सरकार की ‘मेक इन इंडिया’ नीति का लाभ उठाने के लिए दुनिया भर के जहाज मालिकों को भारत में अपने जहाजों को फ्लैग करने के लिए आमंत्रित किया गया

भारत सरकार ने हाल ही में सभी सेवाओं में सरकारी खरीद व अन्य के लिए अपनी ‘मेक इन इंडिया’ नीति मेंसंशोधन किया है। संशोधित नीति के तहत, 200 करोड़रुपये से कम की खरीद के अनुमानित मूल्य के लिए, सभी सेवाओं की खरीद के लिए सक्षम प्राधिकारी की मंजूरी के अलावा कोई वैश्विक निविदा जारी नहीं की जाएगी।

केंद्रीय पोत परिवहन राज्य मंत्री(स्वतंत्र प्रभार) मनसुख मंडावियाने सरकार की कार्गो परिवहन नीति के कार्यान्वयन के लिए भारतीय शिपिंग की तैयारी की समीक्षा की।

यह अनुमान है कि मेक इन इंडिया नीति, तात्कालिक तौर पर भारतीय फ्लैग जहाज़ों की संख्या को कम से कम दोगुनी (3 साल की अवधि में वर्तमान के लगभग 450 से बढ़कर900जहाज) करने का अवसर प्रदान करेगी। इसके अलावा भविष्य में भारतीय फ्लैग टन भार में अतिरिक्त निवेश होने की भी सम्भावना रहेगी।

आधुनिक समुद्री प्रशासन के साथ, प्रशिक्षित नाविकों की निरंतर आपूर्ति व पहले से ही उपलब्ध जहाज प्रबंधन कौशलके साथ दुनिया भर के जहाज मालिकों कोसरकारी कार्गो के परिवहन के सन्दर्भ में सरकार की मेक इन इंडिया नीति का लाभ उठाने हेतुभारत में अपने जहाजों को फ्लैग करने के लिए आमंत्रित किया गया है।