कोविड-19 महामारी जिसने पूरी दुनिया को अपनी चपेट में ले लिया है और जिसने हमारे देश के लिए स्वास्थ्य संबंधी गंभीर संकट तथा आर्थिक परेशानियां खड़ी कर दी हैं, उसे देखते हुए एक सार्वजनिक धर्मार्थ ट्रस्ट, जिसे ‘प्रधानमंत्री नागरिक सहायता और आपात स्थिति राहत कोष’ (प्रधानमंत्री संरक्षण कोष) नाम दिया गया है, की स्थापना भारत के प्रधानमंत्री की अध्यक्षता में की गई है, जिसकी 28 मार्च, 2020 को पीएमइंडिया की आधिकारिक वेबसाइट पर ‘न्यूज अपडेट ‘में घोषणा की गई थी, और जिसे पत्र सूचना कार्यालय ने अपनी रिलीज़ आईडी 1608851 में प्रकाशित किया था। अत: किसी भी प्रकार की आपातकालीन या संकट की स्थिति जैसे कोविड-19 महामारी से उत्पन्न स्थिति से निपटने और प्रभावितों को राहत प्रदान करने के लिए उपरोक्त कोष में उदारता से दान करने की अपील की गई है।
उपरोक्त को ध्यान में रखते हुए, आयकर अपीलीय न्यायाधिकरण के सभी उपाध्यक्षों के साथ विचार-विमर्श के बाद आईटीएटी के अध्यक्ष, उपाध्यक्षों सदस्यों, रजिस्ट्री अधिकारियों और अन्य कर्मचारियों ने महामारी से लड़ने में मदद करने के लिए प्रधानमंत्री संरक्षण कोष में एक दिन का वेतन देने का निर्णय किया है।
एक संस्था के रूप में जो अपनी सामाजिक और राष्ट्रीय जिम्मेदारियों को पहचानती है, आईटीएटी ने अपने अध्यक्ष न्यायमूर्ति पी.पी. भट्ट द्वारा आज जारी घोषणा में अपने अन्य हितधारकों से भी आग्रह किया है कि वे प्रधानमंत्री संरक्षण कोष में उदारतापूर्वक योगदान दें। इस कोष में दी जाने वाली राशि को आयकर अधिनियम, 1961 की धारा 80 (जी) के तहत आयकर से छूट दी गई है।