भारत सरकार की ओर से गारंटी प्राप्त 100% आपातकालीन क्रेडिट लाइन गारंटी योजना (ईसीएलजीएस) के तहत सार्वजनिक और निजी क्षेत्रों के बैंकों ने 18 अगस्त, 2020 तक 1.5 लाख करोड़ रुपये से भी ज्यादा के ऋण स्वीकृत किए हैं, जिनमें से 1 लाख करोड़ रुपये से अधिक के ऋण पहले ही वितरित किए जा चुके हैं। सरकार ने ‘ईसीएलजीएस’ की घोषणा ‘आत्मनिर्भर भारत पैकेज’ के एक हिस्से के रूप में की है जिसका उद्देश्य विभिन्न सेक्टरों, विशेषकर एमएसएमई (सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम) को ऋण प्रदान करके ‘कोविड-19’ के कारण किए गए लॉकडाउन से उत्पन्न व्यापक संकट को कम करना है।
As of 12 Aug 2020, the total amount sanctioned under the 100% Emergency Credit Line Guarantee Scheme by #PSBs and private banks stands at Rs 1,43,318.09 crore, of which Rs 98,665.93 crore has already been disbursed. Here is the break-up: #AatmanirbharBharat #MSMEs pic.twitter.com/pOlez4C1um
— NSitharamanOffice (@nsitharamanoffc) August 14, 2020
सार्वजनिक और निजी क्षेत्रों के बैंकों द्वारा स्वीकृत एवं वितरित किए गए कुल ऋणों का विवरण इस प्रकार है:
‘ईसीएलजीएस’ के तहत सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों (पीएसबी) ने 76,044.44 करोड़ रुपये के ऋण मंजूर किए हैं, जिनमें से 56,483.41 करोड़ रुपये के ऋण पहले ही वितरित किए जा चुके हैं। इसी तरह निजी क्षेत्र के बैंकों ने 74,715.02 करोड़ रुपये के ऋण स्वीकृत किए हैं, जिनमें से 45,762.36 करोड़ रुपये के ऋण पहले ही वितरित किए जा चुके हैं। इस योजना के तहत शीर्ष ऋणदाता भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई), केनरा बैंक, पंजाब नेशनल बैंक (पीएनबी), बैंक ऑफ इंडिया, यूनियन बैंक ऑफ इंडिया और एचडीएफसी बैंक लिमिटेड हैं।
12 पीएसबी (सार्वजनिक क्षेत्र बैंक) द्वारा स्वीकृत और वितरित किए गए ऋणों का विवरण इस प्रकार है:
सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों द्वारा ‘ईसीएलजीएस’ के तहत स्वीकृत और वितरित किए गए ऋणों का राज्य-वार विवरण इस प्रकार हैं:
State wise details