मीठे गन्ने को भाजपा की रूपानी और मोदी सरकार ने कड़वे जहर में बदल दिया है

गांधीनगर, 2 जून 2021

गन्ना उत्पादन में गुजरात को बड़ा झटका लगा है। जब से भाजपा के नेतृत्व वाली मोदी और रूपानी  सरकार सत्ता में आई है, मीठे गन्ने को कड़वा बनाने के लिए भाजपा सरकार जिम्मेदार रही है। गन्ना उत्पादन और चीनी उत्पादन में गुजरात पिछड़ा बन गया है। देश में उत्पादन में सालाना 38 प्रतिशत की वृद्धि हो रही है, लेकिन किसान विरोधी नीतियों के कारण गुजरात में उत्पादन घट रहा है। चीनी मिलें बंद की जा रही हैं। सौराष्ट्र में अभी एक भी चीनी कारखाना नहीं है। दो थे वो बंद कर दिया है।

22 चीनी मिलों ने 12 साल पहले 13.69 लाख टन चीनी का उत्पादन किया था। जो लगातार घटकर मात्र 10 लाख टन रह गया है। यह सिलसिला पिछले 20 साल से चल रहा है। केशुभाई पटेल की आखिरी सरकार थी जिसने चीनी उत्पादन को इतनी अच्छी तरह बढ़ाया। लेकिन फिर मोदी और रूपाणी की सरकार में एक साल ऐसा आया जब केवल 8.77 लाख टन चीनी का उत्पादन हुआ। वास्तव में नर्मदा योजना आने से चीकीना उत्पादन 20 लाख टन हो जाना चाहीये था।

नई खोज बंद

पिछले 15 वर्षों से गन्ने से बनने वाली चीनी का प्रतिशत 10.50 प्रतिशत रहा है। इसका शाब्दिक अर्थ है कि न तो सरकार और न ही कृषि विश्वविद्यालयों ने ऐसी किस्मों की खोज पर ध्यान दिया है जो गन्ने में अधिक चीनी प्राप्त कर सकें।

6 मिले बंद

20 चीनी मिलों में से छह को बंद कर दिया गया है। सौराष्ट्र में दो चीनी मिलें भी बंद हो गई हैं। सभी चीनी मिलें दक्षिण गुजरात में हैं। चूंकि भाजपा नेताओं की किसान विरोधी मानसिकता है, इसलिए वे गन्ने को कोई महत्व नहीं देते हैं।

नर्मदा बांध का कोई फायदा नहीं हुंआ

नर्मदा के बांध होने के बाद चीनी मिलों की संख्या 20 से बढ़कर 40 हो जानी चाहिए थी। यदि किसानों को खेत तक नहरें बनाकर 20 लाख हेक्टेयर में नियमित पानी दिया जाता तो 10 लाख टन चीनी का उत्पादन बढ़ाकर 20 लाख टन किया जा सकता था। लेकिन सच्चाई यह है कि ऐसा नहीं हुआ है, इसका मतलब यह है कि नर्मदा परियोजना 50 फीसदी भी सफल नहीं है।

2001 में जब नर्मदा परियोजना शुरू हुई थी तब 130 लाख टन गन्ना परिपक्व हो रहा था। अब यह घटकर महज 103 लाख टन रह गया है। इस प्रकार नर्मदा परियोजना के पूरा होने के बाद 250 लाख टन गन्ने की कटाई हो जानी चाहिए थी।

देश आगे गुजरात पीछे

भारत का चीनी उत्पादन 2021 में 216.13 लाख टन से बढ़कर 258.68 लाख टन हो गया है, जिसमें 42.55 लाख टन की वृद्धि हुई है – 15 मार्च तक 330 चीनी मिलों से 20 प्रतिशत। साल के अंत में 15 मई 2021 को चीनी उत्पादन में 38% की वृद्धि हुई।

महाराष्ट्र की 140 चीनी मिलों में से 94.05 लाख टन चीनी का उत्पादन हुआ। जो पिछले साल 55.05 लाख टन था। कर्नाटक में चीनी का उत्पादन 33.35 लाख टन से बढ़कर 41.35 लाख टन हो गया।

गुजरात में दो चीनी मिलें बंद कर दी। 15 मार्च 2021 को 15 मिलों ने 8.49 लाख टन चीनी का उत्पादन किया। जो 2020 में 7.78 लाख टन था। 2020-21 में 161 लाख टन गन्ने की कटाई के लिए कृषि विभाग जिम्मेदार था।

उत्पादकता कम

महाराष्ट्र में 81 हजार किलो, केरल में 1 लाख किलो और गुजरात में 70 हजार किलो प्रति हेक्टेयर गन्ना उगाया जाता है। इस प्रकार गुजरात गन्ना उत्पादन में पिछड़ गया है।