भारत सरकार, नेफेड और एफसीआई जैसी केंद्रीय नोडल एजेंसियों के माध्यम से किसानों को बेहतर रिटर्न देने का आश्वासन देती रही है। रबी 2020- 21 सीजन में कई राज्यों में किसानों से न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर अधिसूचित वस्तुओं की खरीद शुरू हुई है। लाकडाउन के समय में किसानों को समय पर विपणन सहायता दी जा रही है। कोविड-19 महामारी के प्रबंधन के लिए जारी किए गए दिशानिर्देशों का अनुपालन करके अधिक से अधिक किसानों को सहायता पहुंचाई जा रही है।
रबी सीजन 2020-21 में मूल्य समर्थन योजना (पीएसएस) के अंतर्गत वर्तमान समय में कर्नाटक, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, राजस्थान, महाराष्ट्र, उत्तर प्रदेश और हरियाणा में किसानों से एमएसपी पर दलहन और तिलहन की खरीद की जा रही है। 16 अप्रैल, 2020 तक नैफेड/एफसीआई द्वारा 1,33,987.65 मीट्रिक टन दाल और 29,264.17 मीट्रिक टन तिलहन की कुल 784.77 करोड़ रुपये की खरीद की गई है, जिसके माध्यम से 1,14,338 किसान लाभान्वित हुए हैं। लाकडाउन अवधि के दौरान पीएसएस योजना के अंतर्गत रबी दलहन और तिलहन की 97,337.35 मीट्रिक टन की खरीद की गई है।
दालों के बफर स्टॉक के लिए नेफेड द्वारा भी मूल्य स्थाईकरण कोष (पीएसएफ) योजना के अंतर्गत किसानों से एमएसपी पर तूर की खरीद की जा रही है। पीएसएस/पीएसएफ खरीफ 2019-20 सीजन के अंतर्गत महाराष्ट्र, तमिलनाडु, गुजरात, आंध्र प्रदेश, कर्नाटक और तेलंगाना में बड़े पैमाने पर तूर की खरीद की जा रही है। खरीफ विपणन सीजन 2019-20 के दौरान तूर की कुल खरीद 5,32,849 मीट्रिक टन है, जिसमें से 29,328.62 मीट्रिक टन तूर की खरीद लाकडाउन के बाद की गई है।
राजस्थान के कोटा डिवीजन में लाकडाउन की घोषणा के बाद दलहन और तिलहन की खरीद बंद कर दी गई। 15.04.2020 से, कोटा डिवीजन के 54 केंद्रों ने कार्य करना शुरू कर दिया है और आने वाले दिनों में कई और खरीद केंद्रों को चालू किया जाएगा। राजस्थान के शेष हिस्सों में मई 2020 के पहले सप्ताह से खरीद किया जाना प्रस्तावित है। प्रत्येक खरीद केंद्र में अधिकतम 10 किसानों को प्रति दिन बुलाया जाता है और तदनुसार किसानों को सूचना भेजी जाती है।
हरियाणा के 163 केंद्रों में 15.04.2020 से चना और सरसों की खरीद शुरू की गई। आपस में परस्पर दूरी (सोशल डिस्टेंसिंग) बनाए रखने के लिए प्रतिदिन किसानों को सीमित संख्या में बुलाया जा रहा है। पहले दो दिनों में लगभग 10,111 किसानों से 27,276.77 मीट्रिक टन सरसों की खरीद की गई है।
मध्य प्रदेश में चना, मसूर और सरसों की खरीद के लिए तैयारी कर ली गई है और किसानों को अपनी उपज खरीद केंद्रों पर पहुंचाने हेतु सूचित किया गया है।