प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कोविड-19 महामारी की पृष्ठभूमि में अर्थव्यवस्था को प्रोत्साहन देने के लिए खान एवं कोयला क्षेत्रों में संभावित आर्थिक सुधारों के बारे में विचार विमर्श करने के लिए आज एक विस्तृत बैठक की। इस बैठक में घरेलू स्रोतों से खनिज संसाधनों की सुगम और प्रचुर उपलब्धता सुनिश्चित करने, अन्वेषण बढ़ाने, निवेश और आधुनिक प्रौद्योगिकी आकृष्ट करने, पारदर्शी और कुशल प्रक्रियाओं के माध्यम से बड़े पैमाने पर रोजगार के अवसरों का सृजन करने पर चर्चा की गई।
इस बैठक में अतिरिक्त ब्लॉक्स की नीलामी, नीलामी में व्यापक भागीदारी को प्रोत्साहन देने, खनिज संसाधनों का उत्पादन बढ़ाने तथा खान और ढुलाई की लागत में कमी लाने और कारोबार में सुगमता बढ़ाने के साथ साथ पर्यावरण की दृष्टि से टिकाऊ विकास सहित कार्बन के उत्सर्जन में कमी लाने पर भी विचार विमर्श किया गया।
इस दौरान नीलामी की संरचना में सुधारों, कुशल संस्थागत प्रबंधों, अन्वेषण और खनन में निजी क्षेत्र की भागीदारी, सार्वजनिक क्षेत्र को और ज्यादा प्रतिस्पर्धी बनाने और साथ ही साथ खनिज विकास कोष के माध्यम से सामुदायिक विकास संबंधी गतिविधियों को व्यापक बनाने से संबंधित मामलों पर भी चर्चा की गई। घरेलू आपूर्तियों के लिए समुद्री मार्गों का उपयोग करने सहित खनिजों के निकास संबंधी बुनियादी ढांचे को विस्तृत और बेहतर बनाने पर भी विचार विमर्श किया गया।
संभावित सुधारों के लिए खानों से कोयले की रेलवे स्लाइडिंग तक ढुलाई के लिए कुशल एवं पर्यावरण की दृष्टि से सुदृढ़ फर्स्ट माइल कनेक्टिविटी, रेल वेगनों पर ऑटोमैटिक लदान, कोयले के गैसीकरण और द्रवण, कोल बैड मीथेन अन्वेषण पर भी चर्चा की गई।
प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने रोजगार के अवसर बढ़ाने और विकास को बढ़ावा देने में खान क्षेत्र के योगदान की समीक्षा की। प्रधानमंत्री ने खनिजों के उत्पादन और देश के भीतर उनकी प्रॉसेसिंग के क्षेत्र में देश की आत्मनिर्भरता में सुधार लाने पर विशेष रूप से ध्यान केंद्रित किया। उन्होंने कहा कि खनिज क्षेत्र को अपने परिचालनों को अंतर्राष्ट्रीय मानकों के अनुरूप बनाना चाहिए और उन्होंने इसके लिए उन्हें एक कार्ययोजना तैयार करने की सलाह दी। उन्होंने कुशल खनन के लिए आधुनिक प्रौद्योगिकियों के उपयोग का आग्रह किया। उन्होंने मंजूरी प्राप्त करने में होने वाले विलम्ब में कमी लाने और अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देने के लिए निजी निवेश बढ़ाना सुगम बनाने के लिए राज्यों के साथ साझेदारी करने का लक्ष्य निर्धारित करने का निर्देश दिया। उन्होंने इस साल देश में विशेषकर कोयले के भंडार की विशाल इंफेंट्री की मौजूदगी को देखते हुए तापीय कोयला आयात स्थानापन्नता को लक्षित करने का निर्देश दिया।