गुजरात में 24 साल से पत्रकारों पर हमले

मोदी के गुजरात में 24 साल से पत्रकारों को इंदिरा से भी ज्यादा खतरे में डाला है। मूल रिपोर्ट 7 हजार शब्द का है और यहां इसे छोटा करके बिंदुओं को प्रस्तुत किया गया है। यह गुजराती से गूगल अनुाद है, हो सकता है की ठिक न हो, न समज सके तो गुजराती ईसी बेबसाईट पे देंखे।

मूल रिपोर्ट का लिंक https://allgujaratnews.in/gj/attack-press-freedom-gujarat/

दिलीप पटेल

अहमदाबाद, 27 जून, 2025

मोदी के 24 साल के शासन में गुजरात में पत्रकारों की आजादी को कुचलने के लिए कई हमले हुए हैं। जिसमें शारीरिक हमले भी हुए हैं। उन्होंने कानून का उल्लंघन करके मीडिया के खिलाफ परेशानी खड़ी की है। इंदिरा गांधी ने आपातकाल के दौरान गुजरात में प्रकाश शाह सहित दो मुख्यधारा के पत्रकारों को जेल में डाल दिया था। लेकिन मोदी के शासन में 200 से ज्यादा पत्रकार और मीडिया आपदाओं से प्रभावित हुए हैं। हमले हुए हैं। भाजपा जहां आपातकाल दिवस मनाती है, वहीं मोदी के शासन में गुजरात के पत्रकारों के खिलाफ बहुत बड़ा संकट है इंदिरा गांधी का आपातकाल किसी भी तरह से उचित नहीं था। लेकिन मोदी का निहित और छिपा हुआ संकट उससे भी ज़्यादा ख़तरनाक है

मोदी के शासन में घोषित आपातकाल में गुजरात में पत्रकारों पर ख़तरा, भय, हमले और हत्या की घटनाएँ

कई पत्रकारों की जान ख़तरे में थी, मोदी के शासन में आर्थिक हमले हुए

सत्ता के बेतहाशा इस्तेमाल से अख़बार और टीवी चैनल बंद हो गए, पत्रकारों ने विरोध प्रदर्शन किए

आज भी कई पत्रकार कोर्ट में मुक़दमे लड़ रहे हैं, मोदी की आलोचना करने वाला एक पत्रकार जेल में है

पत्रकारों के सूचना पाने के अधिकार का कई बार हनन हुआ, इसलिए विरोध प्रदर्शन

मोदी के आगे न झुकने वाले कई पत्रकारों को अपनी नौकरी से हाथ धोना पड़ा

2024 के लोकसभा चुनाव में जब गृह मंत्री अमित शाह की पोल खुली तो पुलिस भेजी गई

चुनाव की सच्चाई उजागर करने वाले पत्रकार दिलीप पटेल का वीडियो हटाया गया

सत्य डे टीवी चैनल से इस वीडियो को हटाने के लिए अमित शाह ने अपनी सत्ता का दुरुपयोग किया

गुजरात में मोदी के भरोसेमंद उद्योगपतियों पर पत्रकारों के खिलाफ़ मुक़दमे दर्ज

सरकार, सरकारी कंपनियाँ, सरकारी निगम, स्थानीय स्वशासन संस्थाएँ आर्थिक हथियारों का इस्तेमाल करती हैं पत्रकार

सहकारी संस्थाओं, एपीएमसी, डेयरी, सहकारी बैंकों के विज्ञापनों से नियंत्रित होते पत्रकार

नियमों के विरुद्ध विज्ञापन दिए जाते हैं, सूचना विभाग पत्रकारों के बीच भेदभाव कर रहा है

स्वामन के पत्रकार तुषार बसिया के विरुद्ध मामला दर्ज किए जाने के विरोध में पत्रकारों ने प्रदर्शन किया

पत्रकारों पर हुए 20 हमलों में कार्रवाई करने की मांग भूपेंद्र पटेल की सरकार से की गई

अत्याचार, हमले, उत्पीड़न, सोशल मीडिया पर हमले और अधिकारियों के उत्पीड़न पर प्रतिनिधित्व

2024 में कच्छ के पत्रकार जयेश अंबालाल शाह को पुलिस रिश्वत कांड उजागर करने पर नोटिस जारी किया गया

2024 में अमरेली जिले के जाफराबाद में कार्यरत टिम्बी गांव के पत्रकार सोहिल बामणी पर हमला हुआ

2023 में गांधीनगर और बोडेली के पत्रकार प्रदीप रावल बरकतुल्लाह खत्री पर मामला दर्ज

2020 में अहमदाबाद क्राइम ब्रांच ने न्यूज पोर्टल फेस ऑफ नेशन के संपादक धवल पटेल पर देशद्रोह का मामला दर्ज किया

