2022-23 के लिए एमएसपी की घोषणा
Declaration of MSP for 2022-23
नई दिल्ली, 08-06-2022
केंद्रीय आर्थिक मामलों की समिति (सीसीईए) ने 2022-23 के लिए खरीफ फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) को मंजूरी दे दी है।
उचित मूल्य पर उपज की गारंटी दी जा सकती है।
* खर्चों के संदर्भ में सभी भुगतान किए गए खर्च शामिल हैं। दिहाड़ी मजदूरों को भुगतान की गई मजदूरी, बैल मजदूर/मशीन मजदूर, पट्टे पर दी गई जमीन का किराया, बीज, खाद, खाद, सिंचाई आदि सामग्री की लागत, औजारों और खेत की इमारतों पर टूट-फूट जैसी सामग्री के उपयोग पर होने वाला खर्च, काम करने में पंप सेट को संचालित करने के लिए आवश्यक पूंजी, डीजल या बिजली पर ब्याज, विविध लागत और घरेलू पारिश्रमिक के लागू मूल्य शामिल हैं।
^ धान (ग्रेड ए), ज्वार (मालदंडी) और कपास (लंबे फाइबर) के लिए व्यय डेटा अलग से संकलित नहीं किया जाता है।
एमएसपी को भारित औसत उत्पादन लागत से कम से कम 50 प्रतिशत अधिक होने की घोषणा की गई थी। किसानों को उचित पारिश्रमिक सुनिश्चित करने के उद्देश्य से घोषणा की गई थी। यहां यह ध्यान दिया जा सकता है कि बाजरा, अरहर, उड़द, सूरजमुखी के बीज, सोयाबीन और मूंगफली के लिए एमएसपी पर रिटर्न अखिल भारतीय औसत उत्पादन लागत का 50 प्रतिशत से अधिक है।
तेल फसलों पर ज्यादा ध्यान दिया जा रहा है।
वर्ष 2021-22 के तीसरे अग्रिम पूर्वानुमान के अनुसार, देश का खाद्यान्न उत्पादन 314.51 मिलियन टन की रिकॉर्ड मात्रा में होने का अनुमान है जो कि 2020-21 के दौरान खाद्यान्न उत्पादन से 3.77 मिलियन टन अधिक है। 2021-22 के दौरान उत्पादन पिछले पांच वर्षों (2016-17 से 2020-21) में औसत अनाज उत्पादन से 23.80 मिलियन टन अधिक है।