गुजरात सरकार कृषि की सामान्य परियोजनाओं को भी वित्त नहीं दे सकती है, बागानों और कोल्ड स्टोरेज का काम अधूरा

गांधीनगर, 01 अगस्त, 2020

फल और  फूलों के नए बगीचे लगाने और इसके लिए धन आवंटित करने के लिए गुजरात सरकार द्वारा निर्धारित लक्ष्य को 2019 में पूरा नहीं किया जा सका। इसने 7.68 करोड़ रुपये की लागत से 122 नर्सरी स्थापित करने के लिए किसानों को सहायता प्रदान करने का निर्णय लिया। लेकिन मुश्किल से 62 नर्सरी बन पाईं और वह भी 42 लाख रुपये की। हाल ही में मीली कृषि विभाग की बैठक में ए बाते रखी गई है।

11200 हेक्टेयर क्षेत्र में फलो के बाग लगाने का निर्णय लिया गया। कृषि मंत्री ने इसके लिए 27.75 करोड़ रुपये आवंटित किए थे। लेकिन 6120 हेक्टेयर यानी 50 फीसदी बन सका। इसके पीछे 12 करोड़ किसानो को दीया गया था।  फूलों के बागानों का विस्तार 685 हेक्टेयर तक था, जो मुश्किल से 298 हेक्टेयर हो सकता था। यही बात मसालों के साथ भी हुई है। मसाला की पैदावार की सहायता को 350 हेक्टेयर में प्रदान किया जाना था, जबकि 99 हेक्टेयर में हो सका।

सब्जियों के लिए 7500 हेक्टेयर में सहाय दिया जाना था, जिसमें से 5526 हेक्टेयर को सहायता दिया जा सका था।

2019 में गुजरात में निजी व्यापारियों द्वारा कुल 12 कोल्ड स्टोरेज स्थापित किए गए थे। इसमें से कुल 95.62 करोड़ रुपये निजी व्यक्तियों द्वारा खर्च किए गए। लेकिन सरकार ने 46 करोड़ रुपये के खर्च को मंजूरी दे दी और व्यापारियों को 17 करोड़ रुपये की सब्सिडी दी। सबसे ज्यादा सब्सिडी तिरुपति बालाजी एग्री लिंक को 1.43 करोड़ रुपये, इस्कॉन बालाजी फूड कंपनी को 1.83 करोड़ रुपये और राधे कोल्ड स्टोरेज को 1.43 करोड़ रुपये दी गई।

उत्तर गुजरात में, 16 सौर ऊर्जा संचालित कोल्ड स्टोरेज को 5.46 करोड़ रुपये की कुल लागत पर 1.67 करोड़ रुपये की सब्सिडी दी गई। इस प्रकार, सभी आधुनिक परियोजनाएं उत्तर गुजरात में आ रही हैं और ऐसा लगता है कि सरकार ने केवल उत्तर गुजरात परियोजनाओं को सब्सिडी दी है।