नागरिक सहभागिता मंच ने भागीदारी वाले शासन के 6 साल पूरे किये

ट्विटर पर 2.1 मिलियन, फेसबुक पर 1.1 मिलियन, इंस्टाग्राम पर 1 मिलियन से अधिक फॉलोवर्स के साथ यह मंच सोशल मीडिया पर सबसे सक्रिय प्रोफाइल में से एक है

कानून एवं न्याय, संचार, इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री, श्री रविशंकर प्रसाद ने कहा, “माईगव आंदोलन को आगे बढ़ना चाहिए।“वे माईगव (MyGov) के 6 साल पूरे होने पर आयोजित एक कार्यक्रम में बोल रहे थे।
इससे पूर्व, माईगव‘साथी’ – 1.2 करोड़ माईगव के उपयोगकर्ताओं एवं फॉलोवर्स के प्रतिनिधि -ने आज नागरिक सहभागिताएवं भागीदारी वाले शासन के 6 वर्ष पूरे किये।

श्री प्रसाद ने माईगव द्वारा किये जा रहे कार्यों की सराहना की और कहा कि माईगव के माध्यम से प्रत्येक नगर निकाय, हर जिले एवं हर पंचायत नागरिकों की सहभागिता हासिल करने के लिए पहल करें और अपने विचारों को साझा करने के लिए सबसे प्रतिभाशाली दिमाग को एक मंच देने का उत्प्रेरक बनें। माननीय मंत्री ने माईगव से प्रभावी डेटा विश्लेषण को सक्षम बनाने तथा नागरिकों द्वारा दिये गये सुझावों को संबंधित विभागों के साथ साझा करने और उसे कार्रवाई योग्य कदमों में बदलना सुनिश्चित करने का भी आह्वान किया।

इस ऑनलाइन कार्यक्रम में मानव संसाधन,संचार, इलेक्ट्रॉनिक्स एवं आईटी राज्य मंत्री श्री संजय धोत्रे,इलेक्ट्रॉनिक्स एवं आईटी मंत्रालय के सचिवश्री अजय साहनी; और माईगव के सीईओ श्री अभिषेक सिंह भी उपस्थित थे। इस समारोह में कुछ अति विशिष्ट अतिथि भी थे: असम, उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश और त्रिपुरा के मुख्यमंत्री, जिनके वीडियो संदेश कार्यक्रम के दौरान साझा किये गये। नागालैंड से लेकर केरल तथा मुंबई से लाकर कश्मीर तक के साथियों ने इस अवसर को यादगार बनाने के लिए विशेष रूप से रचित गीत और कविताएं प्रस्तुत कींऔर नागरिक के जुड़ाव केसाथ ही हमारे राष्ट्र को आत्मनिर्भर बनाने के विचारों एवं सुझावों को भी साझा किया।

राज्यमंत्री श्री संजय धोत्रे ने माईगव का रचनात्मक एवं सहभागी शासन को मजबूत करके शासन को आगे बढ़ाने का लक्ष्य रखने का आह्वान किया।

अजय साहनी ने माईगव को देश के हर व्यक्ति तक पहुंचने के लिए क्षेत्रीय भाषाओं में अपने दायरे का विस्तार करने को कहा।

माईगव नागरिक सहभागिता मंच का शुभारंभ 26 जुलाई 2014 को माननीय मंत्री द्वारा माईगव के बारे में उस दृष्टि के साथ किया गया था, जैसा कि प्रधानमंत्री द्वारा उल्लेख किया गया है: “आइए हम सुराज के प्रति इस जन आंदोलन में शामिल हों, लोगों की आशा एवं आकांक्षाओं को महसूस करें तथा भारत को और अधिक ऊंचाइयों पर ले जाएं।”

माईगव.इन की अवधारणा भारतीय नागरिकों के एक साझा मंच के तौर पर “नागरिकों से शासन संबंधी विचारों को हासिल करने” के लिए रखी गयी थी।

माईगव प्लेटफ़ॉर्म सरकारी विभागों, नीति निर्माताओं एवं कार्यान्वयनकर्ताओं के साथ सीधे संपर्क करके सभी चरणों में शासन संबंधी अहम मुद्दों पर अपने विचार साझा करने के लिए नागरिकों और दुनिया भर के सभी हितधारकों को एक अवसर प्रदान करता है।

माईगव सफलतापूर्वक सरकारी कार्यक्रमों और नीतियों से संबंधितनागरिक सहभागिता एवं सूचना प्रसार के एक पसंदीदा मंच में बदल गया है। 2014 में लॉन्च होने के बाद से, माईगव में 122 लाख से अधिक पंजीकृत उपयोगकर्ता हैं, 953 कार्यों में 7,78,000 के आसपास सबमिशन किए गए हैं और 839 चर्चा मंचों पर लगभग 45 लाख टिप्पणियां प्राप्त हुई हैं। 126 प्रश्नोत्तरी कार्यक्रमों में लगभग 53 लाख लोगों ने भाग लिया है और 24 प्लेज में 33.70 प्लेज ली गई है।

लगभग सभी सरकारी विभाग अपने नागरिक सहभागिता की गतिविधियों, नीति निर्माण के लिए परामर्श और साथ ही विभिन्न सरकारी योजनाओं एवं कार्यक्रमों के बारे में नागरिकों को जानकारी प्रसारित करने के लिए माईगव मंच का लाभ उठाते हैं।

माईगव सोशल मीडिया – ट्विटर, फेसबुक, इंस्टाग्राम, यूट्यूब और लिंक्डइन – पर सबसे सक्रिय प्रोफाइलों में से एक है। ट्विटर पर इसके 2.1 मिलियन, फेसबुक पर 1.1 मिलियन और इंस्टाग्राम पर 1 मिलियन से अधिक फॉलोवर्स हैं।

माईगव ने 12 राज्यों में राज्यव्यापी उदाहरण भी लॉन्च किए हैं और अन्य राज्य भी इस राह पर आगे बढ़ रहे हैं।

माईगव की पहुंच ने नीति निर्माण के दौरान नागरिकों से उनकी प्रतिक्रिया प्राप्त करने में मदद की है, जिसके परिणामस्वरूप कार्यक्रमों और योजनाओं का विकास होता है, जो नागरिकों की प्रमुख चिंताओं को दूर करने में सक्षम होता है। इसने सरकार को नागरिकों तक पहुंच बढ़ाने में भी मदद की है, जिससे सरकार की छवि में सुधार हुआ है। माईगव आज विभिन्न प्रकार के सहभागिता मॉडल के साथ-साथ सरकार के विभिन्न फ्लैगशिप कार्यक्रमों के प्रदर्शन संबंधी संकेतकों की पेशकश के साथ एक संपूर्ण और उत्तम सहभागिता मंच के रूप में विकसित हुआ है।

माईगव आज कोरोना के इस कठोर और कठिन समय के दौरान नागरिकों के लिए जानकारी का एक विश्वसनीय स्रोत बन गया है। इसकी टीम ने यह सुनिश्चित करने के लिए व्यापक पैमाने पर काम किया है कि समय पर और सही जानकारी नागरिकों तक पहुंचे।