दिल्ली, 23 मई 2020
भारत शेष विश्व के साथ जैव विविधता के संरक्षण में अपनी सर्वश्रेष्ठ कार्य प्रणाली और अनुभवों को साझा करेगा: केन्द्रीय पर्यावरण मंत्री
अंतर्राष्ट्रीय जैव विविधता दिवस 2020 के वर्चुअल उत्सव में, केन्द्रीय पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय ने जैव विविधता के संरक्षण के लिए पांच प्रमुख पहलों की शुरूआत की।
वर्ष 2020 जो ‘‘जैव विविधता के लिए उत्तम वर्ष” भी है, क्योंकि 2010 में अपनाए गए 20 वैश्विक ऐची लक्ष्यों के साथ जैव विविधता के लिए रणनीतिक योजना 2020 में समाप्त हो रही है और सभी देश मिलकर 2020 के बाद की वैश्विक जैव विविधता रूपरेखा तैयार करने की प्रक्रिया में हैं। भारत, एक बहुत बड़ा जैव विविधता वाला देश है, भारत उन देशों का स्वागत करता है जो अपनी जैव विविधता परिदृश्यों को बेहतर बनाने में रुचि रखते हैं, और हम उनके साथ अपने अनुभवों और सर्वश्रेष्ठ कार्य प्रणाली को साझा करने के लिए तैयार हैं। पर्यावरण मंत्री ने अपनी खपत को सीमित करने और एक स्थायी जीवन शैली को बढ़ावा देने की आवश्यकता पर जोर दिया।
इस वर्ष की विषय वस्तु पर जोर देते हुए श्री जावड़ेकर ने कहा कि “हमारे समाधान प्रकृति में हैं” और इसलिए, अपनी प्रकृति की रक्षा करना बेहद महत्वपूर्ण है, विशेष रूप से कोविड-19 के वर्तमान संदर्भ में क्योंकि यह हमें जानवरों से मनुष्यों में होने वाली बीमारियों सहित विभिन्न तबाहियों से बचाती है।
राष्ट्रीय जैव विविधता प्राधिकरण (एनबीए) और संयुक्त राष्ट्र विकास कार्यक्रम (यूएनडीपी) का जैव विविधता संरक्षण प्रशिक्षण कार्यक्रम शुरू किया, जिसमें एक खुली, पारदर्शी और ऑनलाइन प्रतियोगी प्रक्रिया के जरिये एक वर्ष की अवधि के लिए 20 छात्रों को स्नातकोत्तर डिग्री के साथ जोड़ने का प्रस्ताव है। इस कार्यक्रम में सक्रिय और रचनात्मक छात्रों को शामिल किया जाएगा, जो प्राकृतिक संसाधन प्रबंधन और जैव विविधता संरक्षण के बारे में जानने और विभिन्न राज्यों और संघ शासित प्रदेशों में एनबीए की परियोजनाओं का समर्थन करने के लिए तैयार हैं और राज्य जैव विविधता बोर्डों/संघ राज्य क्षेत्र जैव विविधता परिषद के आदेशों का पालन करने में तकनीकी रूप से सहायता करने के लिए तैयार हैं।
वर्चुअल कार्यक्रम में लुप्तप्राय प्रजातियों की अवैध तस्करी पर यूएनईपी अभियान का शुभारंभ भी देखा गया: ‘सभी जानवर इच्छा से पलायन नहीं करते’। वन्यजीवों में अवैध व्यापार से खतरनाक महामारी फैलने का खतरा रहता है। वन्यजीव अपराध नियंत्रण ब्यूरो द्वारा यूएनईपी के साथ शुरू किए गए सभी जानवर इच्छा से पलायन नहीं करते अभियान, इन पर्यावरणीय चुनौतियों को दूर करने, जागरूकता बढ़ाने और समाधान की वकालत करने का प्रयास करता है।
डब्ल्यूडब्ल्यूएफ मॉडल कॉन्फ्रेंस ऑफ पार्टीज़ (एमसीओपी) के साथ-साथ ‘जैव विविधता संरक्षण और जैव विविधता कानून, 2002 ‘ पर एक वेबिनार श्रृंखला भी शुरू की गई, यह एक ऐसी पहल है जिसमें युवा पीढ़ी को भी शामिल किया गया है, ताकि वे एक नई शुरुआत कर सकें और जैव विविधता पर मानवता के पदचिह्न का प्रभाव और हमारे अपने अस्तित्व के लिए जैव विविधता पोषण के महत्व के बारे में बातचीत कर सकें। इस दौरान डब्ल्यूडब्ल्यूएफ द्वारा समर्थित एक जागरूकता अभियान भी शुरू किया गया ताकि मानव जाति के लिए उपलब्ध कराई गई मुफ्त पारिस्थितिकी सेवाओं के जरिये प्रकृति की महत्वपूर्ण भूमिका को उजागर किया जा सके।