिक उधार (ईसीबी) के लिए अनुमोदन मार्ग के माध्यम से उठाया गया था, जबकि शेष 8 3.88 बिलियन अंतरराष्ट्रीय बाजार से उठाया गया था। रुपये की कोई राशि इस दौरान बांड या मसाला बॉन्ड द्वारा नहीं जुटाई गई थी।

सरकार की मंजूरी के साथ जिन तीन कंपनियों ने विदेश से कर्ज लिया है, वे हैं इंडियन रेलवे फाइनेंस कॉर्पोरेशन (IRFC), ONGC Videsh Rowuma और REC Limited। आईआरएफसी ने बुनियादी ढांचे के विकास के लिए तीन किस्तों में 3.33 बिलियन की बढ़ोतरी की है, जबकि ओएनजीसी विदेश रोउमा लिमिटेड ने 1. 1.6 बिलियन की वृद्धि की है।

आरईसी – ग्रामीण विद्युतीकरण निगम लिमिटेड ने आगे के ऋण के लिए 42 425 मिलियन जुटाए हैं। आरईसी लिमिटेड एक कंपनी है जो बिजली क्षेत्र में बुनियादी ढांचा वित्तपोषण प्रदान करती है।

इसके अलावा, अदानी हाइब्रिड एनर्जी जैसलमेर, भारती एयरटेल, पीजीपी ग्लास और एनटीपीसी स्वचालित मार्गों के माध्यम से विदेशों से पूंजी जुटाने वाली शीर्ष कंपनियां रही हैं। इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन और MMR साहा इंफ्रास्ट्रक्चर को भी करोड़ों रुपये मिले हैं।