विदेशी बीमारियों को कृषि और बागवानी फसलों से रोकने के लिए अलग व्यवस्था की जा रही है। फसल के अच्छे स्वास्थ्य को ध्यान में रखते हुए विदेशों से आयातित पौधों को अलग रखा जाएगा। देश का पहला वृक्षारोपण सामग्री संगरोध केंद्र उत्तराखंड में स्थापित किया जाना है। आयातित पौधों को पहले एक विशिष्ट समय के लिए संगरोध किया जाएगा। इसके बाद ही इन पौधों को किसानों को उपलब्ध कराया जाएगा।
राज्यों में स्थापना के लिए राज्य के विभिन्न जिलों में भूमि मांगी जा रही है। गुजरात सरकार ने विदेशों से आने वाले बीजों से सावधान रहने के लिए एक सार्वजनिक नोटिस भी जारी किया है। सरकार देहरादून, टिहरी, नैनीताल, हरिद्वार, पौड़ी और ऊधमसिंह नगर जिलों में 20 एकड़ भूमि की तलाश कर रही है ताकि संयंत्र के लिए एक संगरोध केंद्र स्थापित किया जा सके।
कृषि और किसान कल्याण मंत्रालय की एक टीम उत्तराखंड के इन जिलों का दौरा करेगी। आयातित पौधों को अलग करने में सरकार की मंशा यह निर्धारित करने की है कि क्या आयातित संयंत्र में कोई बीमारी है जो मूल फसल को कोई नुकसान पहुंचाती है। केंद्र सरकार कृषि-बागवानी को बीमारियों से बचाने के लिए देश में एक प्लांट संगरोध केंद्र स्थापित करना है। इस केंद्र के लिए उत्तराखंड को देश में पहला चुना गया है।