एक किसान का खेती में अनोखा योगदान, शुरू करनी पड़ी खुदकी फैक्टरी !

एक किसान ने खुद के खेत में किये सैंकड़ो प्रयोग !

13 साल का अविश्रांत परिश्रम, 370 लोगो का साथ और एक अद्भूत खोज ! जो समृद्ध बनाये किसान को !! जो मुक्त कर दे देश को- रासायनिक खाद और जहरीली दवा से !!

महाराष्ट्र के धुळे स्थित श्री चौरसिया ने अनेक संकटों से घिरे खेती की समस्याओं के मूल कारण तक जानेे की ठाण ली।अपने खेत में अनेक प्रयोग शुरु किये। खेती हजारो साल से चल रही हैं। मगर पिछले 50 सालमें ही समस्याऐं शुरू हुई और विकराल स्वरूप धारण करती गयी। देश में लाखो हेक्टर जमीन का बंजर होना – किसानों की आत्महत्याऐं – किसानोंका हतोत्साहित होकर खेत बेच के शहर में बेसहरा मजदूर बनना -भोजन जहरीला बनने से बढती बिमारियां…अनेक कारणों ने उनका संकल्प दृढ किया और शुरू हुई एक शृंखला – अनेक प्रयोगोंकी – अपने ही खेत में। अनेक किसान और विशेषज्ञों से सलाह मशवरा करते करते संशोधन कि दिशा स्पष्ट होती गयी।
“जो निसर्ग जंगलोंमें 100% काम करता है वो अपने खेत मै सिर्फ 20% काम करता है।
अगर कुदरत/निसर्ग को पुरी ताकद से आपके खेत में काम करने दिया जाय तो खेती के बहुत सारे प्रॉब्लेम खत्म हो जायेंगे, निर्माण ही नहीं होंगे।”
मतलब –
पिछले 50 सालों में हम कुदरत के काम में बाधा डाल रहे है। खेत में कार्यरत नैसर्गिक जैविक यंत्रणा को हमने जाने अनजाने बड़ी आहत पहुंचाई। खेती में असंतुलन पैदा कर दिया। मानवनिर्मित यह बाधा हटा दे तो अत्यंत आश्चर्य जनक परिणाम मिलेंगे। जैसे पहले ही साल 50% उत्पादन मैं बढ़ोतरी !
मतलब-पिछले साल गन्ना 50 टन प्रति एकड़ तो इस साल 75?
टमाटर 2000 क्रेट तो इस साल 3000 क्रेट ?
जी हाँ। बिलकूल। इतना ही नहीं तो नॅचरल इकोसिस्टम पुनर्प्रस्थापित हो जाये तो उत्पाद में 3 गुना बढ़ोतरी । रासायनिक खाद की जरुरत ख़त्म। फसल अन्दर से इतनी ताकदवर की हर किड ,रोग का यशस्वी मुकाबला करे याने जहरीली दवाइयाँ बंद। जमीन का ph बैलेन्स एकदम ठीक और पूरा खेत हजारो केचुओं से हरदम के लिये भर जाना ; याने साल मै 2 से 6 लाख रुपये का केचुआ खाद फ्री उपलब्ध।
आवश्यक बॅक्टेरिया काउंट प्रतिग्राम 10 करोड़ से जादा बढना। जमीन में ऑक्सिजन का बढना और फसल के दुष्मन विषाणूओं का जमीनसे कम होते जाना। और फिर हार्ड बनी जमीन का इतनी मुलायम उपजाऊ होते जाना की अब उसे किसी बाहरी सहारे की जरुरत न हो। एक तीर में दस बारा निशान। कुल मिलाकर लागत मूल्य 80℅ से घटाना और उत्पाद 3 गुना बढ़ाना।
मल्टीप्लायर के इन अद्धभुत परिणामों के बारे मै पूछते है तो संशोधक किसान चौरसिया जी कहते है की ये सब निसर्ग का कमाल है। हमें निसर्ग को हमारे खेत मै 100% काम करने देना चाहिए, उसके काम में बाधा डालना बंद कर देना चाहिए।
उत्पाद 3 गुना और मिट्टी मुलायम उपजाऊ होने के बाद मल्टीप्लायर के इस्तेमाल की आवश्यकता नहीं है – ऐसा चौरासियाजी ने बताया । एक सच्चा किसान ही ऐसी बात कर सकता है। पडोसी किसान और पडोसी गांव के किसानों की माँग बढती गयी तो उन्हें इसका व्यावसायिक रीती से निर्माण करना पड़ा और अब ये 15 राज्यों के किसानों तक पहूँच रहा है। बढती माँग के कारण उन्हें इसकी फैक्टरी खोलनी पड़ी। अब एक खोज और संकल्प की पूर्ति का समाधान उनके चहरे पर झलकता है, और साथ में देश के हर किसान की मदत करने का दृढ़ संकल्प !!!

