केंद्रीय मंत्रिमंडल ने सार्वजनिक क्षेत्र की तीन सामान्य बीमा कंपनियों- ओरिएंटल इंश्योरेंस कंपनी लिमिटेड (OICL), नेशनल इंश्योरेंस कंपनी लिमिटेड (NICL) और यूनाइटेड इंडिया इंश्योरेंस कंपनी लिमिटेड (UIICL) की मदद के लिए कुल 12,450 करोड़ रुपए (वर्ष 2019-20 में दिए गए 2,500 करोड़ रुपए सहित) की पूंजी देने को मंजूरी दे दी है। इनमें से 3,475 करोड़ रुपये की राशि तत्काल जारी कर दी जाएगी जबकि बाकी 6,475 करोड़ रुपए बाद में जारी किए जाएंगे।
कैबिनेट ने इस पूंजी की उपलब्धता को प्रभावी करने के लिए NICL को 7,500 करोड रुपए तक जबकि UIICL तथा OICL को 5000 करोड़ रुपए तक अधिकृत शेयर पूंजी में बढ़ोतरी को भी स्वीकृति दी है। इसके अलावा, मौजूदा स्थिति को ध्यान में रखते हुए इनकी विलय की प्रक्रिया को फिलहाल रोक दिया गया है और इसकी जगह इनके लाभदायक विकास पर ध्यान दिया जाएगा।
तीन सामान्य बीमा कंपनियों जैसे OICL NICL और UIICL को इस पूंजी प्रवाह के पहले हिस्से के रूप में मौजूदा वित्त वर्ष में 3,475 करोड रुपए का आवंटन कर दिया जाएगा और शेष राशि बाद में एक या दो हिस्सों के रूप में जारी की जाएगी। इस पूंजी प्रवाह को प्रभावी बनाने के लिए NICL की अधिकृत पूंजी बढ़ाकर 7,500 करोड़ रुपए और UIICL तथा OICL की अधिकृत पूंजी बढ़ाकर क्रमश: 5,000 करोड़ रुपए कर दी जाएगी।
प्रभाव :
इस पूंजी प्रवाह से सार्वजनिक क्षेत्र की तीन सामान्य बीमा कंपनियों को अपनी वित्तीय और ऋण चुकाने की क्षमता में सुधार, अर्थव्यवस्था की बीमा जरूरतों को पूरा करने, बदलावों को अपनाने, संसाधन जुटाने की क्षमता बढ़ाने और जोखिम प्रबंधन में सुधार करने में मदद मिलेगी।
वित्तीय निहितार्थ :
मौजूदा वित्त वर्ष में सार्वजनिक क्षेत्र की तीन सामान्य बीमा कंपनियों – OICL, NICL और UIICL में पूंजी प्रवाह के पहले हिस्से के रूप में 3,475 करोड़ रुपए का वित्तीय निहितार्थ होगा। इसके बाद 6,475 करोड़ रुपए का शेष हिस्सा भी जारी कर दिया जाएगा।
आगे के कदम :-
उपलब्ध कराई जा रही पूंजी का बेहतरीन इस्तेमाल सुनिश्चित करने के लिए सरकार ने केपीआई के रूप में दिशा-निर्देश जारी किए हैं जिनका लक्ष्य इन कंपनियों में व्यावसायिक क्षमता को बढ़ाना और लाभदायक वृद्धि लाना है। इस बीच, मौजूदा स्थिति को देखते हुए फिलहाल के लिए विलय की प्रक्रिया को रोक दिया गया है और इसके बदले में पूंजी प्रवाह के बाद इनकी ॠण चुकाने की क्षमता बढ़ाने और लाभ प्रदायक वृद्धि पर ध्यान दिया जाएगा।