भारतीय नौसेना प्राकृतिक आपदाओं और ऐसी ही अन्य आकस्मिक स्थितियों में प्रभावित लोगों की मदद के लिए बचाव और राहत कार्य करने में हमेशा सबसे आगे रही है।
पश्चिमी तट पर मानसून का आना लगभग तय होने के साथ ही शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में भारी बारिश के कारण बाढ़ की स्थितियां उत्पन्न होने की आशंकाओं को देखते हुए नौसेना की पश्चिमी कमान ने बाढ़ राहत, बचाव और डूबने से लोगों को बचाने के लिए संबधित राज्य सरकारों के सहयोग से पर्याप्त संसाधन जुटा लिए हैं।
मुंबई में, नौसेना की पश्चिमी कमान पूरे मानसून सीजन के दौरान अपनी पांच बाढ़ बचाव टीमों और तीन गोताखोर टीमों के साथ किसी भी आकस्मिक स्थिति से निपटने के लिए तैयार रहेगा। ये दल आपदा की स्थिति में तुरंत कार्रवाई करने के लिए शहर के विभिन्न नौसेना क्षेत्रो में तैनात किए गए हैं।
ये राहत और बचाव के लिए जरूरी सभी उपकरणों से सुसज्जित हैं और बचाव कार्यों में इन्हें पूरी तरह से प्रशिक्षित किया गया है। बाढ़ संभावित क्षेत्रों की पहचान की जा रही है और सभी आवश्यक तैयारियां चल रही हैं।
इसी तरह की व्यवस्था करवार, गोवा और गुजरात में दमन और दीव में भी नौसेना की तैनाती वाले क्षेत्रों में की गई है। इसके अलावा, मुंबई, गोवा और पोरबंदर के विभिन्न नौसेनिक अड्डों पर नौसेना के डोर्नियर विमान और हेलीकॉप्टर बाढ़ से बचाव के लिए दुर्गम स्थानों में बचाव टीमों को ले जाने तथा फंसे लोगों को निकालने के लिए तैयार खड़े हैं।
संबंधित क्षेत्र के स्टेशन कमांडर राज्य अधिकारियों, NDRF और SDRF के संपर्क में हैं और कम से कम समय में संकट की स्थिति से निपटने में सक्षम हैं।
अरब सागर से उठे चक्रवाती तूफान निसर्ग को देखते हुए सभी टीमों को सतर्क कर दिया गया है और उन्हें तूफान के दौरान मानवीय सहायता और आपदा राहत (HADR) की किसी भी आवश्यकता के लिए तत्परता से काम करने के लिए तैयार रखा गया है।