मोदी की फर्जी डिग्री मगर परीक्षा पे चर्चा में 64 करोड़ रुपये खर्च

सरकार ने माना कि पिछले चार सालों में परीक्षा पे चर्चा पर 64 करोड़ रुपये खर्च किए गए।

12 मार्च 2025 की घोषणा के अनुसार, मोदी सरकार ने हर साल बोर्ड परीक्षाओं से पहले छात्रों के मानसिक दबाव को कम करने के लिए वर्ष 2018 में परीक्षा पे चर्चा की शुरुआत की है। मोदी की शिक्षा को लेकर लगातार विवाद होता रहता है। आरोप लगते रहते हैं कि उनकी डिग्री फर्जी है।

कार्यक्रम के आठवें संस्करण में शिक्षकों के साथ आने वाली मशहूर हस्तियों पर खर्च किया गया।

परीक्षा पे चर्चा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का एक कार्यक्रम है। इसे सरकार द्वारा 2018 से हर साल बोर्ड परीक्षाओं से पहले किया जा रहा है। परीक्षा पे चर्चा का 8वां संस्करण दिल्ली के भारत मंडपम में आयोजित किया गया।

छात्रों और उनके परिजनों को संबोधित किया।

शिक्षा मंत्रालय ने लोकसभा को बताया कि इस कार्यक्रम पर कुल 1.5 करोड़ रुपये खर्च किए गए। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के परीक्षा पे चर्चा कार्यक्रम पर वर्ष 2020 से 2024 तक 64.38 करोड़ रुपये खर्च किए गए हैं। पिछले पांच वर्षों में इस कार्यक्रम पर होने वाले खर्च में उल्लेखनीय बदलाव आया है। 2020 में इस कार्यक्रम पर बहुत कम खर्च किया गया था। तब शिक्षा मंत्रालय ने 5.69 करोड़ रुपये खर्च किए थे। वर्ष 2021 में खर्च मामूली रूप से बढ़कर 6 करोड़ रुपये हो गया। हालांकि, वर्ष 2022 में परीक्षा पे चर्चा कार्यक्रम पर खर्च में उल्लेखनीय वृद्धि हुई। उस वर्ष कुल खर्च 8.16 करोड़ रुपये था, लेकिन 2023 में इस खर्च में वृद्धि कहीं अधिक हुई, जो अब तक का सर्वाधिक खर्च है। 2023 में इस कार्यक्रम पर 27.70 करोड़ रुपये खर्च किए गए। 2024 में खर्च घटकर 16.83 करोड़ रुपये रह गया।