मोदी के उद्घाटन के बाद 5 महीने में द्वारका सुदर्शन ब्रिज में भ्रष्टाचार 

जानिए सुदर्शन ब्रिज में कैसे हुआ बड़ा भ्रष्टाचार

बिहार में जो पुल टूट गए, उन्हें एस.पी.सिंगला ने बनवाया

प्रधानमंत्री मोदी पर उंगलियां उठ रही हैं

दिलीप पटेल
अहमदाबाद, 26 जुलाई 2024
रु. 1 हजार करोड़ की जनता के पैसे से बने द्वारका के सिग्नेचर ब्रिज में 5 महीने में ही दरार आ गई है. जिसे सुदर्शन सेतु नाम दिया गया है. लेकिन यहां भ्रष्टाचार का पुण्यचक्र फिर से दोहराया जा रहा है। कुछ दिन पहले सुदर्शन सेतु पुल की दीवार ढह गई थी. भगवान द्वारकाधीश के धाम पर पुल निर्माण में भ्रष्टाचार के आरोप लगे हैं.

25 फरवरी 2024 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के उद्घाटन के 5 महीने के भीतर ही पुल में दरारें आ गई हैं. पुल में जो हुआ उसके लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री भूपेन्द्र पटेल को जिम्मेदार ठहराया गया है.

सुदर्शन सेतु के नाम से जाना जाने वाला यह पुल ओखा मुख्य भूमि और बैट-द्वारका द्वीप को जोड़ता है। पुल की चमक अब कहीं फीकी पड़ गई है.

956 करोड़ रुपये का खर्च समुद्री पानी में डूबता नजर आ रहा है. 5 माह के अंदर ही पुल की सरिया दिखने लगी है। पुल पर परत जमने लगी है. पुल का काम घटिया गुणवत्ता का है। अगर भूपेन्द्र सरकार नहीं जागी तो मोरबी हैंगिंग ब्रिज जैसा हादसा हो सकता है.

पुल के जोड़ उजागर हो गए हैं। ठेकेदार किस तरह का काम कराता है. गुजरात में कई पुल बनाए गए हैं और उनके प्रदर्शन को लेकर सवाल उठते रहे हैं. क्या ठेकेदार पर कोई कार्यवाही होगी? लगता है भ्रष्टाचार चरम पर है. कांग्रेस ने जांच की मांग की है.

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