गुजरात से चीनमें नमक का निर्यात बढ़ गया

सड़कों से बर्फ को हटाने का काम ज्यादातर सोडियम क्लोराइड या अन्य केमिलकल का उपयोग करके होता है। इसके लिए नमक का उपयोग किया जाता है। बर्फबारी के चलते सड़कें फिसलन भरी हो जाती हैं। दुर्घटनाओं को रोकने के लिए जल्द से जल्द बर्फ को पिघलाना जरूरी होता है।
गुजरात में बनने वाला नमक चीन के रास्ते यूरोप, अमेरिका और रूस पहुंचता है। इसमें लॉजिस्टिक का खर्च भी कम आता है। चीन भी भारत से बड़ी मात्रा में नमक आयात करता है और यह अपना खराब क्वॉलिटी वाला नमक ध्रुवीय प्रदेशों में डीआइसिंग के लिए निर्यात करता है।
कच्छ के एक नमक निर्माता ने बताया, ‘डीआइसिंग में सस्ता केमिकल उपयोग करने के लिए ही गुजरात से दुनियाभर में नमक का निर्यात बढ़ गया है। सामान्य तौर पर सितंबर से इसकी मांग बढ़ जाती है। इस दौरान 7 से 8 लाख टन नमक प्रति महीने निर्यात होता है।’