आईएनएस कलिंग में मिसाइल पार्क ‘अग्निप्रस्थ’ की आधारशिला 28 मई, 2020 को कमोडोर राजेश देबनाथ, कमांडिंग ऑफिसर द्वारा वाइस एडमिरल अतुल कुमार जैन, पीवीएसएम, एवीएसएम, वीएसएम, एफओसी-इन-सी (पूर्व) की उपस्थिति में रखी गई।
मिसाइल पार्क ‘अग्निप्रस्थ’ का निर्माण एक बार पूरा हो जाने के बाद, इसे आईएनएस कलिंग के उन सभी अधिकारियों, नाविकों और सहायक कर्मचारियों के प्रति समर्पित कर दिया जाएगा जिन्होंने वर्ष 1981 में इसकी स्थापना के बाद से ईएनसी के इस ऑप-सपोर्ट बेस में अपनी सेवाएं प्रदान की है।
इस पार्क को वर्ष 2018-19 के लिए आईएनएस कलिंग के प्रतिष्ठित यूनिट प्रशस्ति पत्र का पुरस्कार भी दिया गया है।
‘अग्निप्रस्थ’ का उद्देश्य 1981 से लेकर अब तक आईएनएस कलिंग के मिसाइल इतिहास की झलक दिखना है। मिसाइल पार्क की स्थापना मिसाइलों और ग्राउंड सपोर्ट इक्विपमेंट (जीएसई) की प्रतिकृति के साथ की गई है, जो यूनिट द्वारा संचालित किए गए मिसाइलों के विकास को प्रदर्शित करते हैं।
इन प्रदर्शनियों को स्क्रैप/अप्रयुक्त इन्वेंट्री से बनाया गया है जिन्हें आंतरिक रूप से पुनर्निर्मित किया जा रहा है।
इसका मुख्य आकर्षण पी-70 ‘अमेटिस्ट’ है, जो कि पुराने ‘चक्र’ (चार्ली-1 पनडुब्बी) के शस्त्रागार से पानी में प्रक्षेपित किया गया एक एंटी-शिप मिसाइल है, जो 1988-91 के दौरान भारतीय नौसेना में सेवारत था।
‘अग्निप्रस्थ’ स्कूली बच्चों से लेकर नौसेना कर्मियों और उनके परिवारों के लिए, मिसाइलों और संबंधित प्रौद्योगिकियों के बारे में उत्सुक मन के लिए प्रेरणा और कौतूहल के लिए एक वन-स्टॉप रंगभूमि प्रदान करेगा।
इसका उद्देश्य यूनिट की भूमिका में स्वामित्व और गौरव की भावना को प्रोत्साहित करना है और रैंक/व्यापार की परवाह किए बिना हर समय लक्ष्य के लिए आयुध उपलब्धता, विश्वसनीयता और वितरण के व्यापक उद्देश्य की प्राप्ति की दिशा में सभी कर्मियों के योगदान की आवश्यकता को उजागर करना है।