3डी मॉडल तकनीक जीसीआरआई में कैंसरग्रस्त सार्कोमा रोगियों के लिए अंगों को बचाती है 

3डी मॉडल तकनीक जीसीआरआई में कैंसरग्रस्त सार्कोमा रोगियों के लिए अंगों को बचाती है

3D model technique saves organs for cancerous sarcoma patients at GCRI

अमदावाद, 7 अगस्त 2022

हाल ही में अहमदाबाद के जीसीआरआई (गुजरात कैंसर रिसर्च इंस्टीट्यूट) ने हड्डी और नरम ऊतक ट्यूमर (सारकोमा) में नई तकनीक का उपयोग करना शुरू कर दिया है। जीसीआरआई में 3डी मॉडल और पोर्टेबल नेविगेशन सिस्टम की मदद से 50 सरकोमा सर्जरी की गई है।

50 मरीजों के सम्मान में कार्यक्रम का आयोजन किया गया। 35 मरीजों ने भाग लिया। उनमें से कई ने अपने अनुभव और सरकोमा से लड़ने के संघर्ष के बारे में बताया।

सारकोमा के उपचार में शीघ्र निदान आवश्यक है। जिन मरीजों को स्टेज III या IV कैंसर है और जिन्हें सर्जरी और व्यापक उपचार की आवश्यकता है। देर से निदान के कारण उन्हें उचित उपचार नहीं मिल सकता है। यहां तक ​​कि उनके अंगों को भी नहीं बचाया जा सकता है।

हड्डी और ऊतक ट्यूमर का शीघ्र पता लगाने से अधिकांश मामलों में न्यूनतम और प्रभावी उपचार के माध्यम से रोगी को राहत मिल सकती है। साथ ही उनके अंगों को भी बचाया जा सकता है।

तरल नाइट्रोजन/क्रायोसर्जरी, कंप्यूटर नेविगेशन तकनीक के साथ-साथ 3डी प्रिंटेड मॉडल और इम्प्लांट का उपयोग जटिल हड्डी और कोमल ऊतक ट्यूमर सर्जरी के लिए किया जाता है। नवोन्मेषी तरीके हमें रोगी की मूल हड्डी को संरक्षित करने में मदद करते हैं। सर्जरी में हड्डी के एक खास हिस्से को काटा जाता है।

ट्यूमर को हटा दिया जाता है, निष्फल कर दिया जाता है और एक अनुकूलित 3डी प्रिंटेड धातु की प्लेट से जोड़ दिया जाता है। इस तरह के सटीक परिणाम पारंपरिक शल्य चिकित्सा पद्धतियों से प्राप्त नहीं किए जा सकते हैं। कंधे के जोड़, घुटने के जोड़ और श्रोणि क्षेत्र से जुड़े जटिल अस्थि ट्यूमर के उपचार के लिए अभिनव शल्य चिकित्सा तकनीक एक ‘चिकित्सा वरदान’ है।

जीसीआरआई में 3डी मॉडल और पोर्टेबल नेविगेशन सिस्टम की मदद से 50 सर्जरी की गई हैं।

जीसीआरआई ऑन्कोलॉजी विभाग ने ऑन्कोसर्जरी, मेडिकल ऑन्कोलॉजी और रेडिएशन ऑन्कोलॉजी विभागों के माध्यम से आधुनिक तकनीक और गैजेट्स का उपयोग करके विभिन्न प्रकार के कैंसर के उपचार और सर्जरी का प्रदर्शन किया है।

हड्डी रोग ओंको सर्जन डॉ. अभिजीत सालुंके और उनकी टीम ने ‘रोटेशनप्लास्टी’ सर्जरी की। एक छोटे बच्चे के अंगों को सफलतापूर्वक बचा लिया गया। जिससे बच्चा जल्द ही अपने घर और स्कूल वापस जा सकेगा। रोटेशनप्लास्टी एक शल्य प्रक्रिया है जिसका उपयोग निचले अंगों के बोनी ट्यूमर के लिए किया जाता है। यह एक प्रकार की संशोधित विच्छेदन सर्जरी है।

‘टुरुनप्लास्टी’ एक ऐसी सर्जरी है जिसमें पैर को नियंत्रित करने वाली नसों को संरक्षित नहीं किया जाता है।

यह सर्जरी अंग बचाने और विच्छेदन सर्जरी के बीच का एक मध्य मार्ग है। विपरीत पैर की तुलना में संचालित पैर को छोटा किया जाता है। इसमें ठीक होने के बाद सर्जिकल पैर पर एक कृत्रिम पैर लगाया जाता है।

जीसीआरआई के निदेशक डॉ शशांक पंड्या ने कहा, सरकोमा उपचार बहु-विषयक है और जीसीआरआई के डॉक्टर और कर्मचारी सस्ती कीमत पर विश्व स्तरीय उपचार प्रदान करने के लिए कड़ी मेहनत कर रहे हैं।