गुजरात के लोगों के 20 ज्वलंत सवाल, रुपाणी जवाब दे

अहमदाबाद, 28 अप्रैल 2020
प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने नई दिल्ली से राज्य के मुख्यमंत्रियों के साथ एक वीडियो सम्मेलन आयोजित किया।
इस वीडियो कॉन्फ्रेंस में, मुख्यमंत्री विजय रूपाणी ने गुजरात द्वारा उठाए गए उपायों की श्रृंखला पर विस्तार से चर्चा की, जिसमें स्वास्थ्य उपायों और कोरोना के बढ़ते प्रसार को रोकने के लिए लॉकडाउन का सख्त पालन शामिल है।

लोको का मानना है की, विजय रूपानी गुजरात की सही स्थिति का वर्णन नहीं करते हैं। लोगों की दर्दनाक कहानियां बताने के बजाय उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को अच्छी बातें बताई हैं।
मुख्यमंत्री विजय रूपानी को इस सवाल का जवाब देना चाहिए कि जनता उनसे पूछ रही है । प्रधानमंत्री से पूछ रही है, उन्हें गुजरात के हित में आक्रामक होना चाहिए।

गुजरात के लोग मुख्यमंत्री और प्रधानमंत्री से सवाल पूछ रहे हैं।
लोगों की पीड़ा क्या है?
1 अचानक लॉकडाउन की घोषणा करके गुजरात में लाखों लोगों के जीवन को बर्बाद कर दिया
2 क्यों नहीं गुजरात में काम करने वाले 1 करोड़ लोगों का सड़क के बीच में खड़ा रख दीया।
3 पुलिस ने लोगों को क्रूरतापूर्वक पिडित किया है। जनता पर सड़क के बीच में हमला किया गया है, जो कानून के खिलाफ है। लेकिन किसी के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की गई है।
4 आपदा प्रबंधन अधिनियम और आईपीसी के परिणामस्वरूप 95,000 लॉकडाउन अपराधों और 1.37 लाख लोगों को हिरासत में लिया गया और 1.37 लाख वाहनों को जब्त किया गया।
5 किसानों की उपज खेत में गिर रही है क्योंकि यह बेचा नहीं गया है। राष्ट्रीय बिगाड के लिए कौन जिम्मेदार है?
6 गुजरात का आर्थिक नुकसान एक लाख करोड़ से अधिक है, केंद्र सरकार या प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुआवजे की मांग क्यों नहीं।
7 समय से एपीएमसी बाजार क्यों नहीं खोला गया ? किसानो को नुकसान हुंआ है वों सरकार मुहावजा देगी या ईन्स्युरंस कंपनी भरपाई करेगी ए क्युं नहीं बता रहे हो।
8 सभी निजी अस्पतालों को कोरोना के इलाज की अनुमति क्यों नहीं है?
9 सरकार ने कोरोना ईलाज करके कितने करोड़ रुपये बीमा कंपनियों को  फायदा करवाया। यदि निजी डॉक्टरों को इलाज की अनुमति दी गई, तो लागत सरकार को ज्यादा खर्च करने की जरूरत नहीं होती।  बीमा कंपनियों को लागत वहन करनी होती। सरकार को करोड़ों रुपये का फायदा होता।
10 यदि कोरोना परीक्षण नकारात्मक है, तो उन्हें घर – वतन जाने की अनुमति क्यों नहीं दी जाती है?
11 यदि सरकार सभी को भोजन उपलब्ध करा रही है, तो आज लाखों लोगों को स्वैच्छिक संगठनों और लोगों भोजन क्यों दान करना पडतां है। उन्होंने लाखों लोगों को राहत सामग्री और दवा दी है। तो वहां सरकार नहीं है।
12 चीन में कोरोना के प्रकोप के बावजूद रुपाणी ने अहमदाबाद में ट्रम्प के कार्यक्रम में 50 लाख लोगों को इकट्ठा होने क्युं दिया। उस दीन से पहले गुजरात के सभी एरपोर्ट बंध नहीं करके विदेश से लोकोनो आने क्युं दीया। आ गये तो सभी को तपास नहीं की। पहले का जीतने केस आये है वो विदेश से जो लोक आये उनका था तो कोन जीम्मेदार ।
13 मुख्यमंत्री अल्पसंख्यक कॉम से आते हैं। आप सभी धर्मों के हैं, फिर भी आपने यह क्यों कहा कि कोरोना मुस्लिम समुदाय द्वारा फैलाया गया है।  फीर मुख्यमंत्री ने ऐसा गैरजिम्मेदाराना बयान क्यों नहीं दिया? मुस्लिम देश पर दबाव बढ़ने के बाद ऐसे बयानों को क्यों रोकना पड़ा। अनेक कारनो में से दिल्ही मेें मुस्लिम समूदाई की बैठक जींमेदार है। जो दिल्ही में भाजपा के ओग गुजरात के नेता अमित शाह के विभागने क्युं बैठक की मंजूरी दी। ए प्रश्न आपने मोदी को कल क्युं नहीं पूछा।
14 महामारी के बारे में पत्रकारों को विवरण और उत्तर देने के बजाय मुख्यमंत्री या उपमुख्यमंत्री ने अधिकारियों को आगे  क्यों किया।
15 अधिकारी जनता या पत्रकारों को जवाब नहीं देते हैं। मुख्यमंत्री कार्यालय ट्विटर या फेसबुक पर लोगों के सवालों का जवाब क्यों नहीं देता है।
16 यदि , महामारी व्यापक थी, तो केवल कोरोना के 51 हजार परीक्षण क्यों किए गए थे। वे सभी क्यों नहीं थे जो परीक्षण किए जाने की इच्छा रखते थे? एक दिन में 2800 टेस्ट करने के बजाय इसका कवरेज क्यों नहीं बढ़ाया जाए। क्या मजबूरी है। जीन को दूसरी बीमांरी है उनको सरकार की अस्पतालो में क्यों सारवार नहीं दी जा रही है। ए आंक डे जारी कीया जाये।

17 सरकारी अस्पतालों में अधूरा और अमानवीय उपचार देने के बजाय सभी को संवेदनशील उपचार क्यों नहीं दिया गया।
सभी डॉक्टरों और मेडिकल स्टाफ को पूर्ण सुरक्षा सूट क्यों नहीं दिए गए? क्यों इस तरह के कितने शूट दिए गए, इसका खुलासा नहीं किया गया है।
19 अगर ड्रोन सर्विलांस और निजी समाजों के सीसीटीवी सर्विलांस सफल रहे तो सरकार द्वारा स्थापित मल्टी बिलियन रुपया नेटवर्क सफल क्यों नहीं हुआ।
20 निजी कंपनियों और फर्मों ने गरीब और मध्यम वर्ग के वेतन का भुगतान नहीं किया है। सैलरी काट दी गई है,  लोगों को नोकरी से काट दिया गया है, किसी के खिलाफ कोई कार्रवाई क्यों नहीं की गई।
जनता इन सवालों के जवाब विजय रूपानी और नरेन्द्र मोदी से चाहती है।