मुख्यमंत्री बदलने की बात लिखने वाले पत्रकार को भागना पड़ा विदेश

वर्ष 2019 में, भाजपा नेता के इशारे पर नडियाद के कनीपुरा में पत्रकार गिरधारी पर हमला किया गया था

नडियाद टाउन पुलिस ने गिरधारी के खिलाफ कई झूठे मामले दर्ज किए और अदालत ने उन्हें सभी मामलों में बरी कर दिया

थाने में शिकायत दर्ज कराई गई थी।

वर्ष 2019 में बनासकांठा के रिपोर्टर कुलदीप परमार और कैमरामैन आकाश परमार पर हमला किया गया था

भाजपा नेता के आश्रम पर रिपोर्टिंग करने के बाद वदनसिंह ने पत्रकारों का अपहरण कर लिया था

बनासकांठा में पत्रकारों ने पुलिस दमन के संबंध में कलेक्टर के समक्ष शिकायत दर्ज कराई थी।

2019 में जूनागढ़ में पुलिस ने पत्रकारों पर बिना किसी कारण के अमानवीय तरीके से लाठीचार्ज किया

वांकानेर प्रेस क्लब ने पत्रकारों पर हमलों के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई

गुजरात में पत्रकारों पर साइबर हमले बढ़ रहे हैं

किसी खास पार्टी या नेता की आलोचना करने पर सोशल मीडिया अकाउंट पर पत्रकारों पर हमले हो रहे हैं

न्यू इंडियन एक्सप्रेस के गुजरात ब्यूरो चीफ दिलीप क्षत्रिय पर उनके सोशल मीडिया अकाउंट पर बार-बार हमला किया जा रहा है

पत्रकार हरि देसाई पर भी सोशल मीडिया पर हमला हो रहा है

ऐसे सैकड़ों पत्रकार हैं जिन पर सोशल मीडिया पर हमला करके उन्हें लिखने से रोका जा रहा है

गुजरात सरकार ने अन्य राज्यों की तरह पत्रकारों की कानूनी सुरक्षा की मांग को स्वीकार नहीं किया है

गुजरात विधानसभा में पत्रकारों के कैमरा ले जाने पर प्रतिबंध लगा दिया गया है

2015 में अहमदाबाद जीएमडीसी ग्राउंड रैली को कवर करते समय 22 पत्रकारों पर पुलिस काफिले ने हमला किया था

इस प्रकार, पिछले 24 वर्षों में मोदी शासन में ऐसी कई घटनाएं हुईं

बीजेपी मोदी सरकार ने ब्रिटिश ब्रॉडकास्टिंग कॉरपोरेशन, न्यूज़लॉन्ड्री, दैनिक भास्कर पर छापे मारे

जांच मोदी राज में भारत समाचार, कश्मीर वाला, द वायर आदि को दबाने के लिए एजेंसियों ने छापे मारे

अगर साइकिल से घूमने वाला कोई नेता 10 साल में 500 करोड़ का मालिक बन जाए, तो कोई छापेमारी नहीं

जांच एजेंसियों को जानबूझकर मीडिया पर अत्याचार करने और मीडिया की आवाज दबाने के लिए तैनात किया जाता है

2023 में भाजपा नेता और मंत्री स्मृति ईरानी ने पत्रकारों को डराया-धमकाया

ईरानी से नाराज एडिटर्स गिल्ड को कहना पड़ा, प्रेस की आजादी पर हमला मत करो

सरकार के खिलाफ बोलने वाले किसी भी व्यक्ति को चुप कराने के लिए डर और भय का माहौल बनाया जाता है

पत्रकार संगठनों ने हमले के खिलाफ बार-बार विरोध प्रदर्शन और याचिकाएं दायर की हैं

जांच पत्रकारिता पर खतरा बढ़ता जा रहा है

गुजरात में टाइम्स ऑफ इंडिया के प्रशांत दयाल समेत 3 पत्रकारों पर देशद्रोह का मामला दर्ज

लोकतंत्र के चौथे स्तंभ प्रेस और मीडिया की आजादी के लिए 2019 में गुजरात में एक जनसभा हुई

ज्यादातर पत्रकारों का मानना ​​है कि टीवी9 के पत्रकार चिराग पटेल की मौत हो गई रहस्यमय तरीके से

बीजेपी विधायक मधु श्रीवास्तव द्वारा मीडिया को धमकाना

सूचना विभाग ने खबरों की बेतुकी व्याख्या भेजकर परेशान किया

गुजरात

मीडिया की सुरक्षा को लेकर चिंता जताई जा रही है

जब पत्रकार सवाल पूछते हैं तो उन्हें गिरफ़्तार करने की धमकी दी जाती है

गृह विभाग पुलिस को दिशा-निर्देश देने के लिए सर्कुलर जारी करता है। पत्रकारों को फील्ड में सुरक्षा मुहैया नहीं कराई जाती

