रिलायंस अब कोरोना टेस्ट किट भी बनाएगी

  • CSIR-IIIM और रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड (RIL) मिलकर कोरोना वायरस के लिए RT-LAMP आधारित जांच किट विकसित करेंगे
  • RT-LAMP एक त्वरित, सटीक और किफायती जांच का तरीका है जिसे स्वदेशी अव्यवों के साथ तथा थोड़ी विशेषज्ञता एवं उपकरणों की सहायता से उपयोग में लाया जा सकता है।

देश में कोविड-19 की गंभीरता को कम करने वाले अभियान के एक भाग के रूप में, CSIR ने देश में कोरोना वायरस महामारी से मुकाबला करने के लिए आवश्यक प्रौद्योगिकी को विकसित करने, एकीकृत करने, बढ़ावा देने और उपयोग करने के लिए अनुसंधान और विकास की रणनीति बनाई है। कोरोनो वायरस से उत्पन्न कई समस्याओं को ध्यान में रखते हुए प्रौद्योगिकी के उपयोग की आवश्यकता होती है, CSIR के महानिदेशक डॉ. शेखर मांडे के मार्गदर्शन में विभिन्न अनुसंधान गतिविधियों को समन्वयित करने के लिए पांच प्रकार निर्धारित किए हैं, जो कि डिजिटल एवं आणविक निगरानी, ​​औषधि और टीके, तीव्र और किफायती नैदानिकी, अस्पताल सहायक उपकरण और पीपीई और आपूर्ति श्रृंखला एवं लॉजिस्टिक्स के क्षेत्र से संबंधित है।

चूंकि कोविड-19 की गंभीरता में कमी लाने के लिए जांच एक महत्वपूर्ण घटक है, CSIR-IIIM, जम्मू, CSIR की एक संघटक प्रयोगशाला, ने रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड (RIL) के साथ साझेदारी की है जिससे एक नए रिवर्स ट्रांसक्रिप्टेज़-लूप मीडिएटेड आइसोथरमल एम्पलीफिकेशन (RT-LAMP) आधारित कोविड-19 नैदानिक किट को विकसित किया जा सके और बढ़ावा दिया जा सके, जिसके लिए CSIR-IIIM, जम्मू और RIL के बीच एक औपचारिक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर भी किए गए है।

कोविड-19 RT-LAMP जांच रोगियों के नाक/ गले के स्वाब के नमूने के साथ की जाने वाली न्यूक्लिक एसिड आधारित जांच है। सिंथेटिक टेम्पलेट्स का उपयोग करते हुए जांच नुस्खे को विकसित किया गया है और उसका सफलतापूर्वक प्रदर्शन किया गया है। यह तीव्र गति वाला (45-60 मिनट), लागत प्रभावी और सटीक परीक्षण है। इस परीक्षण को कम संख्या में रोगियों के नमूनों के साथ किया जा रहा है और अधिक संख्या में रोगियों के नमूनों पर किट को मान्य बनाने की योजना बनाई जा रही है और जिसको RIL के साथ मिलकर पूरा किया जाएगा।

इस जांच का लाभ यह है कि RT-LAMP आधारित कोविड-19 किट के घटक आसानी से उपलब्ध हैं और इन्हें पूरी तरह से भारत में निर्मित किया जा सकता है। जबकि, वर्तमान समय में कोविड-19 की जांच को रियल-टाइम पीसीआर द्वारा किया जाता है जिनके अधिकांश घटकों का आयात किया जाता है। इसके अलावा ये जांच महंगी होती है; जिनके लिए उच्च प्रशिक्षित श्रमशक्ति, महंगे उपकरणों और अपेक्षाकृत उच्च गुणवत्ता वाली प्रयोगशालाओं की आवश्यकता होती है और दूरदराज स्थानों के क्वारंटाइन केंद्रों, हवाई अड्डों और रेलवे स्टेशनों आदि में इनका उपयोग नहीं किया जा सकता है।

दूसरी ओर RT-LAMP जांच को, हवाई अड्डों, रेलवे स्टेशनों, बस अड्डों और अन्य सार्वजनिक स्थानों पर मोबाइल इकाइयों/कियोस्क जैसे बहुत ही बुनियादी प्रयोगशाला संरचना में न्यूनतम विशेषज्ञता के साथ एकल ट्यूब में जांच की जा सकती है। परीक्षण का अंतिम परिणाम जानने के लिए एक साधारण रंगीन प्रतिक्रिया होती है, जो यूवी प्रकाश में आसानी से दिखाई देती है और अब इसे संशोधित किया जा रहा है जिससे कि इसे नियमित प्रकाश में भी प्राप्त किया जा सके।

किट की सटीकता की जांच के बाद, अधिक संख्या में रोगियों की जांच के लिए, CSIR-IIIM और रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड संयुक्त रूप से आईसीएमआर के पास अनुमोदन प्राप्ति के लिए संपर्क करेंगे। RIL की योजना, देश की बड़ी आबादी के लिए जांच में तेजी लाने और समाज के व्यापक हित को ध्यान में रखते हुए कोविड-19 का पता लगाने के लिए आसान, त्वरित और व्यापक निदान प्रदान करने की है।

RT-LAMP आधारित नैदानिक परीक्षण की औपचारिक शुरुआत के साथ, कोविड-19 की जांच न केवल अधिक त्वरित, सस्ती, आसान और सुलभ हो जाएगी, बल्कि यह संक्रमित व्यक्तियों को आइसोलेट करने और वायरस के प्रसार में कमी लाने की दिशा में भी एक लंबा रास्ता तय करेगा।

CSIR-IIIM के निदेशक, डॉ. राम विश्वकर्मा, प्रधान वैज्ञानिक, डॉ. सुमित गांधी और आरआईएनडी के वरिष्ठ उपाध्यक्ष, आर एंड डी डॉ. सांतनु दासगुप्ता और RIL की ओर से डॉ. मनीष शुक्ला, जनरल मैनेजर आर एंड डी इस परियोजना की निगरानी कर रहे हैं।