6600 किलोमीटर पानी और सीवर लाइनों की मैपिंग की जाएगी
दिलीप पटेल
अहमदाबाद, 28 जून 2025
अहमदाबाद शहर के 48 वार्डों में 1 लाख 75 हजार मशीन होल हैं। जिनकी सैटेलाइट की मदद से मैपिंग की जाएगी। अहमदाबाद शहर के ड्रेनेज और रेनवाटर लाइनों के मुख्य होल और कैच पिट का डिजिटल डेटा तैयार किया जाएगा। भाजपा के अधिकारी ढक्कन की कीमत पर इसका मैप बनाने के लिए पैसे खर्च करेंगे।
गूगल मैपिंग का इस्तेमाल कर सीवर लाइनों के मुख्य होल ढूंढ़कर डेटा तैयार कर डिजिटल मैप तैयार किया जाएगा। दरियापुर वार्ड में पायलट प्रोजेक्ट शुरू किया गया था। अब इसे पूरे शहर में लागू किया जाएगा। मशीन होल मैपिंग के लिए ग्लोबल पोजिशनिंग तकनीक का इस्तेमाल कर ई-गवर्नेंस विभाग द्वारा मशीन होल मैपिंग की जाएगी।
सीवेज लेजर सीवेज इंफ्रास्ट्रक्चर डेटा को डिजिटल तरीके से रिकॉर्ड और ट्रैक करता है। पूरा होने के बाद पाइपलाइन की लोकेशन, मेंटेनेंस शेड्यूल, फ्लो मेट्रिक्स और ट्रीटमेंट प्लांट ऑपरेशन की जानकारी मिल सकेगी। अहमदाबाद में 9 सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट, 45 सीवेज पंपिंग स्टेशन और करीब 2500 किलोमीटर का सीवेज नेटवर्क संचालित और प्रबंधित किया जाता है। पानी की पाइपलाइन 4105 किलोमीटर है। एक केंद्रीकृत, पारदर्शी, वास्तविक समय डेटाबेस का उपयोग किया जाएगा। पानी और सीवेज संचालन से संबंधित बुनियादी ढांचे की योजना बनाई जा सकेगी। संचालन और रखरखाव की लागत को नियंत्रित किया जा सकेगा। पानी और सीवेज संचालन पर केंद्रीय नियंत्रण और विनियमन होगा। शहर के सभी मशीन हॉल, कैच पिट, चैंबर, पंपिंग स्टेशन, ट्रीटमेंट प्लांट, नेटवर्क पाइपलाइन और अन्य घटकों का संचालन किया जाएगा। सीवेज इंफ्रास्ट्रक्चर के निरीक्षण का पूरा विवरण दर्ज किया जाएगा। कर्मचारी साइट पर मौजूदगी के बारे में काम की निगरानी कर सकेंगे। सिविल सेवा के लिए, माइक्रो मैनेजमेंट और मैक्रो मैनेजमेंट अधिक सटीक, वास्तविक समय होगा। डैशबोर्ड मॉनिटरिंग की जाएगी। उपरोक्त परियोजना 4 करोड़ रुपये की लागत से 3 साल के लिए लागू की जाएगी। शिकायतें अहमदाबाद शहर से सीवेज के बारे में प्रतिदिन 1811 शिकायतें प्राप्त होती हैं। पानी और सीवेज लाइनों के लीकेज के कारण प्रदूषित पानी आने की 98 हजार शिकायतें सालाना मिलती हैं। सीवर ओवरफ्लो होने, सीवर के पानी के बैकफ्लो होने के अलावा पानी और सीवेज लाइनों में लीकेज के कारण लोगों को प्रदूषित पानी पीना पड़ता है। सीवर ओवरफ्लो होने की शिकायतें बढ़ रही हैं। 1 साल में 43 करोड़ खर्च करने के बावजूद 3.51 लाख शिकायतें मिलती हैं। ठेकेदार डिसिल्टिंग के लिए हाई फ्लो जेटिंग, मिनी जेटिंग, सुपर सकर मशीन और कंबाइंड जेटिंग मशीनों का इस्तेमाल करते हैं। शहर सरकार के पास 60 सीवर सफाई मशीनें हैं। इसके अलावा 4 निजी स्वामित्व वाली मशीनों की मदद से सीवर की सफाई की जाती है। इसके बावजूद सीवर ओवरफ्लो होने की शिकायतें बढ़ रही हैं। अहमदाबाद में सीवर की सफाई के लिए मजदूरों को नीचे न जाना पड़े, इसके लिए 7 साल के लिए 33.45 करोड़ रुपये किराए पर दो रिसाइकिलिंग मशीनें लाई गई हैं। शहर में सीवर लाइनों की सफाई के लिए 66 डिसिल्टिंग मशीनों का इस्तेमाल किया जाता है। सीवर लाइनों में जमा कीचड़, गंदगी और कचरे को साफ करने के लिए नगर निगम ने अत्याधुनिक तकनीक वाली जेटिंग कम सेक्शन वाली दो मशीनें किराए पर ली हैं। इन दो रीसाइक्लिंग कलर मशीनों को पीपीपी आधार पर 33.45 करोड़ रुपये के किराए पर 7 साल के लिए खरीदा गया है। अब जबकि गूगल ने सर्वे करवा लिया है तो इसका फायदा मिल सकता है।