मनमोहन सींग ने कहा, मोदी ने नहीं किया, अहमदाबाद मेट्रो रेल ऐक फेमीली कार जीतना महेंगा

गांधीनगर, 11 सितंबर 2020

भाजपा सरकार के तीन मुख्यमंत्रियों की अक्षमता के कारण गांधीनगर और अहमदाबाद शहर मेट्रो रेल परियोजना 17 साल से पूरी नहीं हो रही है।  लेकिन यह कब शुरू होगी,  कोई जानता नहीं है। पूर्व मुख्यमंत्री आनंदीबेन पटेल के कार्यकाल के दौरान, मेट्रो रेल ने गति पकड़ी थी। लेकिन जब से भाजपा के मुख्यमंत्री विजय रुपाणी आए हैं, वे बिना किसी दिशा के साबित हुए हैं। अभी कई महिनो से काम रूका हुंआ है। ठेकेदारो को लागत देने के लिये भाजपा सरकार के पास पैसा नहीं है। कंई कोंट्रेक्टर प्रोजेक्ट छोडकर चले गये है।

चुनाव आते ही प्रोजेक्ट के सपने

17 वर्षों में, अहमदाबाद, धोलेरा, राजकोट, वडोदरा, सूरत, जामनगर, भावनगर और गांधीनगर में मेट्रोरेल शुरू हो सकता था। जब मोदी मुख्यमंत्री थे, तब मनमोहन सिंह की सरकार ने अहमदाबाद में मेट्रो रेल के लिए पैसा और तकनीक देने की पेशकश की थी। लेकिन मोदीने राजकीय कारणो से इसे स्वीकार नहीं किया था। मोदी द्वारा BRTS परियोजना को स्वीकार कर लिया गया। तब से चुनाव आते ही मन में मेट्रो रेल दौड़ रही है। वोट डाले जाते हैं और फिर प्रोजेक्ट बंद हो जाता है। मोदी के कार्यकाल के दौरान, इस परियोजना की लागत 200 करोड़ रुपये का घोटाला हुंआ था।

कार खरीदने में जितना खर्च आता है

राज्य की विफल रूपानी सरकार को केंद्र से सीधा निर्देश था कि मेट्रोरेल का काम 2018 में पूरा किया जाए। लेकिन अभी तक केवल छह किलोमीटर की मेट्रो शुरू की गई है, जो आनंदीबेन ने भी शुरू की है। 2003 में, Metrorail परियोजना का अनुमान 3,500 करोड़ रुपये था।

2007 में, रु। 8000 करोड़ रु। 2014 में, Metrorail प्रोजेक्ट 10,773 करोड़ रुपये का था। 2020 में मेट्रो परियोजना की लागत 12,787 करोड़ रुपये तक पहुंच गई है। अगर दो साल में पूरा होता है, तो यह 15,000 करोड़ रुपये होगा। मेगा कंपनी ने सितंबर 2022 में अहमदाबाद मेट्रोरेल परियोजना को पूरा करने का वादा किया है। इस परियोजना के लिए अहमदाबाद और गांधीनगर में हरेक परिवार की जेब से एक कार खरीदने के लिए लागत आएगी। अहमदाहाद-गांधीनगर के हरेक कुटुंब एक कार खरीद शके ईतना पैसा गलेगा। ईसीलीये ए महेंगा प्रोजेक्ट साबित हुंआ है।

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गांधीनगर शहर का कोई पता नहीं है

गांधीनगर के रास्तो में मेट्रोरेल की लागत 6700 करोड़ रुपये है। जब तक कमजोर सरकार है, यह 10,000 करोड़ रुपये होने की संभावना है। हालांकि केंद्र सरकार ने गांधीनगर शहर में मेट्रो के लिए मंजूरी दे दी है, लेकिन परियोजना पर कोई काम शुरू नहीं हुआ है। राज्य के मुख्यमंत्री विजय रूपानी समीक्षा बैठकें करते हैं, लेकिन दिशाहीन औल पैसे नहीं होने के कारण काम तेज नहीं होता है।

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एक मार्ग चालू है

अहमदाबाद का मेट्रारेल, वास्तराल से लेकर अपैरल पार्क तक चलता है, जिसमें प्रति यात्री 10 रुपये का टिकट लगता है। ट्रेन में प्रतिदिन 100 यात्री आते हैं। मार्च 2019 में 6.5 किलोमीटर मार्ग का उद्घाटन किया गया। तब से कोई अन्य मार्ग शुरू नहीं किया गया है। केंद्र में भाजपा के नेतृत्व वाली सरकार और भाजपा की नरेंद्र मोदी सरकार पूरी तरह से विफल रही है।