पत्रकारों और पत्रकार संगठनों पर लगातार हमले हो रहे हैं।

180 देशों के 2022 प्रेस स्वतंत्रता सूचकांक सर्वेक्षण में भारत की स्थिति दो पायदान गिरकर 142 पर आ गई है

सरकार की आलोचना करने वालों का उत्पीड़न और घटनाओं की रिपोर्टिंग करने वालों के खिलाफ़ अन्य अपराध

एडिटर्स गिल्ड ऑफ़ इंडिया ने एक मामले में कहा कि मीडिया को डराने के लिए यह पुलिस केस दर्ज किया जा रहा है

जब कोई पत्रकार सच बोलता है तो अधिकारियों को यह पसंद नहीं आता। इसलिए वे उन पर हमला करते हैं।

2022 में वलसाड के दक्षिण गुजरात खराट अख़बार में शराब पर रिपोर्ट प्रकाशित होने पर अपराध दर्ज किया गया था।

2019 में 300 अख़बारों के प्रतिनिधियों ने गांधीनगर में विरोध प्रदर्शन किया और पुलिस ने उन्हें गिरफ़्तार कर लिया।

गुजरात में विभिन्न कारणों से 4100 छोटे और मध्यम समाचार पत्र बंद हो गए।

2023 में भूपेंद्र पटेल की सरकार ने गांधीनगर समाचार में विज्ञापन बंद करके समाचार पत्र को खत्म कर दिया।

बीजेपी नेता और बीजेपी विधायक के समर्थन से गांधीनगर में एक समाचार पत्र खरीदा गया।

मोदी गांधीनगर के समाचार पत्र और उसके पत्रकारों का बार-बार अपमान करते थे।

फूलछाब अखबार में एक बीजेपी-प्रेमी उद्योगपति ने प्रवेश किया, जिसने एनडीटीवी को खरीद लिया।

2019 में गुजरात में पत्रकारों पर 16 हमले हुए और अहमदाबाद में चिराग पटेल की हत्या कर दी गई।

20 सितंबर 2022 को गांधीनगर में नेटवर्क न्यूज गुजरात के कार्यालय में 200 पुलिस घुस गई। पिछले

उन्होंने महिला एंकरों की मौजूदगी में गाली-गलौज की थी। चैनल बंद हो गया, 300 लोग बेरोजगार हो गए

नेटवर्क न्यूज टीवी चैनल ने भाजपा सरकार के कई घोटालों को उजागर किया था

2022 में अहमदाबाद कलेक्टर ने के न्यूज टीवी चैनल का लाइसेंस रद्द कर उसे बंद कर दिया

के न्यूज टीवी चैनल ने सरकार की आलोचना करते हुए कई रिपोर्ट दी थीं

कई यूट्यूब चैनल स्वच्छ पत्रकारों द्वारा चलाए जाते हैं। उन पर बार-बार हमला किया गया

विनीत कुमार शिक्षकों से मिलने गए थे, तभी उन पर भाजपा के करीबी लोगों ने हमला किया

22 जुलाई 2021 को ‘दैनिक भास्कर’ और ‘दिव्य भास्कर’ पर छापे मारे गए

8 सितंबर 2021 को अहमदाबाद में बोदकदेव के संभव-वीटीवी पर आयकर विभाग के छापे मारे गए

2025 में ईडी और आयकर विभाग ने जीएसटीवी पर लगातार 36 घंटे तक छापेमारी की

वडोदरा में गणेश विसर्जन की रात वडोदरा पुलिस ने जीएसटीवी के एक पत्रकार पर हमला किया

2018 में हलवद में पत्रकार जयेश झाला पर हमला करने वाला व्यक्ति लंबे समय तक पकड़ा नहीं गया

4 दिसंबर 2018 को राजकोट में भाजपा के एक पदाधिकारी ने पत्रकार पर हमला किया।

2022 में डीसा में कोर्ट के बाहर एक पत्रकार पर राजनीतिक पार्टी के गुंडों ने हमला किया

गुजरात में दिल्ली के पत्रकार परंजॉय गुहा ठाकुरता के साथ हुई घटना ने पूरे देश को हिलाकर रख दिया

सुरेंद्रनगर में हुई घटना, भाजपा सांसद डॉ. महेंद्र मुंजपारा को दी गई धमकी

मुंजपारा ने वी टीवी और गुजरात समाचार के पत्रकार को जान से मारने की धमकी दी

मुंजपारा ने इससे पहले अलग-अलग समय पर 3 पत्रकारों के साथ बदसलूकी की थी

सुरेंद्रनगर में नगर निगम के पानी का मुद्दा उठाने वालों पर हमला

जूनागढ़ के किशोर दवे नामक पत्रकार की उनके कार्यालय में हत्या कर दी गई