नवनीश कुमार, न्यूज क्लिक | 09 May 2023
“इन दिनों द केरला स्टोरी खूब चर्चा में है। मुद्दा यह है कि गुजरात मॉडल क्यों नहीं? इस खबर और तथ्यों के बाद भी नहीं कि 5 साल में गुजरात से 41,621 महिलाएं लापता हो गई हैं। इतने पर भी कहानी केरल की सुनाई जा रही है। प्रचार और चिंता केरल की है। गुजरात कांग्रेस के प्रवक्ता हिरेन बैंकर कहते हैं, ‘भाजपा के नेता 2016 में केरल में महिलाओं की स्थिति की बात करते हैं, लेकिन देश के पीएम और गृहमंत्री के गृह राज्य गुजरात में 41,000 से अधिक महिलाएं गायब हो गई हैं, पर कोई चर्चा/चिंता नहीं है। आखिर क्यों?’
missing women
गुजरात में 5 साल के दौरान 41,000 से अधिक महिलाओं के लापता होने के मामले सामने आए हैं। राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (NCRB) के आंकड़ों के अनुसार, 2016 में 7,105, 2017 में 7,712, 2018 में 9,246 और 2019 में 9,268 महिलाएं लापता हुई है। 2020 में 8,290 महिलाओं के लापता होने की सूचना थी, जिसके बाद कुल संख्या 41,621 तक बढ़ जाती है।
संयोग से राज्य सरकार द्वारा 2021 में विधानसभा में दिए गए एक बयान के अनुसार, अहमदाबाद और वडोदरा में ही, एक साल (2019-20) में 4,722 महिलाएं लापता हो गई थीं। द न्यू इंडियन एक्सप्रेस में प्रकाशित रिपोर्ट के अनुसार, पूर्व आईपीएस अधिकारी और गुजरात राज्य मानवाधिकार आयोग के सदस्य सुधीर सिन्हा ने कहा, ‘कुछ लापता व्यक्तियों के मामलों में मैंने देखा है कि लड़कियों और महिलाओं को कभी-कभी गुजरात के अलावा अन्य राज्यों में भेजा जाता है और वेश्यावृत्ति के लिए मजबूर किया जाता है।’
उन्होंने आगे कहा, ‘पुलिस की समस्या यह है कि वह गुमशुदगी के मामलों को गंभीरता से नहीं लेती है। ऐसे मामले हत्या से भी गंभीर होते हैं। ऐसा इसलिए क्योंकि जब कोई बच्चा लापता हो जाता है, तो माता-पिता अपने बच्चे के लिए सालों तक इंतजार करते हैं, और गुमशुदगी के मामलों की हत्या के मामले की तरह ही सख्ती से जांच की जानी चाहिए।’ सिन्हा ने कहा, ‘गुमशुदा लोगों के मामलों की अक्सर पुलिस द्वारा अनदेखी की जाती है, क्योंकि उनकी जांच ब्रिटिश काल के तरीके से की जाती है।’
पूर्व अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक डॉ. राजन प्रियदर्शी ने कहा कि लड़कियों के लापता होने के लिए मानव तस्करी जिम्मेदार है। उन्होंने कहा, ‘मेरे कार्यकाल के दौरान मैंने देखा कि अधिकांश लापता महिलाओं को अवैध मानव तस्करी समूहों द्वारा उठाया जाता है, जो उन्हें दूसरे राज्य में ले जाते हैं और बेच देते हैं।’ उन्होंने कहा, ‘जब मैं खेड़ा जिले में पुलिस अधीक्षक (एसपी) था, तो उत्तर प्रदेश के एक व्यक्ति ने, जो जिले में एक मजदूर के रूप में काम कर रहा था, एक गरीब लड़की को उठाया और उसे अपने मूल राज्य में बेच दिया, जहां उसे खेत मजदूर के तौर पर काम पर लगाया गया था। हम उसे छुड़ाने में कामयाब रहे, लेकिन कई मामलों में ऐसा नहीं होता है।’
गुजरात कांग्रेस के प्रवक्ता हिरेन बैंकर ने कहा, ‘भाजपा के नेता 2016 में केरल में महिलाओं की स्थिति पर बात करते हैं, लेकिन देश के पीएम और गृहमंत्री के गृह राज्य गुजरात में 41,000 से अधिक महिलाएं गायब हैं, पर कोई चर्चा नहीं है।’
वरिष्ठ पत्रकार कृष्ण अय्यर, पीएम मोदी और उनके गुजरात मॉडल पर सवाल उठाते हैं। कहते हैं कि PM मोदी, गृहमंत्री अमित शाह की सदारत वाली NCRB (नेशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो) ने बताया है कि पिछले 5 सालों में गुजरात से 41,261 औरतें ग़ायब कर दी गई हैं। इस गुनाह के लिए आप, अमित शाह और गुजरात सरकार ज़िम्मेदार हैं। कहा कि गुजरात सरकार ने 2021 में विधानसभा में इस बात को क़ुबूल किया है। गुजरात की इन औरतों का क्या हुआ, पर पीएम मोदी को जवाब देना चाहिए?
सवाल खड़े करती है रिपोर्ट: कांग्रेस
गुजरात में पिछले 27 सालों से बीजेपी का शासन है। पिछले साल दिसंबर में हुए चुनावों में बीजेपी एक बार फिर सत्ता पर काबिज हुई। ऐसे में पांच साल में 41,621 महिलाओं की गुमशुदगी का आंकड़ा काफी बड़ा है। गुजरात प्रदेश कांग्रेस समिति (GPCC) के प्रवक्ता हिरेन बैंकर कहते हैं कि बीजेपी के नेता केरल में महिलाओं की स्थिति पर बात करते हैं, लेकिन गुजरात जो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह का गृह नगर है। यहां से 41 हजार से ज्यादा महिलाएं लापता हुई हैं। यह चिंताजनक है।
‘गुजरात मॉडल’ पर सवाल: आप
आम आदमी पार्टी की गुजरात प्रदेश की महिला अध्यक्ष रेशमा पटेल कहती हैं कि यह आंकड़ा सीधे-सीधे गुजरात मॉडल पर सवाल खड़े करता है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुजरात मॉडल को पूरे देश में घुमाया, लेकिन सच यह है इसनी बड़ी संख्या में गुजरात की बेटियां और महिलाएं लापता हैं। पटेल ने कहा कि अगर बीजेपी की केंद्र और राज्य की सरकार तनिक भी संवेदनशील है तो इन लापता बहनों और बेटियों की खोजबीन तत्परता से होनी चाहिए। मेरी मांग है कि सरकार ने खोजकर उनके पुर्नवास की व्यवस्था करें।
साभार : सबरंग