इस क्रन्तिकारी खोज को आपके एरिया के किसानो तक पहूँचाने के लिए आप संपर्क कर सकते है।

इरादा अगर नेक हो तो महाविनाश की ताकत रखनेवाली प्रकृति भी आपका साथ देती है | अगर सिर्फ खुद के बारे में सोचोगे तो शायद पाओ या ना पाओ परंतु लोगों के बारे में सोचोगे तो आपकी सोच को कामयाब होने से कोई नहीं रोक सकता |

हमारी कंपनी ने किसान भाइयों को सुखी और समृद्ध बनाने के लिए सन २००१ से सन २०१४ इन १३ वर्षों में अविरत अनुसंधान करके एक ऐसे उत्पाद का निर्माण करने में सफलता पाई है कि जिस उत्पाद कि मदद से किसान भाई कि फसल कीड़ और रोग से मुक्त हो जाएगी साथ-साथ रासायनिक खादों से भी मुक्त हो जाएगी |

इस उत्पाद के परिक्षण भारी ज़मीन , मध्यम ज़मीन तथा रासायनिक खादों के अत्याधिक इस्तेमाल से पूरी तरह से ख़राब हो गयी ज़मीन पर किए, और सफलतम परिणामों के बाद आज यह उत्पाद मल्टीप्लायर के नाम से सिर्फ कुछ ही महीनों के अल्प समय में भारत वर्ष के सात राज्यों में अपनी सफलता के झंडे गाड़ चुका है | बहुत जल्द यह उत्पाद भारत के प्रत्येक राज्य में पहुँचाने का कार्य प्रगति पर है |

इस क्रन्तिकारी उत्पाद को भारत भर पहुँचाना एक कठिन कार्य था | कृषि के क्षेत्र में कार्यरत व्यवसायी इस कार्य में रूचि लेने कि संभावना अत्यल्प है क्योंकि मल्टीप्लायर सभी उत्पादों को खेती से दूर करनेवाला है | जिन्हें अनेक उत्पाद बेचना है वे लोग इस कार्य में मदद नहीं करेंगे | इस उद्देश्य से इस उत्पाद को किसान भाइयों तक पहुँचाने के लिए हमने जन सहभाग कि योजना बनाई | इस योजना के माध्यम से कम से कम कीमत में उत्पाद किसान भाइयों तक पहुँचाया जा रहा है तथा यह भी देखने में आ रहा है कि किसान भाइयों को सुखी व समृद्ध देखने कि इच्छा रखनेवाले कुछ कृषि उत्पादन विक्रेता भी इस कार्य में हमारे साथ कंधे से कंधा मिलाकर आगे बढ़ रहे हैं |

मल्टीप्लायर का उत्पादन व वितरण दोनों ही कार्य कंपनी को करने थे, इसीलिए निर्मिती व्यवस्था व वितरण व्यवस्था दोनों ही कार्य सुचारू रूप से चलते रहें, ऐसे प्रतिभासंपन्न कार्यसम्राट व्यक्तियों का शोध करके, उनको कंपनी में डायरेक्टर का पद स्वीकार करने के लिए उनसे अनुरोध किया गया, तथा उनके कार्यक्षेत्र से संबंधित जिम्मेदारी उन्हें दी गई |

आपकी कंपनी एकमेव ऐसी कंपनी कह सकते हैं जिसके सभी महत्वपूर्ण विभागों के मुख्य पद पर डायरेक्टर विराजमान हैं इसीलिए निर्मिती से लेकर वितरण तक का कार्य सुचारू रूप से गतिमान है |

कंपनी की निर्मिती कार्यशाला तथा विपणन कार्यालय महाराष्ट्र राज्य के धुलिया शहर से चार किलोमीटर दूर हवाई अड्डे के पास राज्य महामार्ग पर स्थित है |

कंपनी की निर्मिति कार्यशाला , प्रधान कार्यालय , प्रोसेस मटेरियल गोडाउन तथा रेडी मटेरियल गोडाउन २६.५ एकर के प्लाट में स्थित हैं |

Soil improvement मिट्टी सुधार
मिटटी को प्रकृतिक बनाओ खाद से छुटकारा पाओ |
मल्टीप्लायर ना खाद है ना दवा है, क्योंकि आपकी फसलों को ना खाद की आवश्यकता है ना दवा की, किसी भी वनस्पति को चाहे वह जंगल में हो या आपके खेत में, उसे लगनेवाले भोजन का ९६.२ प्रतिसत भोजन सूर्यप्रकाश, हवा तथा पानी से मिलता है, हमने हमारी मिटटी को रासायनिक खाद डाल-डालकर ख़राब कर दिया है, इस कारण इसलिए हमारी फसलें समुचित मात्रा में भोजन नहीं बना पाती, जंगल की मिटटी में किसी ने रासायनिक खाद नहीं डाला इसलिए जंगल में वनस्पति आसानी से बढ़ रही है, इसलिए हमारी मिटटी में प्राकृतिक पोषण की व्यवस्था को फिर से बहाल करना है, एक बार आपकी मिटटी प्राकृतिक बन गयी की फिर आपकी फसलों को किसी खाद की आवश्यकता नहीं है,मल्टीप्लायर आपकी मिटटी को प्राकृतिक बनाता है, मिटटी प्राकृतिक बनने के बाद आपको मल्टीप्लायर भी डालने की आवश्यकता नहीं है |