एरीज नैनीताल द्वारा वृहत हिमालय क्षेत्र में एयरोसोल वायु गुणवत्ता, जलवायु परिवर्तन और जल संसाधन तथा आजीविका पर औद्योगिकरण और शहरीकरण के प्रभाव का अध्ययन करने के लिए ऑनलाइन अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन का आयोजन
दिल्ही 24 अगस्त 2020
वृहत हिमालय क्षेत्र में हवा में एरोसोल वायु गुणवत्ता,जलवायु परिवर्तन और जल संसाधन तथा आजीविका पर औद्योगिकरण और शहरीकरण के कारण बढ़ते वायु प्रदूषण के प्रभाव का आकलन करने के लिए सितंबर महीने के मध्य में एक ऑनलाइन अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन का आयेाजन किया जाएगा।
आर्यभट्ट प्रेक्षण विज्ञान शोध संस्थान ( एरीज) की ओर से आयोजित इस सम्मेलन में औद्योगिकीकरण और शहरीकरण के कारण तेजी से बढ़ रहे वायु प्रदूषण के प्रभाव से क्षेत्रीय स्तर विशेष रूप से भारत,बंगलादेश और नेपाल में तथा वैश्विक स्तर पर वायु गुणवत्ता में आ रही कमी, दृश्यता में गिरावट, बादलों के बनने, वायुमंडल में होने वाले बदलावों, विकिरण, पारिस्थितिकी तंत्र, हिमालय क्षेत्र की जलवायु, हिमनदों, क्रायोस्फ़ेयर, मानसून के स्वरूप, जल की उपलब्धता तथा मानव स्वास्थ्य पर व्यापक विचार-विमर्श किया जाएगा।
तीन दिवसीय इस ऑनलाइन सम्मेलन का आयोजन भारत सरकार के विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग के तहत स्वायत्त संस्थान एरीज और श्रीनगर, पौढ़ी गढ़वाल स्थित हेमवंती नंदन बहुगुणा विश्वविद्यालय की ओर से संयुक्त रूप से 14 से 16 सितंबर तक किया जा रहा है़। यह सम्मेलन विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग की स्वर्ण जयंती वर्ष के उपलक्ष्य में आयोजित हो रहा है। कोविड महामारी के दौर में एरीज की ओर से ऑनलाइन आयोजित किया जाने वाला यह पहला अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन है।
सम्मेलन के मुख्य विषय ‘गंगा के मैदानों और मध्य गांगेय हिमालयी क्षेत्र,हिमालय के ग्लेशियरों तथा मॉनसून के पैटर्न पर वायु प्रदूषण और जलवायु परिवर्तन के प्रभाव’ पर अपने विचार रखने के लिए दुनियाभर से विशेषज्ञों को आंमत्रित किया गया है। सम्मेलन में दी जाने वाली प्रस्तुतियों को विश्लेषण के बाद जर्नल ऑफ अर्थ सिस्टम साइंसेज में ‘हिमालय क्षेत्र के एरोसोल-जलवायु परिवर्तन और जल संसाधन’’ शीर्षक के तहत प्रकाशित किया जाएगा।
एरीज, नैनीताल ने वायुमंडल विज्ञान और जलवायु परिवर्तन पर शोध गतिविधियां करीब दो दशक पहले शुरू की थीं।संस्थान की ओर से रणनीतिक महत्व के मध्य हिमालयी क्षेत्र में मनोरा चोटी पर बैटरी चलित एक अत्याधिक उपकरण लगाया गया है जो क्षेत्र में मौजूद एरोसेल के रासायनिक और भौतिक गुणों को माप सकेगा और हवा में मौजूद गैसों की पहचान कर सकेगा। एरीज ने इस क्षेत्र में राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अन्य के साथ संयुक्त उपक्रम के तौर पर काम कर रहा है।