जीवाणु उर्वरक-कीट नियंत्रण का उपयोग कर 800 ग्राम आलू को पकाते हुए किसान

Farmers baking 800 grams of potatoes using bacterial fertilizer-pest control

अरावली, 15 मार्च 2020
प्रवीणभाई पटेल, गुजरात के अरावली जिले के बीड तालुका के तेनपुर गांव के एक प्रगतिशील किसान और प्रवीणभाई वीनाबेन पटेल और शशिकांतभाई पटेल की पत्नी रासायनिक उर्वरकों के उपयोग के बिना खेती करते हैं। वे बंसी गिरी गौशाला खेलते हैं। मुक्त जीवाणुओं की सफल खेती।

बंसी गिर गौशाला के श्री गोपालभाई सूर्या से गिर-गो-दया-अमृतम कल्चर और बैक्टीरिया की खेती करके किसानों को अच्छी और प्रचुर मात्रा में फसलें मिल रही हैं।

गिर-गो-दया अमृतम की बोतल किसानों को मुफ्त दी जाती है। तेनपुर गांव के प्रवीणभाई पटेल ने आलू, गेहूं और अरंडी और गोभी की खेती की है। प्रवीणभाई पटेल ने इस जैविक खेती को करके एक वेजी में 400 रत्न आलू प्राप्त किए हैं। एक नग्न आलू का वजन भी 500 से 800 ग्राम होता है। उन्होंने इस खेती के लिए 3 गाय पाल रखी हैं।

इस खेती को देखने के लिए अलग-अलग जगहों से किसान आते हैं। बैक्टीरियल अनुष्ठान प्रयोगों से किसानों को रासायनिक उर्वरकों और कीटनाशकों की लागत से छुटकारा पाने में मदद मिलती है। गो ग्रेस अमृतम बैक्टीरिया और कीट नियंत्रण के लिए काम करता है। किसानों को कम लागत की खेती मिलती है।