केंद्र ने शुक्रवार को पूर्व मुख्यमंत्री और पीडीपी प्रमुख महबूबा मुफ्ती की तीन महीने की पुलिस हिरासत बढ़ा दी। केंद्र ने उन्हें सार्वजनिक सुरक्षा अधिनियम के तहत गिरफ्तार किया है। 2019 में जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाए जाने के बाद से महबूबा मुफ्ती नजर कैद हैं। कांग्रेस नेता राहुल गांधी और प्रियंका गांधी ने इस मुद्दे पर केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए कहा है कि भारत के संविधान, नेताओं और लोकतंत्र में विश्वास करने वालों के प्रति केंद्र सरकार का रवैया तानाशाही का प्रतीक है।
हिंदुस्तान के संविधान और लोकतंत्र में आस्था रखने वाले नेताओं के साथ केंद्र सरकार द्वारा किया जा रहा रवैया तानाशाही का प्रतीक है।
भाजपा सरकार लोकतंत्र की सबसे मजबूत शैली 'बातचीत' से नजरें चुराने के लिए नेताओं की नजरबंदी को अपना हथियार बना रही है।..1/2
— Priyanka Gandhi Vadra (@priyankagandhi) August 2, 2020
प्रियंका ने एक ट्वीट में लिखा, “लोकतंत्र में संवाद जरूरी है, भाजपा सरकार नेताओं को अपना हथियार बना रही है।” मुफ्ती का नजर केद लगाना लोकतांत्रिक और असंवैधानिक है। उन्हें छोड़ दिया जाना चाहिए। कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष और सांसद राहुल गांधी ने लिखा है कि लोकतंत्र तब और अधिक पीड़ित होता है जब भारत सरकार राजनीतिक दलों के नेताओं को अवैध रूप से हिरासत में लेती है। यह सही समय है जब महबूबा मुफ्ती को रिहा किया जाना चाहिए।
वरिष्ठ कांग्रेस नेता पी। चिदंबरम ने ट्वीट किया कि पीएसए के तहत महबूबा मुफ्ती की हिरासत का विस्तार करना कानून का दुरुपयोग और प्रत्येक नागरिक को दिए गए संवैधानिक अधिकार पर हमला है। चिदंबरम ने कहा कि 61 वर्षीय पूर्व मुख्यमंत्री, 24 घंटे सुरक्षा गार्ड के साथ तैनात रहते हैं, वह सार्वजनिक सुरक्षा के लिए खतरा कैसे हैं?