गुजरात में 62 लाख वोटों के फर्जी होने का संदेह
अहमदाबाद, 30 अगस्त, 2025
गुजरात में वोट चोरी को लेकर एक बड़ा खुलासा करते हुए गुजरात प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष अमित चावड़ा ने कहा कि एक व्यक्ति को एक वोट का अधिकार है, लेकिन गुजरात में भाजपा ‘एक व्यक्ति को कई वोट’ देने की राजनीतिक साजिश रचकर वोट चुरा रही है। हमने केवल एक विधानसभा सीट की जाँच करके इसका पर्दाफाश किया है। कांग्रेस ने गुजरात की मतदाता सूची में कई अनियमितताओं का खुलासा किया है।
चौरासी विधानसभा क्षेत्रों के अनुसार, पूरे गुजरात में 62 लाख से ज़्यादा मतदाता फर्जी, झूठे और संदिग्ध मतदाता हो सकते हैं।
मोदी सरकार के जल मंत्री और गुजरात भाजपा अध्यक्ष नवसारी के चौरासी विधानसभा क्षेत्र में कुल मतदाताओं की संख्या 6 लाख 9 हज़ार 592 है। जिनमें से 40 प्रतिशत यानी 2 लाख 40 हज़ार मतदाताओं का सत्यापन किया गया, 30 हज़ार मतदाता फर्जी, झूठे और संदिग्ध पाए गए। जो लगभग 12.3 प्रतिशत है।
पाटिल के निर्वाचन क्षेत्र में यह वोट चोरी हो रही है। सीआर पाटिल इससे अनजान नहीं हो सकते। नवसारी से भाजपा नेता की जीत के पीछे वोट चोरी का हाथ है।
गुजरात में वोट चोरी पाँच अलग-अलग तरीकों से देखी जाती है। कर्नाटक की एक विधानसभा की तरह, गुजरात की एक विधानसभा का विवरण सबूतों, आँकड़ों और समर्थन के साथ प्रस्तुत किया गया है।
इस घटना के बाद पूरे गुजरात में वोट चोरी का संदेह है। ऐसा लगता है कि असली मतदाताओं की तुलना में नकली मतदाताओं की संख्या ज़्यादा हो गई है। इसे लेकर गुजरात में चिंता है।
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गुजरात राज्य में मतदाता सूचियों में छेड़छाड़ के पाँच तरीके हैं।
1 – पूरी तरह से गलत मतदाता,
2 – वर्तनी में छेड़छाड़,
3 – किसी व्यक्ति के तीन-चार चुनाव पहचान पत्र,
4 – पते में बदलाव,
5 – मतदाता सूची की भाषा में छेड़छाड़।
दूसरा तरीका है वर्तनी में बदलाव – नाम में मामूली बदलाव जैसे भाई, कुमार, जिसके परिणामस्वरूप एक ही व्यक्ति के दो अलग-अलग मतदाता पहचान पत्र बन जाते हैं।
तीसरा तरीका है किसी व्यक्ति के तीन-चार वोटर कार्ड देखना।
चौथा तरीका है गुजराती और अंग्रेजी के अलावा अन्य भाषाओं में वोटर कार्ड देखना।
पाँचवाँ तरीका है पते में मामूली बदलाव करके नए मतदाता बनाना।
घर के पते में, एक पहचान पत्र में मकान संख्या 210 और दूसरे में 210-212 दर्शाकर एक ही व्यक्ति के दो वोटर कार्ड बनाए गए हैं।
अट्ठासी विधानसभा में एक ही व्यक्ति का सारा विवरण एक ही बैग में है, लेकिन दो अलग-अलग वोटर आईडी देखी गईं।
कई जगहों पर बड़ी संख्या में फर्जी, झूठे, संदिग्ध मतदाता हैं। गुजरात में एक मतदाता एक बार नहीं, बल्कि कई बार वोट देता है।
यदि 84 विधानसभा का पैटर्न पूरे राज्य पर लागू किया जाए, तो राज्य में लगभग 62 लाख से ज़्यादा मतदाता फर्जी, झूठे, संदिग्ध मतदाता निकल सकते हैं।
पूरे राज्य का अनुमान
यदि 84 विधानसभा का पैटर्न पूरे राज्य पर लागू किया जाए, तो पूरे राज्य में इस प्रकार फर्जी मतदाता हो सकते हैं।
1 – सटीक दोहराव: राज्य के कुल मतदाताओं में से 182 विधानसभा क्षेत्रों में एक ही व्यक्ति के दो वोट हो सकते हैं।
1 – सटीक दोहराव: 182 विधानसभा क्षेत्रों में एक ही व्यक्ति के दो वोट हो सकते हैं।
2 – वर्तनी भिन्नता: अक्षरों और नामों में मामूली बदलाव। प्रति विधानसभा सीट औसत मतदाता 2 लाख 78 हज़ार 374 हो सकते हैं।
3 – एकाधिक पहचान पत्र संख्या: तीन-चार पहचान पत्र, तीन-चार वोट फ़र्ज़ी, झूठे, संदिग्ध हो सकते हैं। प्रति विधानसभा 12.3 प्रतिशत वोट।
4 – विभिन्न भाषाएँ: राज्य की मतदाता सूची में अन्य भाषाओं में नाम मौजूद हैं।
5 – पते में हेराफेरी: पते में मामूली बदलाव के लिए कई नाम हैं।
आने वाले दिनों में राज्य के सभी 182 विधानसभा क्षेत्रों की मतदाता सूचियों का सत्यापन किया जाएगा। वर्ष 2027 तक, हम सभी सूचियों का सत्यापन करेंगे और वोट चोरों को बेनकाब करेंगे और गुजरात के मतदाताओं के अधिकारों की रक्षा करेंगे। कांग्रेस पार्टी लोकतंत्र को बचाने के लिए प्रतिबद्ध है। अमित चावड़ा ने कहा।
हर परिवार तक पहुँच चुके फर्जी, झूठे, संदिग्ध मतदाता ज़रूर मिलेंगे। चोरी तो हर जगह हो रही है, लेकिन भारत के इतिहास में पहली बार वोट चोरी हो रही है, कांग्रेस पार्टी चुप नहीं बैठेगी।
‘वोट चोरी’ पूरे देश में हो रही है, जो लोकतंत्र के लिए चिंताजनक है। लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने बेंगलुरु मध्य लोकसभा में हुई वोट चोरी का तथ्यात्मक विवरण जारी किया है। देश के संविधान द्वारा दिया गया मतदान का अधिकार लोकतंत्र की नींव है। इस समय लोकतंत्र खतरे में दिख रहा है। लोकतंत्र को नष्ट करने पर तुली भाजपा का असली चेहरा देश के सामने आ रहा है।